शनिवार, 13 नवंबर 2010

जाम से बचाव के लिए "टेक्सी ड्राइवर "सोफ्ट वे -यर.

शहरों की हर गली कूचे से वाकिफ होतें हैं टेक्सी ड्राइवर .गंतव्य पर पहुँचने का सबसे छोटा रास्ता कोई उनसे पूछे .बस यही सारी जानकारी समेटे अब एक सोफ्ट वे -यर आपको भी हासिल हो सकता है अपनी कार के लिए ।
यह प्रोग्रेम या "वर्च्युअल केब ड्राईवर "न सिर्फ समय की बचत करेगा (१० %)ईंधन भी बोनस के रूप में बचेगा .इस सिस्टम को टी -ड्राइव कहा जा रहा है .दिन के अलग अलग पहर में कब ड्राइवर कौन से रास्तों का चयन करते हैं भीडभाड से बचते बचाते इसका पूरा ब्योरा इस प्रणाली के पास होगा .वास्तव में यह लगातार इसी बात का मानीटरन करेगी ।
इस सिस्टम को तैयार कर परखने से पहले ४०० मिलियन किलोमीटर्स की आवा -जाही का ब्योरा बीजिंग में ३३,००० टेक्सीज़ से जुटाया गया ।
अब उन रास्तों का चयन किया गया जिनका अकसर टेक्सी ड्राइवर सहुलियत के लिए स्तेमाल करते रहे .(दी टेक्सी ट्रेजेक्तारीज़ वर मर्ज्द तू रिवील दी रोड्स देट केब ड्राइवर्स प्रिफर ।
अब शहर के किन्ही दो स्थानों के बीच सफर के लिए यह प्रणाली उन्हीं रास्तों का चयन करती है जो बेहद लोकप्रिय रहें हैं केबीज़ के बीच ,दिनके किसी ख़ास पहर में ।
अब टी -ड्राइव और "गूगल मैप्स "द्वारा सुझाए गये मार्गों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया .कुल ३० परीक्षणों का औसत निकाला गया .पता चला दोनों प्रणालियों द्वारा सुझाए रास्ते तकरीबन यकसां थे .लेकिन टी -ड्राइव को स्टोपेज़िज़ कमतर रखने की विशेष जानकारी थी .गूगल मैप्स के बरक्स इन्हीं मार्गों के बीच ४ मिनिट की बचत हुई .ये रास्ते (टी -ड्राइव )द्रुत -तर साबित हुए .आखिर ड्राइवरों ने सालों -साल गली कूचों की ख़ाक छानकर जानकारी हासिल की होती है .इन्हें पता होता है कौन सी ट्रेफिक लाईट कितना वक्त लेती हैं .रश आवर्स में कहाँ जाम लगता है ?

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