बुधवार, 24 नवंबर 2010

कील -मुहासे ज्यादा होने का मतलब मजबूत हड्डियां ,कमतर झुर्रियां ........

मोर मोल्स मीन बेटर हेल्थ ,डि -लैड एजिंग (दीटाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर २४ ,२०१० ,पृष्ठ २१ )।
साइंसदानों के मुताबिक़ बेशक कील -मुहासों का ज्यादा होना अपने लुक्स को लेकर कईयों को आकुल -व्याकुल कर देता है लेकिन यह अस्थियों के पुष्ट (मजबूत )होने और झुर्रियों के कमतर रहने की एक अच्छी वजह बन जाता है ।
अस्थि -क्षय (बोन मॉस लोस )से बचाव करतीं हैं मजबूत अस्थियाँ (बोन्स या हड्डियां ),वरना एक उम्र के बाद कुछ लोगों की हड्डियां भुर्भुराकर उठ - ते-बैठ -ते ही टूटने लगतीं हैं ।ओस्टियो -पोरोसिस इन्हें जकड़ लेती है .
सौ से भी ज्यादा शरीर पर ब्यूटी -स्पोट्स हैं तो क्या हुआ .ऐसा होने पर कमतर झुर्रियां चेहरे पर आपको अपनी असली उम्र से सात साल छोटा दिखलाएंगी ।
किंग्स कोलिज लन्दन के रिसर्चदानों की एक टीम आशान्वित है उनके अन्वेषण एक ऐसी फेस क्रीम का रास्ता साफ़ कर देंगे जो झुर्रियों का चेहरे से नामो -निशाँ मिटादेगी.न फिर कोलाजन इंजेक्शनों की ज़रुरत पड़ेगी न प्लास्टिक सर्जरी की ।
रिसर्च -दानों की टोली ने १२०० जुड़वां (हम शक्ल नहीं ,नॉन -आई -देंटी -कल लड़कियों )फिमेल नॉन -आई -देंटी -कल ट्वीन्स का अध्ययन करने पर पता लगाया ,इनकी उम्र १८ -७९ साल तक थी ,जिनके शरीर पर १०० से भी ज्यादा मुहासे थे उनके अस्थि -क्षय (ओस्टियो -पोरोसिस ,लोस ऑफ़ बोन मॉस )की गिरिफ्त में आने की संभावना घटकर आधी रह गई थी बरक्स उन जुड़वां महिलाओं के जिनके शरीर पर २५ से भी कम मुहासे थे ।
पीपुल विद लोट्स ऑफ़ ऑफ़ मोल्स प्रो -डयूस व्हाईट ब्लड सेल्स विद अन -युज्युअली लॉन्ग टेलोमीयर्स,ए पार्ट ऑफ़ डी एन ए व्हिच एलाऊज़ इट टू रिप्लीकेट ,प्री -वेंटिंग दीतिरियोरेशन .यही है मुहासों की सोहबत में जवान दिखने का राज .

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