राहुल गांधी का महात्मा कनेक्शन
राहुल गांधी ने कहीं सुना था एक महात्मा गांधी भी इस देश में हुए हैं .गुजरात जाने पर उन्हें पता चला वह तो
गुजरात में ही पैदा हुए थे .उनके किसी राजनीतिक पंडित ने उनका जनम पत्रा देखके फट बतलाया बबुआ
आप तो उन्हीं के वारिस हैं .अब राहुल बाबा ने यह तो बतलाया नहीं था की वह कौन से गांधी की बात कर रहें हैं
.दिल्ली में वह नौ साल से सक्रीय राजनीति में है इससे पहले उन्होंने ने कभी भी महात्मा गांधी का शिष्य होने
की बात नहीं की थी .गुजरात में जाकर ही उन्हें यह बोधिसत्व प्राप्त हुआ था .
जहां तक हमारी जानकारी है राहुल बाबा के दादा जो पारसी थे .उनकी दादी इंदिरा जी उनसे प्रेम करतीं थीं .पंडित
नेहरूजी इस शादी के खिलाफ थे तब महात्मा गांधी (जिनका पूरा नाम राहुल बाबा को मालूम नहीं होगा
)उन्होंने यह कहते हुए दवाब बनाया फ़िरोज मेरा पुत्र है उसे अपना वैश्य गोत्र गांधी दिया ,और इंदिरा जी की
शादी फ़िरोज जी से कराई जो फ़िरोज़ गांधी हो गए .यह है उनका गांधी कनेक्शन है लेकिन तब मामला शादी
का था .और मोहन दास कर्म चंद गांधी का गोत्र फ़िरोज जी ने अपना लिया .
क्या अभी भी मामला शादी का ही है यदि ऐसा ही है तो यह हिन्दुस्तान के लिए ख़ुशी की बात है आप शादी करें
वंशवेळ को फिरोज गांधी जी की आगे बढ़ाएं .
.हम भी बहुत खुश होंगें हमारा ब्लॉग जगत भी आपको आशीष देने गुजरात आजायेगा .
राहुल गांधी ने कहीं सुना था एक महात्मा गांधी भी इस देश में हुए हैं .गुजरात जाने पर उन्हें पता चला वह तो
गुजरात में ही पैदा हुए थे .उनके किसी राजनीतिक पंडित ने उनका जनम पत्रा देखके फट बतलाया बबुआ
आप तो उन्हीं के वारिस हैं .अब राहुल बाबा ने यह तो बतलाया नहीं था की वह कौन से गांधी की बात कर रहें हैं
.दिल्ली में वह नौ साल से सक्रीय राजनीति में है इससे पहले उन्होंने ने कभी भी महात्मा गांधी का शिष्य होने
की बात नहीं की थी .गुजरात में जाकर ही उन्हें यह बोधिसत्व प्राप्त हुआ था .
जहां तक हमारी जानकारी है राहुल बाबा के दादा जो पारसी थे .उनकी दादी इंदिरा जी उनसे प्रेम करतीं थीं .पंडित
नेहरूजी इस शादी के खिलाफ थे तब महात्मा गांधी (जिनका पूरा नाम राहुल बाबा को मालूम नहीं होगा
)उन्होंने यह कहते हुए दवाब बनाया फ़िरोज मेरा पुत्र है उसे अपना वैश्य गोत्र गांधी दिया ,और इंदिरा जी की
शादी फ़िरोज जी से कराई जो फ़िरोज़ गांधी हो गए .यह है उनका गांधी कनेक्शन है लेकिन तब मामला शादी
का था .और मोहन दास कर्म चंद गांधी का गोत्र फ़िरोज जी ने अपना लिया .
क्या अभी भी मामला शादी का ही है यदि ऐसा ही है तो यह हिन्दुस्तान के लिए ख़ुशी की बात है आप शादी करें
वंशवेळ को फिरोज गांधी जी की आगे बढ़ाएं .
.हम भी बहुत खुश होंगें हमारा ब्लॉग जगत भी आपको आशीष देने गुजरात आजायेगा .
2 टिप्पणियां:
बढ़िया जानकारी ....
अपने आशीष के साथ ...हमारा भी आशीष जोड़ लीजिए वीरू भाई जी ....राम-राम !
अंदरुनी बाते भी जनता जान ही जाती है।
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