इग्जार्बेशन :इग्जार्बेशन इज टू मेक एन आलरेडी बेड ऑर प्रोब्लामेतिक सिच्युएशन वर्स्ट .
चिकित्सा शब्दावली में इसका मतलब "ए वर्स्निंग "होता है .यानी किसी बीमारी की गंभीरता का और भी ज्यादा गंभीर रुख हो जाना ,इसके साइंस और लक्षणों का और भी उग्र और बे -काबू हो जाना .मसलन एस्मा का भडकना जो वायु प्रदूषण का दमे पर पड़ने वाला गंभीर असर हो सकता है .
फाइबर :पादपों का वह हिस्सा जो पाचित नहीं हो पाता है .मसलन कोम्प्लेक्स कार्बो -हाइड्रेट्स .इसे बल्क या फिर रफेज़ भी कह दिया जाता है .बीकओज़इट गिव्ज़ बल्क टू दी स्टूल .
पादपों से प्राप्त कोम्प्लेक्स कार्बो -हाइड्रेट्स (सु -पाच्य कार्बो -हाई -ड्रेट्स ) स्टार्च और रेशा बहुल होतें हैं .पादप जो सुपाच्य कार्बो -हाइड्रेट्स(फाइबर ) मुहैया करवातें हैं उनमे शरीक हैं -ताज़े फल और तरकारियाँ .बिना छाने हुए आटे से तैयार की गई ब्रेड (डबल रोटी )और सीरियल ग्रेन्स ।
सिम्पिल कार्बो -हाई -ड्रेट्स में सुगर या टेबिल सुगर (शक्कर ,चीनी )आती है जिसमें कोई रेशा नहीं होता है .
दाईत्री फाइबर :एक तरफ बौअल रेग्युलेरिती को बढातें हैं दूसरी तरफ कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी घटातें हैं ।
कुछ मेडिकल कंडीशंस जैसे -हेमर्होइद्स ,कोलाइटिस ,और डाई -वर्टी -कुलोसिस में राहत पहुँचातें हैं ।
खाद्य रेशे हमारे शरीर के वजन को यकसां बनाए रखने में भी मदद गार सिद्ध होतें हैं .इन्हें चबाना ज्यादा पड़ता है ,कम खाओ ज्यादा चबाओ ,पेट को भरमाओ ,ज्यादा फुल्नेस का एहसास पाओ ।
कोलन कैंसर के खतरे के वजह को कम करतें हैं खुराकी रेशे (डाइट -री -फाइबर्स )।ऐसा समझा गया था .लेकिन
१९९९ में पता चला खाद्य खुराकी रेशे कोलन कैंसर होने के चांस को कम या ज्यादा नहीं करतें हैं ।
२०० ० में एक ऐसे खुराकी रेशे का पता चला जो "एडिनोमाज़ "के खतरे को बढाता है .इसे कोलन कैंसर का फॉर -रनर समझा जाता था ।
"दी फाइबर अंडर स्टडी वाज़ इस्पघुला हस्क ,नोट फाउंडइन दी डाइट बट इन लेग्ज़ेतिव्ज़ (ऐसी दस्तावर चीज़ों )जिनमें मुसिलेज हो .इस्पघुला हस्क फाइबर इज सिमिलर टू सीलीयम ,ए फाइबर दिराइव्द फ्रॉम प्लांट हस्क देट इज फाउंड इन मेनी लेग्ज़ेतिव्ज़ ।
इट एपियार्स देत ए हाई फाइबर डाइट शुड बी एव्होइदिद बाई एनी वन हु हेव कोलो -रेक्टल एडिनोमाज़ .
(बहुत हाइप किया गया है इस दौर में ईसब गोल की भूसी को भी ,अति सर्वत्र वर्ज्यते ).
शनिवार, 4 जून 2011
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