रविवार, 14 नवंबर 2010

क्या है "आवर ग्लास सीलिंग "?

कामकाजी औरतों की पदोन्नति के मामले में एक समय -सापेक्ष -अवरोध ,समय आधारित बाधा पेश आती है क्योंकि वह दफ्तर में उतना समय नहीं दे पाती जितना अपेक्षित होता है अपना एक विशिष्ठ स्थान बनाने के लिए .यही है आवर ग्लास सीलिंग है जिसकी कीमत महिलाओं को खासकर हाई -लेविल -पोजीशंस के मौके गँवा कर चुकानी पडती है .यदि औरत को काम के घंटे चुनने की पूरी आज़ादी हो (घर -बाहर दोनों जगह ),सह -कर्मियों और घर में परिवारियों का पूरा सहयोग मिले तो वह भी दफ्तर में ज्यादा समय देने वाली इन पोज़िसंस में अच्छा करके दिखला सकती है .लेकिन ऐसा होता नहीं है .भारत देश में महिला बिल को ही ले लो .सारी दुनिया में एक आदि अपवाद को छोड़कर परिद्र्शय यही है .ज़रूरी है औरत के कामकाजी घंटों को उसके अनुरूप लचीला रखा जाए ,रिजिड रूटीन में वह पीछे छूट जाती है घर -बाहर खटते -खटते .

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