बुधवार, 29 जून 2011

गर्भ से ही शुरू होंगें संतानों का मोटापा रोकने के उपाय .

बेबी इज मोर लाइकली टू बी ओबेस (ओबेसी) इफ इट्स पेरेंट्स आर ओबेस
क्या हो सकतें हैं रिस्क फेक्टर्स (खतरनाक बातें )संतानों के मोटापे के ?
गर्भ काल में माँ की सेहत ,गर्भकाल में वजन में होने वाली वृद्धि ,गर्भकाल में अकसर होजाने वाली मधुमेह (जेस्तेश्नल डाय -बिटीज़)ज्ञात रिस्क फेक्टर्स हैं संतानों के मोटापे के
महिलाओं को अकसर कहते सुना जाता है गर्भ काल में हम दो के लिए खा रहें हैं .बड़ी बूढी भी लाड दिखाते हुए ज्यादा खाने की हिदायतें थमा देतीं हैं ।विनोद दुआ पूरे देश के लिए खा रहें हैं हाल देख लीजिए उनका .
लेकिन ईटिंग फॉर टू डज़ नोट मीन ईटिंग ट्वाईस एज मच .
जानिएगा क्या हैं अनुदेश ,जनरल गाइड लाइंस फॉर प्रग्नेंसी वेट गेन?

अधययन बतलातें हैं जिन शिशुओं को डिब्बा बंद खाद्य दिया गया (फ़ॉर्मूला फेड बेबीज़ )और चार माह से पहले ही सोलिड फ़ूड भी परोस दिया गया उनके लिए मोटापे के खतरे का वजन बढ़ जाता है
अकसर स्तन पान करने वाले शिशुओं की बनिस्पत फ़ॉर्मूला फेड इन्फेन्ट्स ज्यादा खाते हैं ज्यादा केलोरीज़ गड़प जातें हैं .इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिसन शिशुओं के लिए पुरजोर सिफारिश करता है स्तन पान की
बाल रोगों के माहिरों का अमरीकी संघ भी पहले :माह तक शिशुओं के लिए स्तन पान और केवल स्तन पान करवाने की ही सिफारिश करता है और कुछ डिब्बा फिब्बा बंद नहीं ,सिफारिश इस संघ की यह भी है स्तन पान एक साल तक करवाया जाए .(दरहकीकत पानी भी नहीं इस दरमियान ).भारत में तो स्तन पान को कहा ही गया है अमृत पान ,कुदरती टीकाकरण .डेढ़ -दो साल तक भी जिनको दूध उतरता है वे महिलायें दूध पिलाती रहीं हैं
यकीन मानी फिगर भी सुडौल रहता है .फिगर खराब होता है लेटेलेटे बच्चे को दूध पिलाने से .गलत पोश्चर में दूध पिलाने से बच्चा ज्यादा गैस (ऑक्सीजन )गटक जाता है .पेट अफर जाता है उसका .दूध उलट देता है वह .स्तन पान तो काया में निखर लाता है बच्चे को सुरक्षा और अभय दान देता है .इम्युनिटी देता है रोग प्रति -रक्षण के लिए ।आत्म -विश्वाश भरता है ज़िन्दगी के आगे के सफ़र के लिए .
स्तन पान ,अमृत समान .दिव्य-पानहै
एक पीडी -याट्रिक (शिशुओं पर संपन्न )अध्ययन के मुताबिक़ शिशुओं को जल्दी ही माह से पहले से ही ठोस आहार देते रहने से उसके प्री -स्कूल में पाँव रखने से पहले ही मोटापा धमकता है
इस वक्त कई वेब -साइटें हैं जो ब्रेस्ट फीडिंग के मुताल्लिक काम की बातें बतला रहीं हैं .इनमे शरीक है -
अमरीकन अकादमी ऑफ़ फेमिली फिजिशियंस ,"प्रेगनेंसी .ओर्ग "तथा -
ला लेचे लीग इंटर -नेशनल
डैस-परेट फीडिंग मोम्स रिवील सीक्रेट्स
(ज़ारी ...)
http://www.cnn.com/2011/HEALTH/06/27/obese.toddlers/index.html?hpt=he_c2
सन्दर्भ -सामिग्री :-http://www.cnn.com/2011/HEALTH/06/27/obese.toddlers/index.html?hpt=he_क२।
हाव डज़ बेबी गेट टू बी ओबेस ?-सी एन एन .कोम

3 टिप्‍पणियां:

SANDEEP PANWAR ने कहा…

आप लिखते रहो जी,
हम पढते रहेंगे, हर रोज,
ऐसे ही काम की जरुरी बाते आपके खजाने की

G.N.SHAW ने कहा…

आज और भी बढ़िया जानकारी , पर क्या आज की महिलाए स्तन पान कराना चाहती है ? बड़ा मुद्दा है इस आधुनिकता में !

कुमार राधारमण ने कहा…

गर्भ से ज़्यादा छेड़छाड़ ठीक नहीं। कुछ चीज़ें बाद के लिए भी छोड़ी जा सकती हैं। यदि गर्भ में मोटापे का समाधान हो सके,तो फिर जीन और बाद के खानपान की भूमिका भला क्या रह जाएगी?