एंटी -बॉडी :एक इम्यूनो -ग्लोबुलिन है ,एक दम से ख़ास एक प्रति -रक्षी प्रोटीन है जो किसी एंटी -जन के शरीर में प्रवेश करने पर पैदा होती है .इस प्रति -पिंड की खासियत यह है यह उस एंटी -जन से ही संयुक्त हो जाती है जो इसके खुद के पैदा होने की वजह बना था ।
इम्यून सिस्टम (हमारे कुदरती रोग रोधी तंत्र )का मुख्य काम ही प्रति -पिंड बना ना है ,यह काम एक किस्म की श्वेत रुधिर कणिकाएं ही करतीं हैं जिन्हें "बी सेल "या बी -लिम्फो साईट कह दिया जाता है ।
एंटी -बोडीज़ के निर्माण को विजातीय तत्व ,माइक्रो -ओर्गेनिज्म ,कुछ विषाक्त तत्व (टोक्सिंस)ही प्रेरित करतें हैं और इनके निशाने पर भी यही ट्री -गर्स आजातें हैं .बूम्रांग करती हैं एंटी -बोडीज़ प्रेरक तत्वों पर ही ।
कुछ एंटी -बोडीज़ ऑटो -एंटी -बोडीज़ कहलाती हैं जो अपने (हमारे )ही शरीर के ऊतकों को निशाने पे ले लेतीं हैं .
१९०१ में यह शब्द प्रयोग शुरू हुआ .पूर्व में -
"एन एंटी -बॉडी रेफार्ड टू एनी होस्ट ऑफ़ ए डिफरेंट सब्स्तेंसिज़ देट सर्व्ड एज "बोडीज़ "(फुट सोल्ज़र्स )इन दी फाईट अगेंस्ट इन्फेक्शन एंड इट्स इल -इफेक्ट्स .".
एंटी -जन :किसी कोशा (सेल )या जीवाणु की काया की सतह पर एक ऐसा प्रोटीन है एंटी -जन जो एंटी -बोडीज़ के निर्माण को प्रेरित करता है .एंटी -जन से संगतिरखने वाली हीख़ास एंटी -बॉडी बनती है .
शुक्रवार, 3 जून 2011
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1 टिप्पणी:
आभार इस जानकारी के लिये।
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