" ब्लॉग जगत "।
तू मेरे घर आ ,
मैं तेरे घर आवूंगा ,
तू दो बार आ ,
मैं तीन बार आवूंगा -
कसम प्यार व्यार की नहीं खावूंगा -
कसम राम की -
व्यावहारिकता निभाऊंगा -
ब्लॉग एक और बनाऊंगा -
इस नए ब्लॉग पे नौटंकी दिखाऊंगा ।
कुछ कसरत करती कमसिनों के विडीयोज़ -
दिख -लावूंगा -
फिर भी कसर रह गई तो -
मल्लिका सहरावत को बुलाऊंगा ।
मगर !हे !भगवान्- ब्लोगर या ब्लोगर- भगवान् -
तू कुछ कह -
" ब्लोगर कही "या टिप्पणी कर -
ऐसे न जा !बिना कुछ कहे !
हम इंतज़ार करेंगें -
तू आ न आ !
शनिवार, 4 जून 2011
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
4 टिप्पणियां:
राम-राम जी
मैं आ गया, लेकिन आप मल्लिका को मत बुलाना, क्योंकि अगर दो जाट एक जगह हो, तो उनमें या तो पक्की बनेगी, या पक्की बिगडेगी,
मज़ा आ गया। रोचक प्रस्तुति।
जाट जी की बात में दम है।
'ब्लॉग जगत
तू मेरे घर आ
मैं तेरे घर आऊँगा'
...................सही कहा भाई
ये आना जाना बना रहे , इसी के लिए दुआ करेंगे !
एक टिप्पणी भेजें