सेहतनामा
(1)गुस्से को अन्दर मत दबाइए .खून का घूँट पीके मत रह जाइए .उबल
पड़िए ,बरस जाइए गर्ज़न मेघ से अगर अन्दर नाराजी है तो ,गुस्से को
भीतर
भीतर दबाके सुलगते रहना आपको हृदय रोग और उच्च रक्त चाप की जद
में ला सकता है .धकेल सकता इन रोगों की ओर .
फिल वक्त भारत धर्मी समाज गुस्से में है शिंदे -दिग्विजय -मणिशंकर
तिकड़ी के
बेहूदा ,अप्रमाणित आरोपों पर ,अनर्गल प्रलाप पर .
(2)एपिल्स का सेवन दांतों पर जमी पसरी हानिकारक पर्त डेंटल प्लाक को
हटाता है .
(3)उम्र से जुड़े अंधत्व की ओर ले जाने वाले नेत्र रोग age-related
macular degeneration (AMD)के खतरे के वजन को बढाता है एस्पिरिन
का नियमित सेवन
,उम्र दराज़ उन लोगों में जो पचास के पार चले आये हैं .
आँख के परदे के बीच में एक छोटा सा पीला निशाँ (बिंदु ,धब्बा )होता है
मेकुला .
A small yellowish spot in the middle of the retina that provides the
greatest visual acuity and color perception is called macula.In AMD
there is a loss of or reduction in central vision.This is the most
common cause of poor vision in the elderly.
Age-related macular degeneration (AMD) is a deterioration or
breakdown of the eye's macula. The macula is a
small area in the retina — the light-sensitive tissue lining the
back of the eye. The macula is the part of the retina
that is responsible for your central vision, allowing you to see
fine details clearly.
The macula makes up only a small part of the retina, yet it is
much more sensitive to detail than the rest of the
retina (called the peripheral retina). The macula is what allows
you to thread a needle, read small print, and read
street signs. The peripheral retina gives you side (or
peripheral) vision. If someone is standing off to one side of
your vision, your peripheral retina helps you know that person
is there by allowing you to see their general shape.
Many older people develop macular degeneration as part of
the body's natural aging process. There are different
kinds of macular problems, but the most common is age-
related macular degeneration.
7 टिप्पणियां:
बहुत उपयोगी जानकारी..आभार!
उच्च रक्तचाप को एक साइलेंट किलर कहा गया है, इसके होने के अनेकों कारण हो सकते हैं,इसका असर शरीर के विभिन्न मर्मों पर होता है, आपने ये सही कहा है कि उत्तेजना/गुस्सा भी रक्तचाप का कारक होता है. जहाँ तक नेत्रों का सवाल है, ये तो नियामत हैं, दृष्टि नहीं तो सब तरफ अन्धेरा है. आपके सेहत्नामे की प्रतीक्षा रहती है. धन्यवाद.
बहुत उपयोगी जानकारी सर ! गुस्सा तो खुद अपने आप में एक बीमारी है... क्या करें ! इससे बचने में कोई महारत हासिल कर ले तो उससे बड़ा इलाज कोई है ही नहीं...
~सादर!!!
इस मामले में पत्नियाँ तो कामयाब रहती हैं लेकिन बेचारे पति क्या करें। :)
गुस्सा निकालने का जब कोई और रास्ता न मिले तो ज़िब्रिश करने से लाभ हो सकता है।
ज़िब्रिश ओशो द्वारा सिखाई गई एक मेडिटेशन प्रक्रिया है।
डॉ. साहब , मैं आपके दिए लिंक्स नही देख पा रही हूँ.. permission कि आवश्यकता आ रही है मेसेज में ... कृपया बताएं कि क्या करू...
बहुत उपयोगी जानकारी सर....धन्यवाद.
शरीर को भी प्रकृति के प्रवाह में बहने देना चाहिये।
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