कोम्प्लिक्संस (रोग में बाद इलाज़ या शल्य के पैदा होने वाली समस्याओं को )कोम्प्लिकेसंस कहा जाता है .यही जटिलताएं जो बाद में पैदा होतीं हैं ,सेकेंडरी टू प्राईमेरी डिजीज रोग को और पेचीला बना देतीं हैं ।
डिज़ी -नेस :डिज़ी -नेस इज पैन लेस हेड डिस -कम्फर्ट विद मेनी पोसिबिल काज़िज़ .मसलन बीनाई में खलल ,दिमाग में खलल ,संतुलन अंदरूनी कर्ण प्रणाली (इनर ईयर सिस्टम में खलल ) में विक्षोभ यानी डिस -तर्बेन्स(वेस्तिब्युलर ),अलावा इसके उदरआंत्र तंत्र में गड़बड़ी (गैस्ट्रो -इन्तेस्तिनल सिस्टम डिस्टर्बेंस )सभी कुछ इस एक शब्द की परिधि में सिमट आता है ।
आम आदमी इस लफ्ज़ का स्तेमाल लाईट हेडिद- नेस ,अन -स्टडी -नेस तथा वर्टिगो के लिए करता है ।
नर्व :तंतुओं का एक बण्डल (पैकिट)जो विद्युत् और रासायनिक संकेतों की मार्फ़त इन्द्रिय जनित (सेंसरी )तथा मोटर (मूवमेंट )यानी गति सम्बन्धी सूचना को शरीर के एक से दूसरे हिस्से तक संप्रेषित कर पहुँचातें हैं .
न्युराइतिस:इट इज इन्फ्लेमेशन ऑफ़ दी नर्व्ज़.किसी भी इंजरी के प्रति शरीर की प्रतिक्रया इन्फ्लेमेशन है .यह प्रतिकिरिया तीव्र और अल्पकालिक यानी एक्यूट भी हो सकती है क्रोनिक दीर्घकालिक बिना आल्तारेशन के भी हो सकती है .एक्यूट इन्फ्लेमेशन इज इमिदियेट डिफेंसिव रिएक्शन ऑफ़ टिश्यु टू अन इंजरी .इन्फेक्शन ,फिजिकल एजेंट्स ,केमिकल्स आल कैन काज इंजरी .चोट लगने पर फ़ौरन ,हड्डी टूटने पर आने वाली सोजिश इन्फ्लेमेशन है .
गुरुवार, 2 जून 2011
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