रविवार, 20 जनवरी 2013

आरोग्य प्रहरी


आरोग्य प्रहरी 


(1)रोगाणु रोधी (Antiseptic ) गुणों से भरपूर है लॉन्ग का तेल (Clove 

oil).जख्म को भरने  एवं फफूंद से पैदा रोग संक्रमण में इसका स्तेमाल 

किया जा 

सकता है .

चाक़ू  ब्लेड आदि से लगे घाव (कट )को भी ठीक करने में यह 

कारगर है .

(2)खुम्बी (Mushrooms)विटामिन B3 और B2 की प्रचुरता लिए हैं .ये 

इसीलिए  वसा (फेट्स )और प्रोटीनों के अपचयन (उपपाचन ,रासायनिक 

प्रक्रियाओं द्वारा ऊर्जा में परिवर्तन )में सहायक सिद्ध होती हैं .

.कहीं आप युवा कांग्रेस की राहुल सेना तो नहीं ?

अमर सिंह राठौर का, मिले शर्तिया शीश |

 सुनो भतीजे रामसिंह, चाची को है रीस |

 चाची को है रीस, बिना सिर की यह काया |

 जाने पापी कौन, आज हमको बहकाया |

 जो भी जिम्मेदार, काट उसका सिर लाओ |

 नहीं मिले *मकु ठौर, नहीं राठौर कहाओ || *कदाचित 


                                    कुंडलीकार रविकर भाई  



   शालिनी जी कौशिक ,आपने बिना सन्दर्भ को तौले हुए ही  लिखा है जो भी लिखा है .हेमराज की माँ और पत्नी  भारत सरकार और 

भारत 


की सर्वोच्चसत्ता के  शौर्य के प्रतीक सेनापति पे दवाब 


नहीं  डाल  रहीं था सिर्फ











शुक्रवार, 18 जनवरी 2013


कलम आज भी उन्हीं की जय बोलेगी ......

कलम आज भी उन्हीं की जय बोलेगी ......
आर.एन.गौड़ ने कहा है -
   ''जिस देश में घर घर सैनिक हों,जिसके देशज बलिदानी हों.
     वह देश स्वर्ग है ,जिसे देख ,अरि  के मस्तक झुक जाते हों .''
News Photo: Martyr Hemraj Singhs wife Dharmwati and his mother…Army Chief may meet slain soldier's family
सही कहा है उन्होंने ,भारत देश का इतिहास ऐसे बलिदानों से भरा पड़ा है .यहाँ के वीर और उनके परिवार देश के लिए की गयी शहादत  पर गर्व महसूस करते हैं .माताएं ,पत्नियाँ और बहने स्वयं अपने बेटों ,पतियों व् भाइयों के मस्तक पर टीका लगाकर रणक्षेत्र में देश पर मार मिटने के लिए भेजती रही हैं और आगे भी जब भी देश मदद के लिए पुकारेगा तो वे यह ही करेंगीं किन्तु वर्तमान में भावनाओं की नदी ने एक माँ व् एक पत्नी को इस कदर व्याकुल कर दिया कि वे देश से अपने बेटे और पति की शहादत की कीमत [शहीद हेमराज का सिर]वसूलने को ही आगे आ अनशन पर बैठ गयी उस अनशन पर जिसका आरम्भ महात्मा गाँधी जी द्वारा देश के दुश्मनों अंग्रेजों के जुल्मों का सामना करने के लिए किया गया था और जिससे वे अपनी न्यायोचित मांगे ही मनवाते थे . 
         हेमराज की शहादत ने जहाँ शेरनगर [मथुरा ]उत्तर प्रदेश का सिर  गर्व  से ऊँचा किया वहीँ हेमराज की पत्नी व् माँ ने हेमराज का सिर वापस कए जाने की मांग कर सरकार व् सेना पर इतना अनुचित दबाव डाला कि आखिर उन्हें समझाने के लिए सेनाध्यक्ष को स्वयं वहीँ आना पड़ा .ये कोई अच्छी शुरुआत नहीं है .सेनाध्यक्ष की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है और इस तरह से यदि वे शहीदों के घर घर जाकर उनके परिवारों को ही सँभालते रहेंगे तो देश की सीमाओं को कौन संभालेगा?
   यूँ तो ये भी कहा जा सकता है कि सीमाओं की सुरक्षा के लिए वहां सेनाएं तैनात हैं किन्तु ये सोचने की बात है कि नेतृत्त्व विहीन स्थिति अराजकता की स्थिति होती है और जिस पर पहले ही देश के दुश्मनों से जूझने का दबाव हो उसपर अन्य कोई दबाव डालना कहाँ तक सही है ?
    साथ ही वहां आने पर सेनाध्यक्ष को मीडिया के उलटे सीधे  सवालों  के जवाब देने को भी बाध्य होना पड़ा .सेना अपनी कार्यप्रणाली के लिए सरकार के प्रति जवाबदेह है न कि मीडिया के प्रति ,और आज तक कभी भी शायद किसी भी सेनाध्यक्ष को इस तरह जनता के बीच आकर सेना के बारे में नहीं बताना पड़ा .ये सेना का आतंरिक मामला है कि वे देश के दुश्मनों से कैसे निबटती हैं और उनके प्रति क्या दृष्टिकोण रखती हैं और अपनी ये योग्यतायें सेना बहुत से युद्धों में दुश्मनों को हराकर साबित कर चुकी है .
     इसलिए शहीद हेमराज के परिवारीजनों द्वारा उनका सिर लाये जाने के लिए दबाव बनाया जाना भारत जैसे देश में यदि अंतिम बार ही किया गया हो तभी सही है क्योंकि हम नहीं समझते कि अपने परिवारीजनों का ये कदम स्वर्ग में बैठे शहीद की आत्मा तक को भी स्वीकार्य होगा ,क्योंकि कोई भी वीर ऐसी शहादत पर अपने सिर की कीमत में दुश्मनों की किसी भी मांग को तरजीह नहीं देना चाहेगा जिसके फेर में सरकार ऐसी अनुचित मांग को पूरा करवाने की जद्दोजहद में फंस सकती है बल्कि ऐसे में तो हम ही क्या देश का प्रत्येक वीर यही कहेगा कि एक ही क्यों हम अरबों हैं ,काटो कितने सिर काटोगे ,आखिर सजाओगे तो अपने मुल्क  में ही ले जाकर.ऐसे में हम तो रामधारी सिंह दिनकर के शब्दों में ही अपनी बात शहीदों के परिजनों तक पहुँचाना चाहेंगे-
  ''जो चढ़ गए पुण्य वेदी पर
          लिए बिना गर्दन का मोल
              कलम आज उनकी जय बोल .''
                     शालिनी कौशिक
                           [कौशल ]



2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Sir Ji,long,mushroom ke guno ko ujagr aapne swasthy pr लगे घाव को भी ठीक करने में accha yogdan diya hai

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी!