खानपान से जुड़ी है हमारी कई बीमारियों की नव्ज़ (पहली क़िस्त )
.
खानपान में तबदीली लाके न सिर्फ बीमारियों को बढ़ने
से रोका जा सकता है ,दुरुस्त भी किया जा सकता है .यही कहना नाम चीन होमियोपैथ डॉ नंदिता शाह का
.आप गत तीस सालों से जनरल प्रेक्टिशनर हैं पुडूचैरी में तथा संस्था 'शरण इंडिया 'की संस्थापक हैं .व्यक्ति
के तन और मन ,सम्पूर्ण स्वास्थ्य की देखभाल को बीड़ा उठाया हुआ है इस गैर -लाभार्ती संस्था ने .
बकौल आपके हम अपने शरीर के मिजाज़ को ही नहीं पहचानते हैं .अगर आप डीजल चालित वाहन को
केरोसीन से चलाएंगे ,वह खराब हो ही जायेगा .
यही हाल हमारे शरीर के मिजाज़ का है स्वभाव का है सही खाना मिलेगा तो यह काया ठीक से चलेगी .
बकौल आपके हमारे शरीर का मिजाज़ एल्केलाइन है .क्षारीय है .क्षार का pH मान 7 से अधिक होता है .pH
बोले तो potential Hydrogen.
1-6.9तक का pH मान अम्लीय तथा 7.1-14 तक का क्षारीय समझा जाता है .हमारा शरीर का कुदरती pH
स्तर 7.45
होता है ,स्वाभाविक तौर पर क्षारीय .
सभी फल और तरकारियाँ ,कुदरती सत /अर्क /जूस क्षारीय होतें हैं .मसलन नारियल पानी की प्रकृति क्षारीय
है .ज़ाहिर है पोषण के लिहाज़ से ये हमारे शरीर को माफिक आते हैं .
एनीमल प्रोटीन ,चाय ,कोफी ,चीनी ,शराब (एल्कोहल ),संशाधित डिब्बा बंद खाद्य अम्लीय स्वभाव लिए हैं .
नीरोगी काया के लिए pH स्तर में संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है .pH मान में असंतुलन कोशीय गतिविधि
में खलल डालता है .नतीजा होता है सेहत से जुड़ी परेशानियां ,अम्ल शूल (अपच के कारण छाती में होने
वाली जलन ),से लेकर दिल के रोगों की गिरिफ्त में आना ,आते चले जाना .
बचा जा सकता है इस स्थिति से ,कैसे -
पढ़िए दूसरी क़िस्त में
EAT RIGHT BE HEATHY
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खानपान में तबदीली लाके न सिर्फ बीमारियों को बढ़ने
से रोका जा सकता है ,दुरुस्त भी किया जा सकता है .यही कहना नाम चीन होमियोपैथ डॉ नंदिता शाह का
.आप गत तीस सालों से जनरल प्रेक्टिशनर हैं पुडूचैरी में तथा संस्था 'शरण इंडिया 'की संस्थापक हैं .व्यक्ति
के तन और मन ,सम्पूर्ण स्वास्थ्य की देखभाल को बीड़ा उठाया हुआ है इस गैर -लाभार्ती संस्था ने .
बकौल आपके हम अपने शरीर के मिजाज़ को ही नहीं पहचानते हैं .अगर आप डीजल चालित वाहन को
केरोसीन से चलाएंगे ,वह खराब हो ही जायेगा .
यही हाल हमारे शरीर के मिजाज़ का है स्वभाव का है सही खाना मिलेगा तो यह काया ठीक से चलेगी .
बकौल आपके हमारे शरीर का मिजाज़ एल्केलाइन है .क्षारीय है .क्षार का pH मान 7 से अधिक होता है .pH
बोले तो potential Hydrogen.
1-6.9तक का pH मान अम्लीय तथा 7.1-14 तक का क्षारीय समझा जाता है .हमारा शरीर का कुदरती pH
स्तर 7.45
होता है ,स्वाभाविक तौर पर क्षारीय .
सभी फल और तरकारियाँ ,कुदरती सत /अर्क /जूस क्षारीय होतें हैं .मसलन नारियल पानी की प्रकृति क्षारीय
है .ज़ाहिर है पोषण के लिहाज़ से ये हमारे शरीर को माफिक आते हैं .
एनीमल प्रोटीन ,चाय ,कोफी ,चीनी ,शराब (एल्कोहल ),संशाधित डिब्बा बंद खाद्य अम्लीय स्वभाव लिए हैं .
नीरोगी काया के लिए pH स्तर में संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है .pH मान में असंतुलन कोशीय गतिविधि
में खलल डालता है .नतीजा होता है सेहत से जुड़ी परेशानियां ,अम्ल शूल (अपच के कारण छाती में होने
वाली जलन ),से लेकर दिल के रोगों की गिरिफ्त में आना ,आते चले जाना .
बचा जा सकता है इस स्थिति से ,कैसे -
पढ़िए दूसरी क़िस्त में
EAT RIGHT BE HEATHY
3 टिप्पणियां:
Sir Ji,behatareen...behatareen ,jiwan aur swathy ki alakh jayaye rahiye,:Benakab"aap ke sneh aur aashirvad ki muddton aur besabri se pratiksha se rat hai
एक और बढ़िया शुरुवात ।
अगली कड़ियों पर भी नजर रहेगी -
सादर
सच में, खानपान नियमित और संयमित हो जाये तो दीर्घायु निश्चित है।
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