बुधवार, 24 अक्टूबर 2012

हैलोवीन बोले तो (दूसरीऔर तीसरी क़िस्त )

 Halloween( हैलोवीन) बोले तो (दूसरी और तीसरी  क़िस्त )

इतिहास के झरोंखे से 

अब से कोई दो हज़ार बरस पहले वो तमाम  इलाके जिन्हें   आज हम आयरलैंड ,यूनाइटइड  

किंडम , फ्रांस के उत्तरी भाग के रूप में जानतें हैं एक नवम्बर 

को 

अपना नव वर्ष का उत्सव  मनाते थे .यह ग्रीष्मांत और शरद रितु  की आहट की वेला होती थी 

.दिन छोटे और रातें ठंडी होना शुरू हो जातीं थीं एक नवम्बर        

तक 

फसलें भी  कट जातीं थीं .फसली उत्पाद प्राप्त हो जाता था .

वर्ष के इस पहर का सम्बन्ध मृत्यु से भी जोड़ा गया था .

प्राचीन celts civilization के लोग मानते थे नव वर्ष की पूर्व संध्या पर यानी 31 अक्टूबर की 

रात्रि  से मृत्यु लोक जहां आत्माएं निवास करतीं हैं इहिलोक 

अर्थात 

इस लौकिक संसार के बीच की विभाजक रेखा गिर जाती थी . 

ये लोग samhain festival (pronunced sow-in ) इस रात बड़ी धूमधाम से मनाते थे .जन 

विश्वास  था कि परलोक सिधार चुकी प्रेतात्माएं इस दिन 

पृथ्वी पर 
आके उत्पात मचाती हैं .फसलों की तबाही का सबब बनतीं हैं लेकिन इनके आने से पंडित 

पादरियों (Druids)के लिए भविष्यवाणी करना 

सहज सरल और बड़ा सटीक हो जाता था .

कुदरत के बदलते स्वरूप से खौफ खाते रहने ,प्राकृतिक आपदाओं का मतलब न बूझ पाने के उस 

दौर में क्षण प्रतिक्षण बदलती लास दिखाती कुदरत और 

लम्बाती ठंडी रातों 

में इन भविष्य  वाणियों के सहारे इन लोगों के लिए इन लम्बी ठंडी बोझिल रातों को काटना 

मुमकिन हो पाता  था ..

इन भविष्य कथन कहने वाले पोंगा पंडितों के बताये अनुसार तमाम लोग मिलकर सामूहिक 

अलाव जलाते थे और अनाम  देवताओं को खुश करने संतुष्ट 

रखने के लिए फसली उत्पाद और पशुओं की आहुति इस अलाव में देते  थे .  

एनीमल हेड्स और पशु चमड़ी से तैयार विचित्र पैरहन होता था इनका .ये परस्पर प्रागुक्ति करते

थे किसके साथ क्या शुभ अशुभ होने वाला है निकट 

भविष्य में .

समारोह के अंत में यह वापस अपने घरोंदों में आके चूल्हे के सामने वाले इलाके में घरों को गर्म 

रखने के लिए आग जलाते थे जिसे ये समारोह से पूर्व बुझा 

जाते थे .घरों को बेहद ठंडा कर देते थे ताकि भूत प्रेत वहां उस सीलन भरे माहौल में  जाने का न

सोचें .लेकिन इस आग को जलाने के लिए ये कोयले 

सामूहिक अलाव से ही उठाते थे .

जन विश्वास था इस  पवित्र अलाव (sacred bonfire)की आग से ,घर में दहकाई आग से ही 

दहके घर ही प्रेत बाधाओं से इनकी हिफाज़त कर सकतें हैं .

43 A.D.तक रोम का सम्राट तकरीबन  इस पूरे ही  इलाके पर फतह हासिल कर चुका था .

अपने चार सौ बरसों के  शासन में  प्राचीन रोम में धूमधाम से मनाये  जाने वाले दो त्योहारों को 

भी CELTIK SAMHAIN पर्व से जोड़ दिया गया .इन दो 

त्योहारों में से एक था :

Feralia अक्टूबर के आखिर में ही मनाया जाता था मृत आत्माओं की याद में .मृत आत्माओं का 

स्मरणोत्सव ही था यह .दूसरा पर्व था -

Pomona जन विश्वास  था पोमोना वृक्षों और उनके उत्पाद फल फूलों की देवी है इसका चिन्ह 

था एपिल .बस तभी से हेलोवीन के साथ "BOBBING 

"FOR APPLES चल पड़ा जो आज तक कायम है .

यह हेलोवीन का एक लोकप्रिय खेल है जिसमें  एक टब में पानी लेकर उसमें सेब डुबोये जाते हैं 

.अब एपिल घनत्व में पानी से हलका होने के कारण सतह 

पर बना रहता है खिलाड़ी इसे दांतों से पकड़ने का खेल खेलते हैं .अक्सर बच्चे ही ये खेल खेलते 

हैं कोई बे -ईमानी न करे इस एवज सभी प्रतियोगियों के 

हाथ पीछे की और बाँध दिए जाते हैं .

मई 13 ,ईसवी सन 609 को पॉप चतुर्थ ने अपना PANTHEON (MEMORIAL TO DEAD 

HEROES) ईसाइयत पर शहीद हुए लोगों के सम्मान में 

अर्पित कर दिया .

बस इसी के साथ कैथोलिक फीस्ट की शुरुआत हुई .सभी शहीदों की याद में पश्चिमी चर्च दावत  

देने लगे .

पॉप ग्रेगरी तृतीय(731-741) ने इसमें सभी संतों को दी जाने वाली दावत को भी समाहित कर 

लिया और इस उत्सव की तारीख कर दी गई 1 नवम्बर 

.बोले तो आल 

सेंट्स एंड मार्टिअर्स डे . .

नौवीं शती तक ईसाइयत का असर  CELTIC RELIGION पर भी पड़ने लगा .एक मर्तबा फिर

 इस क्षेत्र के रीति -रिवाज़ ,कर्म काण्ड चल पड़े .

 सन 1000 

चर्च ने 2 नवम्बर को सर्वआत्मा दिवस आल सोल्स डे घोषित कर दिया  .तमाम परलोक सिधार 

चुकी आत्माओं को इस दिन याद किया जाने लगा .ऐसा 

माना जाता है 

सेल्टिक परम्पराओं में संशोधन चर्च की स्वीकृति के अनुरूप किया गया .छुट्टी भी चर्च की 

स्वीकृति से इस दिन घोषित की गई .

All Souls Day was celebrated similar to Samhain ,with big bonfires ,parades and 

dressing up in custumes as saints ,angels and 

devils .   

The All saints Day celebration was also called All-hallows  or All hallomas (from 

Middle English Alholowmesse meaning All Saints 

Day.) and the night before it ,the traditional night of Samhain in the Celtic religIon

,began to be called All-hallows Eve  and 

eventually Halloween.

(ज़ारी )

हैलोवीन बोले तो (तीसरी क़िस्त )

नव उपनिवेशवादी न्यू -इंग्लैण्ड में हेलोवीन का रंग फीका- फीका और कहीं कहीं ही  चढ़ा था 

.इस उत्सव को  व्यापक रूप संशोधन वादी समर्थकों 

के विरोध की वजह से हासिल न हो सका (protestant protest ) 

की 

वजह से हासिल न हो सका .जबकि  मैरीलैंड के अलावा इसके आयोजन दक्षिणी उपनिवेशों में 

धूम धाम से होते थे .कालान्तर में विभिन्न योरपीय 

एथनिक 

समूहों (जनपदीय समूह ,विशेष जाति  या धर्म से सम्बंधित )और अमरीकी इंडियन इस उत्सव 

को मिलझुल कर एक नए रूप में ही मनाने लगे .

इस नव संस्करण में सबसे पहले प्ले पार्टीज़ अस्तित्व में आईं .अब तमाम पडोसी मिलके 

परस्पर मृत आत्माओं के किस्से कहने कहने सुनाने लगे .एक 

दूसरे का भाग्यफल बांचने बताने लगे और यह सब फसली उत्पाद के साथ किया अलाव सुलगा 

के किया जाता था इसीलिए हार्वेस्ट सेलिब्रेशन कहलाता 

था .

नांच गानों का आयोजन होने लगा .हेलोवीन के उपनिवेशी स्वरूप में भी ये भूत प्रेतों के किस्से 

सुना लोग न सिर्फ एक दूसरे को डराते थे एक दूसरे  के 

खिलाफ बहका भी देते थे .किसके पूर्वज प्रेत योनि  में किसे सता रहें हैं .

उन्नीसवीं शती के मध्य पहर तक पतझड़ के मौसम में और तो उत्सवी आयोजन होते थे लेकिन हेलोवीन पूरे देश (अमरीका के सभी इलाकों  ) में अभी 

तक एक सामुदायिक आयोजन का स्वरूप इख्तियार नहीं कर सका था .

शती के उत्तरार्द्ध  में इस स्थिति में बदलाव देखा गया .यह वह दौर था जब आयरलैंड में आलू 

अकाल पड़ा था(1846 ) .हज़ारों की तादाद में यहाँ(अमरीका ) आप्रवासी 

(आव्रजक )अमरीका पहुंचे  थे .इन्होनें अमरीका भर में हेलोवीन को एक राष्ट्रीय पर्व का दर्ज़ा 

दिलवा दिया जिसे ये बड़ी धूमधाम से मनाते थे .अब इनके 

रिवाजों ने जोर पकड़ा अमरीकी इन्हीं की तरह परिधानों में सजे संवरे खाने की चीजें कुकीज़ 

आदि और पैसा घर घर जाकर मांगने लगे .

यही अब "ट्रिक और ट्रीट " बन गया जो आज तक कायम है .

Young women believed  that on Halloween they could divine the name or 

appearence of their future husbands by doing tricks 

with yarn ,apple parings or mirrors .

(ज़ारी )

5 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

हैलोवीन उत्सव के उद्गम और स्वरुप पर जानकारीपूर्ण पोस्ट!

रविकर ने कहा…

विजयादशमी की शुभकामनाएं |
सादर --

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बढियाँ और विस्तृत जानकारी सर जी...
विजयादशमी की शुभकामनाएँ!!
:-)

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

जानकारी के लिये आभार,,
विजयादशमी की हादिक शुभकामनाये,,,
RECENT POST...: विजयादशमी,,,

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

संस्कृति की परम्परायें..भाँति भाँति के..