रविवार, 7 अक्टूबर 2012

कांग्रेसी कुतर्क

कांग्रेसी कुतर्क 



देना लेना फाँसना, डी एल एफ़ का अर्थ |
नम्बर इक दामाद है, होय जाँचना व्यर्थ |
होय जाँचना व्यर्थ, अगर इसको फ़ांसोगे |
होगा मित्र अनर्थ, अपयश अपने सर लोगे |
दुनिया के दामाद, जमेंगे जन्तर मन्तर |
वाड्रा तो हैं भले, पड़ेगा भारी अंतर ||


बहुओं पर इतनी कृपा, सौंप दिया सरकार ।
बेटी से क्या दुश्मनी, करते हो तकरार ।
करते हो तकरार, होय दामाद दुलारा ।
छोटे मोटे गिफ्ट, पाय दो-चार बिचारा ।
पीछे ही पड़ जाय, केजरी कितना काला ।
जाएगा ना निकल, देश का यहाँ दिवाला ।

जायदाद आधी मिले, कानूनन यह सत्य |
बेटी को दिलवा दिया, हजम करो यह कृत्य |
हजम करो यह कृत्य, भृत्य हैं गिरिजा सिब्बल |
चाटुकारिता काम, दिया उत्तर बेअक्कल |
माँ की दो संतान, बटेगा आधा आधा |
देखे हिन्दुस्तान, नहीं डालेगा बाधा ||


क़ानून मंत्री श्री सलमान खुर्शीद साहब कह रहें हैं .पहले से सब कुछ पता था तो चैनल पे क्यों न दिखाया ?सबको पता होना चाहिए .

तो भाई साहब जो ज्ञात सत्य है उसपे अब हाय तौबा क्यों मची है .

एक और तर्क देखिए कांग्रेसी कह रहें हैं :वाड्रा प्राइवेट आदमी है .मान लिया चलिए .

फिर सारे कांग्रेसी वकील बने प्रवक्ता उसकी तरफदारी क्यों कर रहें हैं ?देखिए वाड्रा ऐसा योजक ,संयोजक तत्व बन गए हैं जिन्होनें पार्टी और सरकार का परस्पर विलय करवा दिया है .अब पार्टी सरकार बन गई है .और सरकार पार्टी .पूछा जाना चाहिए इनमें  से माताजी किसकी मुखिया है .पार्टी की ?सरकार की ?

आइन्दा यह मुहावरा बड़ा सटीक बैठेगा -जैसे बरसात में सारे सांप अपने बिलों से बाहर निकल आतें हैं ,वैसे ही केजरीवाल साहब के एक आरोप लगाते ही सारी कांग्रेसी निकल आते हैं .

अब एक तर्क और देखिए -एक कांग्रेसी प्रवक्ता कहतें हैं -सारे आरोप बहुत छिछले हैं मैं इन्हें डिश मिस करता हूँ .ये साहब वकील हैं .क्या ये ज़ज़ के सामने भी अपने मुवक्किल की पैरवी 

करते हुए कह सकतें हैं ,ज़ज़  साहब मैं आरोपों को ज़वाब देने  लायक ही नहीं मानता .मैं इन्हें डिश मिस करता हूँ .

भाई साहब इस देश में एक न्यायिक प्रक्रिया है .एक न्यायालय भी है .आप साबित कीजिए आरोप गलत हैं .क़ानून मंत्री का काम क़ानून की सहायता करना है .न्यायिक कमीशन बनाओ .
जांच बिठाओ .

कल को कह दो हम सूर्य को डिस मिस करते हैं तो क्या सूर्य नहीं निकलेगा .सवेरा नहीं होगा .आप स्वस्थ बहस करो .एक आदमी कह रहा है -दिन  है .आप कहते हो रात है .क्या आप यह 

सिद्ध करना चाहते हो सूरज रात में निकलता है .

आप स्वस्थ बहस करो .

एक और बानगी देखी -गिरिजा व्यास कहतीं हैं आरोप हास्यास्पद हैं ,बड़े गंभीर हैं .

गंभीर भी हैं हास्यास्पद भी .माननीया दोनों एक साथ कैसे हो सकतें हैं ?

यही कांग्रेसी तर्क हैं .क़ानून मंत्री कहतें हैं यह तो सबको पता था .क्या ऐसा कहके कानून मंत्री सोनिया का भेद खोलना चाहतें हैं ,.खोल नहीं  रहें हैं ?

तो भाई साहब इन्हें ही कहा जाता है कांग्रेसी  कुतर्क .समय समय पर इनकी बानगियाँ हम पेश करते रहेंगे .

सन्दर्भ -सामिग्री :-

केजरीवाल साहब की हालिया प्रेस कोंफरेंस .वाड्रा और ड़ी एल ऍफ़ .

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