College girl dies after horror at BF's hand
17-year-old's boyfriend inserted a screwdriver into her vagina to
bring her delayed periods
किशोरावस्था में लड़कियों की माहवारी हारमोन की घटबढ़ होने से खासकर के यौन सक्रीय होने के शुरूआती
दौर में दो चार दिन आगे पीछे हो जाती है .हफ्ता दस दिन भी .
इस किशोरी के मामले में भी ऐसा ही हुआ था लेकिन उसके अपढ़ गंवार दोस्त ने अपनी ही तरकीब निकाली
रुकी हुई माहवारी को खोलने की .उसने एक स्क्रू ड्रावर वेजिनल ट्यूब में डाल के घुमा दिया .मानो माहवारी की
डाट (ढक्कन )खोल रहा हो .
महाराष्ट्र के थाणे जिले की इस किशोरी को लगातार बने रहने वाले ज्वर और उदर शूल की शिकायत के साथ
सुराणा सेठिया अस्पताल चेम्बूर ,मुंबई में दाखिल करवाया गया .
डॉक्टर्स लड़की के रोग निदान का पता करने की झख एक हफ्ता मारते रहे .लेकिन हाथ कुछ न लगा .लड़की ने
डर और अज्ञानता की वजह से वारदात को छिपाए रखा .
अस्पताल में दाखिल करने से पहले उसके पिता ने उसे एक स्थानीय क्लिनिक में दिखाया जहां उसे इंट्रा वीनस
फ्लूइड (आम भाषा में ड्रिप लगा दी गई ,अंत:शिरा तरल ) के साथ एंटीबायटिक दवाओं पे भी रखा .थोड़ा आराम
आने के बाद उसे ही फिर तकलीफ हुई .
सात दिसम्बर को उसके साथ वह स्क्रू ड्रावर करामात हुई 12 दिसंबर को उसे भयंकर तकलीफ होने पर सुराणा
अस्पताल चेम्बूर में दाखिल करवा पड़ा .
डॉक्टरों ने शुरू में यही सोचा इसे कोई पेट की या फिर गैस सम्बन्धी शिकायत है .कई परीक्षणों के अलावा उसके
उदरीय क्षेत्र का एक्स रे भी किया गया .पता चला आमाशय में गैस(वायु ) भरी हुई है .शक हुआ उदरआंत्र क्षेत्र
में छिद्रण हुआ है (gastrointestinal perforation ).
लड़की की हालत गंभीर बनी हुई थी उसका हिमोग्लोबिन स्तर मात्र 6ग्राम प्रति डेसीलिटर था जबकि एक
तंदरुस्त युवती के लिए यह (12.1-15.1)ग्राम /डेसीलिटर होना चाहिए .उसे तीन यूनिट खून चढ़ाया गया .
14 दिसंबर को छिद्रण बंद करने के लिए उसकी लपरोटमि की गई (Laparotomy to close perforations ).
Laparotomy is a surgical incision through the abdominal wall made to allow investigation of an
abdominal organ or diagnosis of an abdominal disorder.
पता चला छिद्रण तो है नहीं बच्चेदानी (गर्भाशय )और उसके गिर्द के अंगों में मवाद भरा हुआ है .माहिरों के लिए
इस सेप्टिक का स्रोत तब तक अनुमेय ही बना रहा जब तक लड़की ने मौत से पहले सारा राज खुद ही खोल न
दिया
.लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी .
बकौल डॉ .जीतेन्द्र चौधरी (Laparoscopic surgeon ) लड़की के गर्भाशय से खून रिस रहा था जिसकी कोई ज्ञात
वजह नहीं थी .
अब माहिरों ने स्त्री रोगों की एक माहिरा ,विशेषज्ञा को बुलाया .पता चला योनी में जगह जगह व्यापक स्तर
पर घाव बने हुए हैं
.जिनमें संक्रमण फ़ैल चुका है .
माहिरों के सलाहमशविरा करने के बाद लड़की ने डरते डरते सारी वारदात बयाँ कर दी जिसका उसके माँ बाप को
कोई इल्म नहीं था .
लड़की को गर्भ भी नहीं ठहरा था .महज़ भय ने अज्ञान के अँधेरे ने ,माँ बाप और किशोरी के बीच दूरी ने।युवक
की अनभिज्ञता और धूर्तता ने लड़की
की जान ले ली .लडका उसे अस्पताल देखने तक नहीं आया .ऐसे होतें हैं "बॉय फ्रेंड "?
मामला नौपाडा पुलिस के पास है .पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है .तह तक पहुँचने के बाद ही लड़के को
धर दबोचा जाएगा ताकि सनद रहे :परले दर्जे के मूर्ख भी होते हैं "बॉय फ्रेंड ".
यह मामला जन संचार के अभाव का है आज सब कुछ नेट पे उपलब्ध है ब्लॉग पे आ रहा है लेकिन जिन्हें इस
जानकारी की सबसे ज्यादा ज़रूरत है वहां तक कुछ भी नहीं पहुँच रहा है .
हमारे किशोर किशोरियां यौन सक्रीय हैं .संक्रमण का दौर अब रुकने वाला नहीं है ज़रुरत संचार के चौतरफा
सेतुखड़े करने की है . वर्जना की दीवारों को गिराने की है .सेक्स के बारे में हम सलाह नहीं देते अपने नौनिहालों
को कब तक हम ऐसा करेंगे ?
WE CAN NOT AFFORD A DEFICIT MODEL OF COMMUNICATION .
सन्दर्भ -सामिग्री :-College girl dies after horror at BF's hand /MumbaiMirror/DECEMBER 22,2012,P2
www.mumbaimirror.com/city
नोट :अगली क़िस्त में पढ़िए 'कैसे रिलीज़ करें रुकी हुई माहवारी को ,पता लगाएं आरम्भिक गर्भावस्था का '?
17-year-old's boyfriend inserted a screwdriver into her vagina to
bring her delayed periods
किशोरावस्था में लड़कियों की माहवारी हारमोन की घटबढ़ होने से खासकर के यौन सक्रीय होने के शुरूआती
दौर में दो चार दिन आगे पीछे हो जाती है .हफ्ता दस दिन भी .
इस किशोरी के मामले में भी ऐसा ही हुआ था लेकिन उसके अपढ़ गंवार दोस्त ने अपनी ही तरकीब निकाली
रुकी हुई माहवारी को खोलने की .उसने एक स्क्रू ड्रावर वेजिनल ट्यूब में डाल के घुमा दिया .मानो माहवारी की
डाट (ढक्कन )खोल रहा हो .
महाराष्ट्र के थाणे जिले की इस किशोरी को लगातार बने रहने वाले ज्वर और उदर शूल की शिकायत के साथ
सुराणा सेठिया अस्पताल चेम्बूर ,मुंबई में दाखिल करवाया गया .
डॉक्टर्स लड़की के रोग निदान का पता करने की झख एक हफ्ता मारते रहे .लेकिन हाथ कुछ न लगा .लड़की ने
डर और अज्ञानता की वजह से वारदात को छिपाए रखा .
अस्पताल में दाखिल करने से पहले उसके पिता ने उसे एक स्थानीय क्लिनिक में दिखाया जहां उसे इंट्रा वीनस
फ्लूइड (आम भाषा में ड्रिप लगा दी गई ,अंत:शिरा तरल ) के साथ एंटीबायटिक दवाओं पे भी रखा .थोड़ा आराम
आने के बाद उसे ही फिर तकलीफ हुई .
सात दिसम्बर को उसके साथ वह स्क्रू ड्रावर करामात हुई 12 दिसंबर को उसे भयंकर तकलीफ होने पर सुराणा
अस्पताल चेम्बूर में दाखिल करवा पड़ा .
डॉक्टरों ने शुरू में यही सोचा इसे कोई पेट की या फिर गैस सम्बन्धी शिकायत है .कई परीक्षणों के अलावा उसके
उदरीय क्षेत्र का एक्स रे भी किया गया .पता चला आमाशय में गैस(वायु ) भरी हुई है .शक हुआ उदरआंत्र क्षेत्र
में छिद्रण हुआ है (gastrointestinal perforation ).
लड़की की हालत गंभीर बनी हुई थी उसका हिमोग्लोबिन स्तर मात्र 6ग्राम प्रति डेसीलिटर था जबकि एक
तंदरुस्त युवती के लिए यह (12.1-15.1)ग्राम /डेसीलिटर होना चाहिए .उसे तीन यूनिट खून चढ़ाया गया .
14 दिसंबर को छिद्रण बंद करने के लिए उसकी लपरोटमि की गई (Laparotomy to close perforations ).
Laparotomy is a surgical incision through the abdominal wall made to allow investigation of an
abdominal organ or diagnosis of an abdominal disorder.
पता चला छिद्रण तो है नहीं बच्चेदानी (गर्भाशय )और उसके गिर्द के अंगों में मवाद भरा हुआ है .माहिरों के लिए
इस सेप्टिक का स्रोत तब तक अनुमेय ही बना रहा जब तक लड़की ने मौत से पहले सारा राज खुद ही खोल न
दिया
.लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी .
बकौल डॉ .जीतेन्द्र चौधरी (Laparoscopic surgeon ) लड़की के गर्भाशय से खून रिस रहा था जिसकी कोई ज्ञात
वजह नहीं थी .
अब माहिरों ने स्त्री रोगों की एक माहिरा ,विशेषज्ञा को बुलाया .पता चला योनी में जगह जगह व्यापक स्तर
पर घाव बने हुए हैं
.जिनमें संक्रमण फ़ैल चुका है .
माहिरों के सलाहमशविरा करने के बाद लड़की ने डरते डरते सारी वारदात बयाँ कर दी जिसका उसके माँ बाप को
कोई इल्म नहीं था .
लड़की को गर्भ भी नहीं ठहरा था .महज़ भय ने अज्ञान के अँधेरे ने ,माँ बाप और किशोरी के बीच दूरी ने।युवक
की अनभिज्ञता और धूर्तता ने लड़की
की जान ले ली .लडका उसे अस्पताल देखने तक नहीं आया .ऐसे होतें हैं "बॉय फ्रेंड "?
मामला नौपाडा पुलिस के पास है .पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है .तह तक पहुँचने के बाद ही लड़के को
धर दबोचा जाएगा ताकि सनद रहे :परले दर्जे के मूर्ख भी होते हैं "बॉय फ्रेंड ".
यह मामला जन संचार के अभाव का है आज सब कुछ नेट पे उपलब्ध है ब्लॉग पे आ रहा है लेकिन जिन्हें इस
जानकारी की सबसे ज्यादा ज़रूरत है वहां तक कुछ भी नहीं पहुँच रहा है .
हमारे किशोर किशोरियां यौन सक्रीय हैं .संक्रमण का दौर अब रुकने वाला नहीं है ज़रुरत संचार के चौतरफा
सेतुखड़े करने की है . वर्जना की दीवारों को गिराने की है .सेक्स के बारे में हम सलाह नहीं देते अपने नौनिहालों
को कब तक हम ऐसा करेंगे ?
WE CAN NOT AFFORD A DEFICIT MODEL OF COMMUNICATION .
सन्दर्भ -सामिग्री :-College girl dies after horror at BF's hand /MumbaiMirror/DECEMBER 22,2012,P2
www.mumbaimirror.com/city
नोट :अगली क़िस्त में पढ़िए 'कैसे रिलीज़ करें रुकी हुई माहवारी को ,पता लगाएं आरम्भिक गर्भावस्था का '?
5 टिप्पणियां:
horror story.
all due to ignorance.
अज्ञानता आज भी बड़े पैमाने पर मौजूद है यह देखकर बड़ी कोफ़्त होती है,वैसे भी इतनी भयंकर भूल लडके और लड़की से कैसे हुयी यह सोचकर हैरानी होती है।
हद कर दी इन्होंने भी,आज के समय भी लोग कितने अज्ञानी बन जाते है।
किशोरियों की अज्ञानता ऐसे धूर्तों को उनका फायदा उठाने का मौका प्रदान कराती है... बेहतर है जानकारी प्रदान करना!
अपने आप डॉक्टर बनने से कहीं अच्छा है सलाह लेना।
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