लो खत्म कहानी हो गई ?
दिमागी सूजन ने ले ली निर्भया की जान .इस दिमागी सूजन की वजह मंगलवार रात को पड़े दिल के दो दौरे
बने जिनमें से एक को डायरक्त करेंट शोक देकर संभाल लिया गया .ह्रदय गति चालू कर दी गई लेकिन
दूसरा घातक साबित हुआ जिस दौरान तीन मिनिट तक उसकी नवज गायब रही .यही वह विधायक क्षण था
जब उसके दिमाग में दाब बढ़ गया .दिमाग में इसी दौरान तरल ज़रुरत से ज्यादा बढ़ गया .इसे ही सेरिब्रल
इडिमा (brain edema )कहा गया है .
इसी दौरान अंत :रक्त स्राव हुआ दिमाग में ,संक्रमण शुरू हुआ .
ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाएं सिकुड़ गईं )ऑक्सीजन आपूरण (आपूर्ति ) ठप्प हो गया .दिमागी कोशाएं
एक एक करके मरने लगीं .इन कोशाओं की मृत्यु ही अंतिम मृत्यु होती हैं .जब किसी को ब्रेन डेड घोषित
किया जाता है .हालाकि क्लीनिकली उसे ज़िंदा रखा जा सकता है तकनीकी तौर पर .लेकिन अंतिम मृत्यु
ब्रेन डेथ होती है जिसके बाद क्लीनिकली भी किसी मरीज़ को लाइव नहीं रखा जा सकता है .
सलाम निर्भया !
वी सैल्यूट योर ओनर .
दिमागी सूजन ने ले ली निर्भया की जान .इस दिमागी सूजन की वजह मंगलवार रात को पड़े दिल के दो दौरे
बने जिनमें से एक को डायरक्त करेंट शोक देकर संभाल लिया गया .ह्रदय गति चालू कर दी गई लेकिन
दूसरा घातक साबित हुआ जिस दौरान तीन मिनिट तक उसकी नवज गायब रही .यही वह विधायक क्षण था
जब उसके दिमाग में दाब बढ़ गया .दिमाग में इसी दौरान तरल ज़रुरत से ज्यादा बढ़ गया .इसे ही सेरिब्रल
इडिमा (brain edema )कहा गया है .
इसी दौरान अंत :रक्त स्राव हुआ दिमाग में ,संक्रमण शुरू हुआ .
ब्लड वेसिल्स (रक्त वाहिकाएं सिकुड़ गईं )ऑक्सीजन आपूरण (आपूर्ति ) ठप्प हो गया .दिमागी कोशाएं
एक एक करके मरने लगीं .इन कोशाओं की मृत्यु ही अंतिम मृत्यु होती हैं .जब किसी को ब्रेन डेड घोषित
किया जाता है .हालाकि क्लीनिकली उसे ज़िंदा रखा जा सकता है तकनीकी तौर पर .लेकिन अंतिम मृत्यु
ब्रेन डेथ होती है जिसके बाद क्लीनिकली भी किसी मरीज़ को लाइव नहीं रखा जा सकता है .
सलाम निर्भया !
वी सैल्यूट योर ओनर .
7 टिप्पणियां:
मार्मिक प्रस्तुति निर्भया को मेरा नमन आदरणीय सर
हम भी सलाम करते हैं निर्भय को -
मेरी पोस्ट :निर्भय को श्रद्धांजलि
दामिनी के इहलोक छोडने के समाचार से मन बहुत दु:खी और भारी है.व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं मिल रहे हैं. आपने मार्मिक रूप से लिख डाला है.
कहानी ख़त्म नहीं शुरू हुई है अभी !श्रद्धांजलि ...
निर्भया को श्रद्धांजलि बहुत सुन्दर प्रस्तुति मन बहुत दु:खी और भारी मन से मेरा नमन
दुखद..
जो चिंगारी दामिनी लगा गयी है ... वो बुझने न पाए ... सबको ऐसा संकल्प लेना होगा नए साल में ..
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