रविवार, 20 मई 2012

'ये है बोम्बे मेरी जान (भाग -१ )

'ये है बोम्बे मेरी जान (भाग -१ )

Antibiotic Armageddon : Mumbai nerve centre of drug resistance 

Pill that's killing  us  

Mumabi's suffocating crowds , muounting filth  ,and the rampant abuse of antibiotics are creating deadly bacteria too strong for our medicines /SUNDAY Mumbai Mirror ,may 20,2012 ,LEAD STORY FRONT PAGE 

एक  सुबह  जब बुजुर्ग रामचन्द्रन साहब बिस्तर से उठे तो क्या देखतें हैं उनकी एडी खून से लथपथ है फोड़ा जो था वह फूट गया है आपसे आप .घरु चिकित्सा कई दिन आजमाने के बाद उनकी पत्नी ने देखा कि एडी का जख्म भरना तो दूर उससे बदबू दार मवाद रिस रहा है .६९ वर्षीय रामचन्द्र घबरा गए क्योंकि आप मधुमेह से भी पीड़ित हैं .अपने चिकित्सक डॉ रमेश पंजाबी साहब के पास दौड़े जिन्होनें संक्रमित ऊतक की साफ़ सफाई कर दी .हटा दिए इन्फेक -टिड  टिशुज़ .

काली पड़ चुकी चमड़ी से स्वाब (फाहे से कुछ इसी चमड़ी के ऊतक लेकर ) बारीकी से जांच की .तथा कुछ  Genric antibiotics नुस्खा लिख   तजवीज़  कर  दिए  ..Bacterial culture  तथा  antibiotic sensitivity  की भी जांच की गई .सब कुछ खुदा का शुक्र है .नोर्मल था .


लेकिन जिस जख्म को तकरीबन दस दिन में ही भर जाना चाहिए  उसकी हालत बद से बदतर होती गई .

छ : हफ्ते बाद एक और जांच की गई .पता चला यह सारी करामात उस सुपर बग Pseudomonas  aeruginosa  की है जो अपने दवा प्रतिरोध (Drug resistance) के लिए कुख्यात रहा है .क्षिप्रता   से  यह  उत्परिवर्तित  हो  जाता  है  अपना  रूप  -विधान  बदल  लेता  है  .   

यही जीवाणु तमाम तरह के एंटी -बायोटिक्स का प्रति -रोध कर रहा था .उनसे निष्प्रभावित बना रामचन्द्र की एडी में अपना कुनबा बढा रहा था .नतीज़न एडी के घाव को भरने में पूरे ९० दिन लग गए .रामचन्द्रन हतप्रभ है उसे कोई इल्म नहीं है कहाँ से उसे इस खतरनाक सुपर बग जनित संक्रमण की छूत लगी .साथ ही ईश्वर का शुक्र गुज़ार है .उसे अब आराम है  और कोई बड़ी कीमत उसे नहीं चुकानी पड़ी .जबकि उसकी एडी में यह ड्रग रेज़ीस्तेंट बेक -टीरिया अपना घर ही बना चुका था .

लेकिन क्या मुंबई में हर कोई रामचन्द्रन जैसे ही नसीबों  वाला है ??

स्वप्न नगरी मुंबई  के अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो ड्रग रेज़ीस्तेंट से जूझ रहें हैं ,ड्रग रेज़ीस्तेंट भोगते भोगते कुछ चल बसे हैं .

Mumbai's public hospital -acquired infections 


 माहिरों    के  अनुसार अस्पताल जनित संक्रमण के मामले ही कमसे कम १०% हैं तमाम संक्रमण के मामलों के बरक्स .इनका  एक बड़ा हिस्सा ड्रग  रेज़ीस्तेंट संक्रमण है .

नंबर वन सिटी बन रहा है मुंबई ड्रग रेज़िसतेंट के मामले  में 

ड्रग रेज़ीस्तेंट बेक -टीरिया के खिलाफ आखिरी लड़ाई लड़ी जानी अभी बाकी है जबकि  भारत 
कुख्यात हो चुका है एंटी -बायतिक्स के दुरोपयोग के मामले में .

While India gains notoriety for its abuse of antibiotics ,Mumbai is emerging as the numero uno city cut out for serious trouble .It has everything it takes to bring on antibiotic Armageddon -a 1.25 crore plus crowd ,staggering numbers of unqualified doctors ,lack of sanitation and health care ,among other things.Doctors agree that it has come to  be the hyperactive nerve centre of drug resistance.  

(ज़ारी )

2 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

भयावह संकेत..

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सुपर बैग ... कई दिनों पहले ये नाम अमेरिका की डाक्टरों ने अपने मरीजों कों भारत आने से रोकने के लिए किया था ...
डरावना सच लगता है ये ...
राम राम जी ...