गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

दिमागी तौर पर ठस रह सकती गूगल पीढ़ी

दिमागी तौर पर  ठस  रह  सकती  गूगल पीढ़ी


जहां तक स्वयं करके सीखने का सवाल है व्यवहारिक हुनर का सवाल है हर चीज़  के  लिए हर जानकारी के

लिए  कंप्यूटर बैशाखी का  सहारा लेने वाली गूगल जेनरेशन बेतहाशा पिछड़ सकती है दिमाग ठस हो

सकता है इस गूगल बाबा की ऊंगली थाम चलने वाली पीढ़ी का .

यह कथन और प्रागुक्ति है मशहूर ब्रितानी अन्वेषक ट्रेवोर बय्लिस का जिन्हें' वाइंड अप रेडिओ 'के

आविष्कार के लिए जाना जाता है .

कंप्यूटर मानीटर्स के आगे अधिकाधिक रहने वाली पीढ़ी अपनी रचनात्मकता ,काल्पनिक उड़ान भूलती जा

रही है ,स्वयं न करके दूसरे  को देखके सीखा हुआ सबक  आधा अधूरा ही रहता है .

आपने आशंका जतलाई है कहीं 'कंप्यूटर'जी  अन्वेषकों की अगली पीढ़ी को ही मटियामेट न कर दें  .आज

कंप्यूटर से चिपके  बच्चे

अपने हाथ से खुद कुछ नहीं कर पा रहें हैं ..जंग लगने लगी है इनकी प्रतिभा को .

बचा जा सकता है इस खतरनाक स्थिति से यदि स्कूल इस और तवज्जो दें तो .

Let the schools use practical toys like Meccano, a model construction system .

"Children have to be taught hands -on ,and not to become mobile phone or computer dependent

,"Baylis said.

कभी कभार कंप्यूटर का इस्तेमाल शौक से करें लेकिन खेल भी कंप्यूटर पर खेलें और भूख बढती ही जाए यह

बात रचनात्मकता को कुंद कर सकती है .

"गूगल सर्च "सबकी बैशाखी बना हुआ है .खुद करके देखने की कला में पिछड़ जायेंगे ये बच्चे .एकदम से

ठस हो जायेंगे इनके दिमाग .

सन्दर्भ -सामिग्री :-'Net overuse leaving kids brain -dead '

'Google Generation ' Losing Creativity And Practical Skills ,Warns Experts(TIMES TRENDS/THE

TIMES OF INDIA,MUMBAI ,DECEMBER 27,2012,P15

विशेष :यहाँ हमने दिमागी तौर पर मृत शब्द का इस्तेमाल अदबदाकर इस लिए नहीं किया है यह शब्द ब्रेन

डेड अंतिम तौर पर किसी व्यक्ति को मृत घोषित करने के लिए प्रयुक्त होता है .जबकि उसे कृत्रिम  तौर पर

जीवित रखा जा सकता है .क्लीनिकली लाइव रखा जा सकता है हार्ट लंग मशीन पर .

  

1 टिप्पणी:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

दिमाग पर जोर ही नहीं डालना चाहते है कोई।