सोमवार, 13 जून 2011

लोक संघर्ष के नाम पर (तेरा तुझको अर्पण ).

एक संस्था है जो लोक संघर्ष के नाम से अपना अजेंडा लिए घूम रही है .हमारी मेल में बाकायदा इनकी दस्तक है .कई और जगह भी इनकी घुसपैंठ होगी ही ।
बतलादें आपको इन कथित "लोक संघर्ष "वालों का लोक से कोई मतलब नहीं है ."लोक "उन लोगों के मन में होता है जिनके मन उदार होतें हैं ,ईमानदार होतें हैं .इंसानियत और जगत को जो समझतें हैं उनके दिलों में वास होता है लोक का ।
वे लोक की बात न करें जिनका काम एक को दूसरे के विरुद्ध खडा करना हैं .जहां भेद न भी हों वहां भेद पैदा करना देखना है .इनका संघर्ष यह है कि लोक में उथल पुथल मची रहे .आजकल ये अन्नाजी और बाबा रामदेव में मत भेद और मन भेद दोनों देख रहें हैं ।
इनमे कई स्वप्न नगरी के वासी भी हैं जो फिल्मों में सेक्स परोसते परोसते विचारक बन गएँ हैं .कहलवाना पसंद करतें हैं अपने को विचारक .दाऊद गिलानी को हेडली बनाने वाले यही लोग है .और ये लोक संघर्ष वाले इन्हीं लोगों का अजेंडा लिए घूम रहें हैं .ये ही वो लोग हैं जो स्वामी राम देव को नेता रामदेव यादव कह रहें हैं .(जैसे इन्होनें ही रामदेवजी की माँ का नाल काटा हो .).दाऊद गिलानी ने स्वयम कहा मैं इनके (सेक्स से विचारक तक पहुंचे एक नाम -भट्ट ) लड़के से मिलता रहता था ।
आपको बतलादें इन तमाम लोगों का मूल एक है .काम भी एक ही है साधू संतों को गाली देना ।
अपने पेट दर्द को ये जनता का दर्द बतातें हैं .जन क्रान्ति कहतें है .आइन्दा लोक संघर्ष वालों का मूल और इतिहास आपके सामने किश्तों में आता रहेगा .आगे हम आपको बतलायेंगें ये कैसे कैसे नाम रखतें हैं .
(ज़ारी ...).

15 टिप्‍पणियां:

SANDEEP PANWAR ने कहा…

इंतजार है, इन सब का, हम भी जानना चाहते है।

virendra sharma ने कहा…

शुक्रिया भाई संदीप !हम भी बस आपको ढूंढते ही रहतें हैं .मसाला धारावाहिक किश्तोंमे स्विस बेंक में '""गांधी एंड कम्पनी "के नाम से भी ला रहा हूँ .इंतज़ार मुझे भी है फिलवक्त आपकी सीख पे कायम हूँ एक दिन में एक पोस्ट ।
शुक्रिया मार्ग दर्शन के लिए

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

साधू संतों को गाली देने से कई लोगों को अहम तुष्ट होता है...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

लोगों का अहम

Sunil Kumar ने कहा…

hansi hansi men sab bat kah di , janta hai sab janti hai , ram ram ji

बेनामी ने कहा…

आदरणीय विरेन्द्र जी
सबसे पहले तो आपको सादर नमस्कार !

मेरे ब्लॉग की कईं पोस्ट पर आपने विस्तार से अपने विचार रखें इसके लिए ह्रदय से आभार

आपने इस पोस्ट में जिन लोगों को निशाना बनया है मैं उन्हें अच्छी तरह पहचानता हूँ .
और आपसे सहमत हूँ. आप को सार्थक और खरा- खरा लेख लिखने के लिए शुभकामनाएँ!

Arvind Mishra ने कहा…

छोडिये इन्हें इनके अपने अजेंडे हैं ,,पापी पेट का सवाल जो है !

मदन शर्मा ने कहा…

आदरणीय विरेन्द्र जी आपको सादर नमस्कार !बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने !जो जितना साधू संतों को गाली देता है वो उतना ही बड़ा धर्म निरपेक्ष तथा आधुनिकतावादी है ! यही तो आज हमारी नियति है !

virendra sharma ने कहा…

भाई मैडम मोहन शर्माजी ,काजल कुमारजी ,अनिल जी ,वीरेंद्र और अरविन्द भाई साहब -
जो बड़ेंन को लघु कहे कहें ,
नहीं रहीम घाट जाय ,गिरधर मुरली धर कहें कछु दुःख मानत नाहिं.इति अरविन्द भाई साहब के शब्दों में इनका अपना अजेंडा है और भाई सजीव सलिल जी के शब्दों में -
नहीं एक क़ानून है नहीं एक है नीति ,
आतंकी पर प्रीति है ,और संत हित भीत .
अब ऐसे चारणों का हम करें भी तो क्या ?

virendra sharma ने कहा…

भाई मैडम मोहन शर्माजी ,काजल कुमारजी ,अनिल जी ,वीरेंद्र और अरविन्द भाई साहब -
जो बड़ेंन को लघु कहे कहें ,
नहीं रहीम घाट जाय ,गिरधर मुरली धर कहें कछु दुःख मानत नाहिं.इति अरविन्द भाई साहब के शब्दों में इनका अपना अजेंडा है और भाई सजीव सलिल जी के शब्दों में -
नहीं एक क़ानून है नहीं एक है नीति ,
आतंकी पर प्रीति है ,और संत हित भीत .
अब ऐसे चारणों का हम करें भी तो क्या ?

दिगम्बर नासवा ने कहा…

साधू संतों को गाली देना आज एक फेशन बन गया है ... जितनी ज्याफा गाली उतना ज़्यादा आधुनिक इंसान ....

मदन शर्मा ने कहा…

मेरे पोस्ट पर आने के लिए आप का बहुत धन्यवाद | मेरी आपको सलाह है की आप यदि कम से कम तीन दिन पर या एक सप्ताह में एक पोस्ट नियमित रूम से लिखें तो अधिक अच्छा होगा क्यों की मेरे जैसे बहुत से लोग हैं जो की समय की कमी होने के कारण रोज रोज इन्टरनेट का प्रयोग नहीं कर सकते अन्यथा हम जैसे लोग आपके अनेकों बहुमूल्य विचारों से वंचित रह जायेंगे | मुझे अपना स्नेह देने के लिए आपका पुनः आभार !!

मदन शर्मा ने कहा…

मेरे पोस्ट पर आने के लिए आप का बहुत धन्यवाद | मेरी आपको सलाह है की आप यदि कम से कम तीन दिन पर या एक सप्ताह में एक पोस्ट नियमित रूम से लिखें तो अधिक अच्छा होगा क्यों की मेरे जैसे बहुत से लोग हैं जो की समय की कमी होने के कारण रोज रोज इन्टरनेट का प्रयोग नहीं कर सकते अन्यथा हम जैसे लोग आपके अनेकों बहुमूल्य विचारों से वंचित रह जायेंगे | मुझे अपना स्नेह देने के लिए आपका पुनः आभार !!

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Apne swarthon ke har had paar kar rahe hain ye log.....

Dr Varsha Singh ने कहा…

WAITING FOR NEXT......