मंगलवार, 29 मई 2012

रोगों के बिलकुल आरंभिक चरण में निदान के लिए नव(अभिनव )परीक्षण

रोगों के बिलकुल आरंभिक चरण में निदान के लिए नव(अभिनव )परीक्षण 

New test to spot disease early /TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI,MAY 29,2012,P17

साइंसदानों   ने   एक  ऐसा  अभिनव  परीक्षण  रोगों  के  निदान  के  लिए  तैयार  किया  है  जो  अति संवेदी है इतना कि रोगों की पड़ताल एकदम से शुरूआती चरण में ही कर सकता है .

इस परीक्षण के तहत इम्पीरियल कोलिज लन्दन के रिसर्चरों ने उन ख़ास अणुओं की शिनाख्त करने की प्राविधि विकसित की है जो रोग के ठीक से पंख खोलने से पहले ही  प्रगट होने लगते हैं .

भले इनका सांद्रण (वजूद ) अति अल्पांश में हो .इधर उधर इक्का दुक्का ही ये छितराए हुए हों .

बेशक आज भी कुछ रोगों के लिए ऐसे नैदानिक परीक्षण मौजूद हैं जो ऐसे ही जैव -मार्करों (biomarkers) की  शिनाख्त  जैव -टोहियों (Biosensors )की  मदद  से  कर  लेतें  हैं  .

लेकिन वर्तमान में उपलब्ध जैव टोही तब कम संवेदी सिद्ध होतें हैं जब उल्लिखित  जैव मार्कर्स अल्पांश में ही मौजूद हों .इनका सांद्रण  एक दम से कम हो .रोग की शुरुआत में यही तो होता है .


नया जैव टोहक परीक्षण (New biosensor test ) उस जैव मारकर का अन्वेषण कर सकता है जिसका सम्बन्ध पौरुष ग्रंथि कैंसर (prostate cancer) से  जोड़ा गया है .

इस बायो -मारकर को कहा जाता है PSA यानी प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन .

इस जैव टोहक की खूबी यह है इसका पुनर विन्यास किया जा सकता है इसे बीमारी के सम अनुरूप बनाया जा सकता है संरूपण हो सकता है इसका .RECONFIGURE  कर सकतें हैं इसे रिसर्चर .ताकी इसे अन्य बीमारियों और वायरस (विषाणु )अन्वेषी (PROBE) के रूप  में   आजमाया जा सके जहां सम्बद्ध जैव -संकेतक(चिन्हक ,चिन्हित करने वाला )) का पहले से ही इल्म होता है .

आरंभिक चरण में रोग के पुख्ता इलाज़ जल्दी ठीक होने की संभावना अधिकतम रहती है . रोग का पूर्वानुमान और भावी विकास के रूप में बहतर  अंकन हो सकता है इस मत्वपूर्ण चरण में .

लक्षणों के उग्र होके बे -काबू होने से पहले ही  इसी चरण में उनका   शमन किया जा सकता है .बीमारी का बढना और  बिगड़ना दोनों  थामे जा सकतें हैं .

Diagnosis is  half cured .

वर्तमान  में  उपलब्ध  प्रोद्योगिकी  कितने  ही  ऐसे  रोग  हैं  जिनकी  टोह  इस   चरण  में  नहीं  ले  सकती  .भूसे   के  ढेर  में  से  सुईं  ढूंढ  निकालने की तरह मुश्किल है यह काम .

अभिनव उल्लेखित  प्रोद्योगिकी इस सुईं को ही ढूंढ निकालेगी .

इस रिसर्च में रिसर्चरों ने सिर्फ एक बीमारी के लिए जैव -चिन्हक पर गौर किया लेकिन इसका अनुकूलन सहज सरल है इसे उनकी शिनाख्त के लिए आजमाया जा सकत है ढाला जा सकता है . 

1 टिप्पणी:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सच ही है, पहले ही पता लग जाये तो कितना अच्छा हो।