कहीं ख़तरा -ए-जान ही न बन जाए एज़िथ्रो -माय्सीन :सांस की नली की एक बीमारी ब्रोन्ग्काइतिस(Bronchitis ,श्वांस नली की दो
मुख्य शाखाओं की एक बीमारी श्व्शनी शोथ ) तथा साइनस के संक्रमण में अकसर
दिया जाने वाला एक आम एंटी -बायोटिक अज़िथ्रोमाई सीन(Azithromycin) दिल के
लिए बुरा बतलाया जा रहा है .समझा जाता है इसके कोर्स के शुरूआती पांच दिनों
में ही कार्डियो -वैस्क्युअलर -डेथ के खतरे का वजन ढाई गुना बढ़ जाता है
.न्यू -इंग्लेंड जर्नल ऑफ़ मेडिसन में इस नवीन शोध के अध्ययन को ख़ास जगह
दी गई है .
गौर तलब है यही वह प्रति -जैविकी दवा है जो दिल के लिए
निरापद समझी जाती थी .जब पता चला कि पेंसिलिन कुछ लोगों को मा फिक
नहीं आरहा है ज्यादा संवेदन शील हैं कुछ लोग इसके प्रति ,एलर्जिक हैं तब
यही वह एंटी -बायटिक है जिसने सहज ही पेंसिलिन की जगह ले ली थी .एज़िथ्रो
-मायसिन Macrolides group से ताल्लुक रखती है .अकसर इसका इस्तेमाल Lower
respiratory tract infections ,Acute bacterial bronchitis ,community
acquired pneumonia ,Upper respiratory tract infections ,चमड़ी को लगने
वाले संक्रमणों तथा साधारण किस्म की गैर -पेचीला uncomplicated
urethritis due to Chlamydia (मूत्र नली का एक संक्रमण ) के उपचार
में किया जाता है .
रिसर्चरों ने एक पूरा दस्तावेज़ पूर्व में संपन्न अनेक
अध्ययनों को जांचने के बाद तैयार किया है जो serious Arrhythmias का
सम्बन्ध अज़ीथ्रोमाय्सिन के इस्तेमाल से जोड़ता है .
जिन
लोगों को कोई और एंटी -बायोटिक न देकर एज़िथ्रोमाय्सिं ही दिया गया उन
प्रत्येक एक लाख इलाज़ करवा चुके लोगों में ४७ लोग ज्यादा मरे
.बरक्स उनके जिन्हें एज़ीथ्रोमाय्सिन न देकर एमोक्सी -सिलीन (Amoxicillin)
दिया गया था .
जो लोग पहले से ही दिल की बीमारियों से ग्रस्त थे उनमे
२४५ लोग ज्यादा अज़ीथ्रोमाय्सिन कोर्स (तजवीज़ किया गया नुस्खा )करने के
बाद मरे .
अध्ययन में तकरीबन ३,४८ ,००० तजवीज़
किये गए नुस्खों दवा की पर्चियों ,ओ पी डी टिकिट्स के साथ पूरे रिकोर्ड की
तुलना उन लाखों लोगों के नुस्खे से की गई जिन्हें या तो कोई अन्य एंटी
-बायोटिक दिया गया या एंटी -बायोटिक सिरे से जिन्हें दिया ही नहीं गया था .
एमोक्सी -सीलिं से तुलना इसलिए की गई क्योंकि यह दिल
के लिए निरापद समझा जाता है तथा वैसे ही हालातों में clinical
circumstances में दिया जाता है जिनमे एज़िथ्रो -मायसिन का इस्तेमाल होता
रहा है .
माहिरों के अनुसार इस दौर में जब कि नए नए अनेक एंटीबायटिक
समूह बाज़ार में आगये हैं एज़िथ्रो -मायसिन और इसी समूह की अन्य दवाओं का
इस्तेमाल अतिरिक्त सावधानी के साथ किया जाना चाहिए .बेहतर हो विकल्प हीनता
की स्थिति में ही इन्हें काम में लिया जाए जब और कोई चारा न हो दूसरी दवा
न हो .
यह एहतियात बरतनी तब और भी ज़रूरी हो जाती है जब मरीज़
एक पूर्व वृत्तांत लिए है हृदय और ब्लड वेसिल्स से ताल्लुक रखने वाले
रोगों का .
Arrhythmias: It is an irregularity in the normal rhythm or force of a rhythmical
आम भाषा में इस स्थिति में दिल की धड़कन अनियमित हो
जाती है .दिल की लय ताल बिगड़ जाती है .दिल की धौंकनी सामान्य से तेज़ भी
चल सकती है मंदा भी .
याद रहे -कहीं ख़तरा -ए-जान ही न बन जाए एज़िथ्रो -माय्सीन
3 टिप्पणियां:
कहीं ख़तरा -ए-जान ही न बन जाए एज़िथ्रो -माय्सीन
अच्छी जानकारी देती पोस्ट,,,
पता नहीं कब किस रूप में हम जानलेवा औषधि ग्रहण करते रहते हैं।
nice
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