मर्दानगी पे भारी पड़ रहा है भूमंडलीय तापन (दूसरी किश्त )
अब तक आप पढ़ चुकें हैं कसावदार दिखाऊ टाईट अंडर वियर ,स्वेच्छा से अपनाई हुई जीवन शैली और तथा पर्यावरणी विष (environmental toxins)पुरुष शुक्राणुओं की तादाद और गुणवत्ता की लगातार छीजन की वजह बनी हैं इसे रोका जाना ज़रूरी है .अब आगे पढ़िए :
Richard Sharpe ,professor of reproductive health at the University of Edinburg and an international expert on toxins in the environment ,said the study was 'hugely impressive' and answered sceptics who doubted whether the global decline was real .
फिर भी कोई नकारे तो शौक से नकारे , नकारने वाले तो जलवायु में होने वाले बदलावों को भी नकार रहें हैं जबकि सब कुछ ठेठ हमारी आँखों के आगे घटित हो रहा है हुआ है हाल ही में .
कुछ हमारी आधुनिक जीवन शैली ,हमारी खुराक ,हमारी हवा पानी और मिट्टी में ही ऐसा कुछ पैठ गया है जो शुक्राणु की तादाद और गुणवत्ता दोनों में ही गिरावट की वजह बनता रहा है .स्थिति दिनानुदिन बदतर हो रही है .
पर्यावरणी रसायनों के संपर्क में आना गुल खिला रहा है .भले अभी और पड़ताल ज़रूरी है .
Researchers from the Institute Veille Sanitaire , St Maurice used data from 126 fertility clinics in France which had collected semen samples from the male partners of women with blocked or missing fallopian tubes.
जिन मर्दों से शुक्राणु के नमूने जुटाए गए उनकी औसत आयु 35 वर्ष थी ,इनमें प्रजनन सम्बन्धी कोई समस्याएं भी नहीं थीं इसीलिए इन्हें आम आबादी का प्रतिनिधिक माना गया .
नतीजों से पता चला , शुक्राणु के हरेक एक मिलीलीटर में अनवरत रूप से थोड़ा थोड़ा करके गत सत्रह सालों में हर साल 1.9 फीसद गिरावट आती रही है .1989 के 73.6 मिलियन स्पर्म प्रति मिलीलीटर से गिरकर 2005 में यह 49.9मिलियन /मिलीलीटर पर आ गई .
इसी दरमियान सामान्य तौर पर निर्मित शुक्राणु में भी 33.4 फीसद की गिरावट दर्ज़ की गई .
कई योरोपीय अध्ययनों से भी विदित हुआ है ,हरेक पांच में से एक मर्द का इस्पर्म काउंट कम हो रहा है जिससे गर्भाधान में दिक्कतें आ रहीं हैं .
Although the average sperm count of the men was well above the threshold definition of male infertility -which is 15 million /ml -it was below the World Health Organisation threshold of 55 million /ml which is thought to lengthen the time to conceive .
अब इस गिरावट में एक आधुनिक आयाम और जोड़ लीजिये
औरतें जल्दी बच्चा नहीं चाहतीं हैं आजकल .शादी देर में फिर कुछ और देरी मौजमस्ती में गर्भ धारण की उम्र को आगे खिसका रही है .ऐसे में औरत की अपनी प्रजनन क्षमता भी तो उम्र के साथ कमतर हो जाती है .
दूसरी तरफ मर्द का स्पर्म काउंट लो ,उसकी गुणवत्ता कमतर हो गया बंटा धार .
घूमो! संतान की चाहना में एक से दूसरी संतति क्लिनिक में .
घूमो !शौक से घूमों .
अब तक आप पढ़ चुकें हैं कसावदार दिखाऊ टाईट अंडर वियर ,स्वेच्छा से अपनाई हुई जीवन शैली और तथा पर्यावरणी विष (environmental toxins)पुरुष शुक्राणुओं की तादाद और गुणवत्ता की लगातार छीजन की वजह बनी हैं इसे रोका जाना ज़रूरी है .अब आगे पढ़िए :
Richard Sharpe ,professor of reproductive health at the University of Edinburg and an international expert on toxins in the environment ,said the study was 'hugely impressive' and answered sceptics who doubted whether the global decline was real .
फिर भी कोई नकारे तो शौक से नकारे , नकारने वाले तो जलवायु में होने वाले बदलावों को भी नकार रहें हैं जबकि सब कुछ ठेठ हमारी आँखों के आगे घटित हो रहा है हुआ है हाल ही में .
कुछ हमारी आधुनिक जीवन शैली ,हमारी खुराक ,हमारी हवा पानी और मिट्टी में ही ऐसा कुछ पैठ गया है जो शुक्राणु की तादाद और गुणवत्ता दोनों में ही गिरावट की वजह बनता रहा है .स्थिति दिनानुदिन बदतर हो रही है .
पर्यावरणी रसायनों के संपर्क में आना गुल खिला रहा है .भले अभी और पड़ताल ज़रूरी है .
Researchers from the Institute Veille Sanitaire , St Maurice used data from 126 fertility clinics in France which had collected semen samples from the male partners of women with blocked or missing fallopian tubes.
जिन मर्दों से शुक्राणु के नमूने जुटाए गए उनकी औसत आयु 35 वर्ष थी ,इनमें प्रजनन सम्बन्धी कोई समस्याएं भी नहीं थीं इसीलिए इन्हें आम आबादी का प्रतिनिधिक माना गया .
नतीजों से पता चला , शुक्राणु के हरेक एक मिलीलीटर में अनवरत रूप से थोड़ा थोड़ा करके गत सत्रह सालों में हर साल 1.9 फीसद गिरावट आती रही है .1989 के 73.6 मिलियन स्पर्म प्रति मिलीलीटर से गिरकर 2005 में यह 49.9मिलियन /मिलीलीटर पर आ गई .
इसी दरमियान सामान्य तौर पर निर्मित शुक्राणु में भी 33.4 फीसद की गिरावट दर्ज़ की गई .
कई योरोपीय अध्ययनों से भी विदित हुआ है ,हरेक पांच में से एक मर्द का इस्पर्म काउंट कम हो रहा है जिससे गर्भाधान में दिक्कतें आ रहीं हैं .
Although the average sperm count of the men was well above the threshold definition of male infertility -which is 15 million /ml -it was below the World Health Organisation threshold of 55 million /ml which is thought to lengthen the time to conceive .
अब इस गिरावट में एक आधुनिक आयाम और जोड़ लीजिये
औरतें जल्दी बच्चा नहीं चाहतीं हैं आजकल .शादी देर में फिर कुछ और देरी मौजमस्ती में गर्भ धारण की उम्र को आगे खिसका रही है .ऐसे में औरत की अपनी प्रजनन क्षमता भी तो उम्र के साथ कमतर हो जाती है .
दूसरी तरफ मर्द का स्पर्म काउंट लो ,उसकी गुणवत्ता कमतर हो गया बंटा धार .
घूमो! संतान की चाहना में एक से दूसरी संतति क्लिनिक में .
घूमो !शौक से घूमों .
6 टिप्पणियां:
sir ji, aaj ki gambhir samsya par ek behad upyogi aur bejod prastuti, badi duswar rahon par jindgi ka karwan nikal pada hai,kahi yah bhi padha hai ki adhik garm pani se snan karne se bhi puruso ke prajanan chamta par gambhir prabhaw padta hai,Eklvy aap jaise guru ki pratiksha kar raha hai aur shabdon ke khote ja rahe arth aap jaise gyani ki tippdi ke rah joh rahe hai
अंड कोशों का तापमान शेष शरीर से आधा सेल्सियस रहना चाहिए तेज़ गर्म पानी से नहाने से यह मुमकिन नहीं रह जाता है इसीलिए स्पर्म काउंट पर नियमित तेज़ गर्म पानी से नहाते रहने से दुष्प्रभाव पड़ सकता है .आपने बिलकुल ठीक लिखा है मधु जी .
ENGINE OVERHAUL
Wear loose underwear -to make healthy sperm the testicles need to be below body temperature .
Avoid smoking ,drinking using drugs and becoming obese.
Reduce exposure to industrial chemicals such as those used in making plastics -they can mimic the female harmone oestrogen countering male harmones.
Protect women in pregnancy -there is growing evidence that falling sperm counts may stem from effects in the womb .
Avoid anti -depressants -in rare cases they can cut sperm counts.
अंड कोशों का तापमान शेष शरीर से आधा सेल्सियस रहना चाहिए तेज़ गर्म पानी से नहाने से यह मुमकिन नहीं रह जाता है इसीलिए स्पर्म काउंट पर नियमित तेज़ गर्म पानी से नहाते रहने से दुष्प्रभाव पड़ सकता है .आपने बिलकुल ठीक लिखा है मधु जी .
ENGINE OVERHAUL
Wear loose underwear -to make healthy sperm the testicles need to be below body temperature .
Avoid smoking ,drinking using drugs and becoming obese.
Reduce exposure to industrial chemicals such as those used in making plastics -they can mimic the female harmone oestrogen countering male harmones.
Protect women in pregnancy -there is growing evidence that falling sperm counts may stem from effects in the womb .
Avoid anti -depressants -in rare cases they can cut sperm counts.
Virendra Kumar Sharma4:34 AMEdit
Pl read the fst installment of 'Global warming ,sperm count dropping which now incorporates second and fst both ,the installments.Thanks.
हवा पानी और माटी पर टिका हमारा स्वास्थ्य
उपयोगी जानकारी देती बेजोड़ प्रस्तुति,,बधाई आभार
recent post: रूप संवारा नहीं...
एक टिप्पणी भेजें