रविवार, 14 अक्टूबर 2012

फफूंदा मष्तिष्क शोथ कुछ और जानकारी

सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल के मुताबिक़ अब तक तकरीबन 14000 अमरीकी फफूंदा सना दर्द नाशी स्टिरोइड सुईं के ज़रिये ले चुकें हैं .

कमर दर्द के क्रोनिक मामलों में अमूमन यहाँ स्टिरोइड सुइयां लगा दी जातीं हैं .

जब एंटी-इन्फ्ले -मेट्री दवाएं तथा फिजिकल थिरेपी नाकाम हो जाती है तब अंतिम उपाय के तौर पर कमर दर्द से राहत के लिए ये सुइयां लगाईं जाती हैं .


निचली कमर की रीढ़ की गुर्रियों के बीच खाली जगह में लगाए जातें हैं ये इंजेक्शन .नेक में भी बोले तो सर्वाइकल इस्पाइन में भी .

Conni Lester ,Herniated disk की समस्या से ग्रस्त हैं महीनों से उन्हें ऐसी सुइयां Lumbar spine में  लगती रहीं हैं जब से फफूंदा मष्तिष्क शोथ के 

मामले प्रकाश में आयें हैं उनके माथे पे उभरी चिंता की  लकीरें बढती जा 

रहीं हैं .

सोचती हैं दार्शनिक मुद्रा में जो नुक्सान हो चुका उसकी भरपाई मुश्किल है .उनकी डिश्क बराबर एक नस को दबा रही है निचली कमर की रीढ़ की एक 

हड्डी (कशेरुका )के खिलाफ .दोनों परस्पर  रगड़ खाती हैं उठते 

बैठते ऐसे में इनका चलना फिरना मुहाल ,दर्द का सबब बना रहता है .

preservative free steroid methylprednisolone  ने आपकी दुश्चिंताएं बढ़ा दी हैं .उन 14,00 लोगों में शायद आप भी शामिल है जिन्हें इस बैच की 

संदूषित 

सुइयां लग चुकीं हैं .

JOINT PAIN ,ARTHRITIS OR OTHER INFLAMATORY  DISEASE

जब हमारी काया जोड़ों के दर्द ,संधिवात ,ऐसी ही अन्य समस्याओं  में पैदा दर्द  से उबरने की कोशिश करती है तब वरम (सूजन ),इनफ्लेमेशन हमें झेलना 

पड़ता है .

क्यों होता है यह इनफ्लेमेशन ?

ऐसा या तो पेशियों के ऊतक फटने से या फिर कोशिकाओं में दाह ,इर्रिटेशन पैदा होने से होता है .

अब ये इनफ्लेमेशन ही और इनफ्लेम्शन पैदा करने लगता है एक स्वयं चालित मशीन सा .ऐसे में इसे थामने के लिए स्टिरोइड  लेने पड़ते हैं .

ऐसे में महीने भर में दो से तीन सुइयां एपिद्युरल्स (Epidurals)की ही तरह लगवानी पड़ती है .

पुराने लाइलाज दर्द से राहत के लिए 80 फीसद लोगों को एक दो सुइयां लगवानी ही पड़ती है .

अमूमन इस प्रकार की आम सुइयों से जिनका रखरखाव और निर्माण प्रक्रिया में सुनिश्चित मानकों का पालन किया जाता है संक्रमण की खासकर 

बेकटीरीअल संक्रमण की संभावना न के बराबर ही रहती है . 

और ऐसा सिर्फ उनके साथ ही होता है जिनके रोगरोधी तंत्र कमज़ोर होतें हैं किसी और वजह से पूरी तरह सक्षम नहीं होतें हैं .

यूनिवर्सिटी आफ केलिफोर्निया ,लासएंजीलीज़ के माहिर डॉ निक शेमी(Nick Shamie) कहतें हैं मैं ने गत 12 वर्षों में ऐसे संक्रमण के महज़ दो मामले ही 

देखें हैं .आप 

विश्वविद्यालय में ओर्थो-पीडिक तथा न्यूरोसर्जरी के अशोशियेट प्रोफ़ेसर हैं .बकौल आपके ये स्टिरोइड  सुइयां कोई पुख्ता समाधान भी प्रस्तुत नहीं 

करती हैं .दर्द

 की लहर इन मरीजों को फिर भी झेलनी ही पड़ती है .अगर कोई समाधान है तो वह है शल्य चिकित्सा .

Lester की रीढ़ की सर्जरी सात नवम्बर को होनी तय हो चुकी है .

उनको अगले हफ्ते फिर एक सुईं लगनी है .हो सकता है वह वर्तमान गफलत भरे मामले में इससे परहेज़ ही रखें .हालाकि वह  यह भी ठीक ठीक  नहीं 

जानती ,उन्हें जो सुइयां अब तक लग चुकीं वह ये बहु चर्चित स्टिरोइड सुइयां ही रहीं हैं या कुछ और .

सन्दर्भ -सामिग्री :-

Steroid injections common for back pain sufferers

By Jacque Wilson, CNN
updated 3:29 AM EDT, Sat October 13, 2012

Connie Lester, right, and her friend Kathy Logan have both had spinal steroid injections for pain. Connie Lester, right, and her friend Kathy Logan have both had spinal steroid injections for pain.
Connie Lester, right, and her friend Kathy Logan have both had spinal steroid injections for pain.
Connie Lester, right, and her friend Kathy Logan have both had spinal steroid 

injections for pain.

फफूंदा मष्तिष्क शोथ कुछ और जानकारी 

2 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

पीड़ा की कहानी..

Maheshwari kaneri ने कहा…

सच में ये एक पीडा़ की ही कहानी है...उपयोगी जानकारी ..आभार