मंगलवार, 30 नवंबर 2010

अमरत्व का नुश्खा हो सकती है यह जादुई दवा ....

मिरेकिल ड्रग अन -लोक्स सीक्रेट्स टू इटरनल यूथ .रिवर्स बाय -लोजिकल क्लोक ;तर्न्स ऑन एंजाइम टू हेल्प माइस ,रेंदर्द इन्फर्ताइल बाई एज ,सीरे(फादर ओफस्प्रिंग) लीटर अगेन .(डी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर ३० ,२०१० ,पृष्ठ १९ )
साइंस एंड टेक्नोलोजी /मुंबई मिरर /नवम्बर ३० ,२०१० ,पृष्ठ २१ /कमिंग सून :एलिक्ज़र ऑफ़ इटरनल यूथ ? यु एस रिसर्चर्स हेव मेनेज्ड टू रिवर्स डी -जेनरेशन इन माइस ,इन्क्लुडिंग ब्रेन डेमेज एंड फर्टिलिटी ;न्यू -ब्रेक -थ्रू कुड बेनिफिट टू पीपल विद साइंस ऑफ़ प्री -मच्युर एजिंग ।
क्या आपको याद है "बेंजामिन बुत्टों "जिसमे ब्राड पीट एक ऐसे बूढ़े का किरदार निभातें हैं जो फिर से जवान होने लगता है ।
"पा" फिल्म में बिग बी एक ऐसे बालक का किरदार निभातें हैं जो उम्र से पहले बचपन में ही बूढा हो जाता है ।हमें नहीं पता क्यों विज्ञानी अमरत्व के नुश्खे तलाश रहें हैं ?क्या पृथ्वी पर जीवन इतना खूबसूरत है ,कोई मरना ही नहीं चाहता ?सवाल दार्शनिक है लेकिन आइये हम ताज़ा रिसर्च पर लौट्तें हैं .संदर्भित दोनों रिपोर्टों का सार संक्षेप प्रस्तुत करतें हैं ।
विज्ञानियों ने एक ऐसा तरीका एक ऐसी तरकीब एक ऐसी दवा तैयार कर लेने की दिशा में कदम बढा दिया है जो बुढाने की प्रक्रिया को जवानी की ओर मोड़ सकती है .लगता है ज़वानी से भरपूर बने रहने का कोई नुश्खा हाथ आ गया है ।
ऐसा हो गया तो जीवन अल्जाइ -मर्स ओर हृद रोगों की गिरिफ्त से बाहर निकलकर दीर्घजीवी ओर स्वास्थाय्कर हो सकता है .जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सकती है .स्वास्थ्य पर होने वाला खर्च घट सकता है .अशक्त बुढ़ाते लोगों की देखभाल अच्छे तरीके से हो सकती है ।
चूहों पर की गई आजमाइशों में यह करिश्मा हारवर्ड विश्विद्यालय के साइंसदानों ने कर दिखाया है .इलाज़ शुरू करने से पहले इन चूहों की गट्स (आंतें ),चमड़ी ओर दिमाग एक अस्सी साला बूढ़े की तरह हो चुके थे .एजिंग हो चुई थी भरपूर इन चूहों की ।
इन्हें एक दवा दी गई जो एक प्रमुख एंजाइम को सक्रीय करके इन्हें दोबारा जवान बनाने लगी .नै कोशिकाएं इनमे पनपने लगीं .न्युरोंस पैदा होने लगें .दिमाग का बुढाना ,थम गया .चमड़ी जवान दिखने लगी .मेल चूहे फिर से संतान पैदा करने लगें ।
दरसल बुढाने की प्रक्रिया में कोशाओं के सिरे छीजने लगतें हैं .ये सिरे जिन्हें किसी भी जैविक प्रणाली की जैव घडी समझा जाता है "टेलो -मीयर्स ' कहलातें हैं .ये गुणसूत्रों (क्रोमोज़ोम्स )के सिरों को ढके रहतें हैं .दवा एक एंजाइम को स्विच ऑन करके इन सिरों को फिर से जीवन प्रदान करने लगती है .न सिर्फ टेलो -मीयर्स का छीजना रुक गया ,जैव घडी चूहों की बुढापे से जवानी की ओर चल पड़ी .कोशिका की मृत्यु टल गई .कोशिका अमर हो गई ।
दिक्कत बस यही है कैंसर में भी कोशिका अमर हो जाती है .ओर कैंसर इस दौर का सबसे बड़ा सिर दर्द है ।
बस मनुष्यों के काम आने वाली ऐसी ही दवा बनाने में यही एक सबसे बड़ी बाधा है ।
हाई लेविल्स ऑफ़ टेलो -मीयर्स कैन फ्युएल दी ग्रोथ ऑफ़ कैंसर इन ह्युमैंस अन -लाइक माइस .एक दवा से मनुष्यों में एजिंग को कुछ नहीं होने वाला है .बहु विध कारक हैं बुढाने केरहतें हैं .एंटी -एजिंग दवा अभी दूर की कौड़ी ही है .कमसे कम एक दशक ओर इंतज़ार कीजिये .

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