वर्टिगो :इससे असर ग्रस्त व्यक्ति को अपना आसपास घूमता नजर आता है .कभी यह भी लगता है वह खुद ही लट्टू की मानिंद घूम रहा है .स्पिन कर रहा है .ज़मीन उसको लगती है टिल्ट हो रही है .यह एक बीमारी का लक्षण होता है जिसका सम्बन्ध या तो अंदरूनी कान के तंत्र की ,लेबिरिन्थ ऑफ़ दी इनर ईयर की दिक्कत किसी बीमारी से होता है या फिर वेस्तिब्युलर नर्व से .इस नाडी का काम संतुलन को बनाए रखने से जुड़ा हुआ है .
वेस्तिब्युलर नर्व इज ए ब्रांच ऑफ़ दी एकाउस्टिक नर्व देट केरीज़ नर्व इम्पल्सिज़ फ्रॉम दी सेमिसर्क्युँल्र केनाल्स एंड अदर ओर्गेंस इन दी इनर ईयर्स .दिस कन्वेज़ इन्फार्मेशन अबाउट पोश्चर एंड बेलेंस .एकाउस्टिक नर्व इज रिलेटिड टू हीयरिंग .
न्युरोलोजिकल (स्नायुविक ):इस शब्द प्रयोग का सम्बन्ध चिकित्सा शब्दावली में नाड़ियोंऔर हमारे स्नायुविक तंत्र (नर्वस सिस्टम ,दिमाग तथा रीढ़ रज्जू )से होता है .
ऑप्टिक (बीनाई से सम्बन्धी ):इस शब्द प्रयोग का ताल्लुक हमारी बीनाई (नजर )से विज़न से ही है ।
ऑप्टिक नर्व :यानी बीनाई -नाडी आँख का समबन्ध दिमाग से जोडती है .एक पुल बनाती है .आँख के परदे पर बनने वाली स्पंदों को ऑप्टिक नर्व ही ले जाती है वाहन है इन इम्पल्सिज़ का .दिमाग तक पहुंचाने का ज़रिया है .ऑप्टिक नर्व दिमाग का देखे जा सकने वाला अकेला हिस्सा है जिसे नेत्र रोगों का माहिर ओव्थेल्मो- स्कोप से देख सकता है ।
देखता दिमाग है आँख नहीं .दो बिम्ब बनतें हैं एक वस्तु के एक बाई और दूसरा दाईं आँख के परदे पर दिमाग उनका एकीकरण करदेता है वरना एक के दो नजर आते .
गुरुवार, 2 जून 2011
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