सोमवार, 20 जून 2011

गीत :इक्कीस कभी न होनी है .

महात्मा गांधी की जयंती दो अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतर -राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया था .लेकिन इस मौके पर गांधीजी के जो ताउम्र अहिंसा और सत्य के पुजारी रहे सन्देश को सोनिया गाँधी से प्रसारित करवाना कई हलकों को बहुत ना -गंवार गुजरा था .उन्होंने पूछा था -क्या सोनिया गांधी उन्हीं जीवन मूल्यों का प्रति निधित्व करतीं भी हैं जिनके लिए महात्मा का सारा जीवन समर्पित था .क्या यह अच्छा नहीं रहता यह सन्देश किसी गांधी वादी से ही दिलवाया जाता आम जन को ,कोंग्रेस के आम आदमी को ।
जानतें हैं उन्होंने क्या कहा इस मौके पर -
हाव कैन सोनिया पोसिब्ली रिप्रेजेंट महात्मा गाँधी ऑन इंटर -नेशनल नॉन -वायोलेंस डे?
ट्रुथ वर्सस वायोलेंस
नॉन -वायोलेंस वर्सस अग्रेशन
सेकरी -फा -इस वर्सस सेल्फ एग्रन्दाइज़- मेंट
ओनेस्टी वर्सस डिस -ओनेस्टी
टोलरेंस वर्सस इन -टोलरेंस ।
बकौल इनके - सोनिया मैनो गाँधी गांधीजी की आनुवंशिक वन्श्वेल से भी ताल्लुक नहीं रखतीं हैं .उनके नाम को वह भुना रहीं हैं अपने हक़ में और वह भी आलमी स्तर पर ,ग्लोबल कैनवास पर .(प्लीज़ रीड दी लिंक http://www.iretireearly.com/sonia-gandhi-and-congress-secret-billions-exposed.हटमल)
http://www.iretireearly.com/sonia-gandhi-and-congress-secret-billions-exposed.हटमल ।
आप जानतें हैं और अच्छी तरह से मानतें हैं सोनिया प्रति -शोधात्मक हैं ,रिवेंज्फुल हैं ,विन्डिक-टिव हैं .गैर -प्रजातांत्रिक हैं .रामलीला करतीं हैं ।आधी रात के बाद संतों के कपडे उतर वातीं हैं .
इनका दल कई प्रजा -तांत्रिक धत कर्मों में लिप्त रहता है .कर छापे डलवाता है विरोधियों के घर दफ्तर पर ,कारोबार पर .विपक्ष की सीधे- सीधे भी हेटी करता है .(आपातकाल इसका साक्षी बन चुका है )।
(सन्दर्भ :"नो योर सोनिया "-डॉ .सुब्रामनियम स्वामी .विजिटिंग हारवर्ड प्रोफ़ेसर )।
सोनिया जी की प्रो -टेर्रार-ईस्ट (आंतक -वाद पोषक )नीतियों के चलते ही भारतमें आज दुनिया में ईराक के बाद सबसे ज्यादा आतंक वाद के सताए हुए पीड़ित लोग हैं .घर से बेघर (कश्मीरी पंडित तो एक उदाहरण मात्र हैं )।
उनकी सरकार अफज़ल गुरु के लिए माफ़ी की मांग करती रही है जिसने भारतीय संसद को निशाने पे लेने की सारी साज़िश रची थी ।कसाब मुंबई में जीम रहा है .बिरयानी कभी पाँव बड़ा और कभी ...
हम धर्म -निरपेक्ष हैं साहब और इसीलिए हमने अपने बोर्डर्स को सोफ्ट बनाया हुआ है .इस्लामी बुनियाद परस्ती और इस्लामी आतंक के प्रति सोनिया सरकार आँखें बंद किए है ।
इनकी सरकार में १९८४ के दंगों को हवा देने वाले प्रमुखतम सूत्र -धार केन्द्रीय सरकार का एक एहम महकमा संभाले हुए थे ।यही है इनका मानवाधिकारों के प्रति अनुराग ।
इनकी सरकार ने ९० करोड़ हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक राम सेतु को यूं उड़ा दिया ,तालिबान ने जैसे बौद्ध स्तूपों और प्रतिमाओं को उड़ा दिया था (बमयन बुद्धाज़ )।
गांधी जी हिंदुत्व के मूर्त रूप थे उनके तो अंतिम शब्द भी यही थे -हे राम !धर्म परिवर्तन को उन्होंने संस्कृति विनाशक ज़हर बतलाया था .फिल वक्त सोनिया के शासन और संरक्षण में अंतर -राष्ट्रीय मिशनरियां खुल कर यह सेवा कर रहीं हैं भारत को साक्षर और भर -पेट होने बनाने के नाम पर .
उनके स्वर्गीय पति पर आक्षेप है उन्होंनेरूसी खुफिया एजेंसी " के जी बी" से पैसा लिया था .उनका स्विस बैंक में गुप्त खाता था २ अरब डॉलर का .आज तक सोनिया एंड कम्पनी ने इसका प्रतिवाद नहीं किया है ।
२००१ में राहुल गाँधी को बोस्टन में धर लिया गया था "ऍफ़ बी आई "ने ,इस बिना पर इनके पास बेनामी केश है ।
(सन्दर्भ :दी स्टेट विद -इन स्टेट बाई येव्जेनिया अल्बट्स ,स्विस मैगजीन स्वईज़र इलास्त्रेने ११/१९९१ ,इंडो एशियन न्यूज़ सर्विस )।
इन्हीं युवराज को मिस्टर सुपर -क्लीन को भारत का भावी- प्रधान मंत्री बतलाया जा रहा है ,जो आजकल कोंग्रेसी चाणक्य दिग -विजय से दीक्षा ले रहें हैं .
युनाईतिद नेशंस आयल फॉर फ़ूड स्केम देट हेल्प्द सदाम हुसैन में सोनिया कोंग्रेस के हाथ सने हुए थे .भारत आने से पहले भी इनकी स्लेट पाक साफ़ नहीं थी बहुत कुछ वहीँ से लिखा आया था इसकी चर्चा फिर कभी .गीत : "इक्कीस कभी न होना है ",गीतकार :डॉ .नन्द लाल मेहता "वागीश "।
आओ सारे मिलकर देखें ,किस्मत किसकी सोहनी है ।
दिल्ली के दंगल में अब तो ,कुश्ती अंतिम होनी हैं ।।






राजनीति की इस चौसर पर ,जैसे गोट -वोट ज़रूरी है ,
ऐसे काले धन की खातिर ,भ्रष्ट व्यवस्था बहुत ज़रूरी ।
साथ -साथ दोनों हैं चलते ,नहीं कहीं कोई तकरार ,
गठबंधन की आड़ में यारों ,कैसी अजब गज़ब सरकार ,
मंत्री मुख पर पड़ीं नकाबें ,शक्लें सब मनमोहनी हैं ।

दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है ।।

मंद बुद्धि के पाले में ,फिर तर्क जुटाते कई उकील ,
चम्पू कई हैं ,जुगत भिड़ाते ,गढ़ते रंगीली तस्वीर ।
कहते हैं अब उम्र यही है ,भारत की बदले तकदीर ,
निकल गई गर हाथ से बाज़ी ,पड़ेगी दिल्ली खोनी है ,
उन्नीस की गिनती है उन्नीस ,इक्कीस कभी न होनी है ।
दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है ।।

लाख भोपाली जादू टोने अफवाहें ,छल छदम घिनौने ,
काम नहीं कर पायेंगें ये ,अश्रु जल से चरण भिगोने ।
अपनी रोनी सूरत से तुम ,बदसूरत चैनल को करते ,
दोहराते हो झूठ बराबर ,शर्मसार भारत को करते ,
अब तो आईना सच का देखो ,सिर पर बैठी होनी है ,
दिल्ली के दंगल में अब तो कुश्ती अंतिम होनी है ।
आओ सारे मिलकर देखें किस्मत किसकी सोहनी है ।
उन्नीस की गिनती है उन्नीस इक्कीस कभी न होनी है ।
विशेष :इक्कीस जून सोनिया जी का जन्म दिन हैं मुबारक उन्हें .उनके भोपाली चिरकुटों को ।
प्रस्तुति एवं सहभावी :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

4 टिप्‍पणियां:

Vivek Jain ने कहा…

बहुत ही शानदार विश्लेषण,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

Dr Varsha Singh ने कहा…

Very touching...

ZEAL ने कहा…

जब तक विदेशी नेता भारत का संचालन करेंगे , तब तक ये देश गुलामी की बेड़ियों से मुक्त नहीं हो सकेगा। राजीव गाँधी स्वयं तो मुक्त हो गए , लेकिन ये विदेशी-मुसीबत दो अरब जनता के लिए छोड़ गए।

ZEAL ने कहा…

Thanks for the beautiful 'geet' as well.