बुधवार, 24 नवंबर 2010

प्लास्टिक बोतिल्स से बिल्डिंग -मेटीरियल ...

सीमेंट फ्रॉम प्लास्टिक बोटिल्स टू हेल्प बिल्ड ए ग्रीन वर्ल्ड (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर २४ ,२०१० ,पृष्ठ २१ )।
ग्रीन इमारतों के लिए ग्रीन -मेटीरियल बना लेने की दिशा में एक कदम रख दिया गया है .बेकार पड़ी सारे जहां का सिरदर्द रहीं प्लास्टिक बोतलों को मृदा (सोइल या मिट्टी)से संयुक्त करके रिसर्च्दानों ने एक ऐसा छिद्रिल (सरंध्र ,जिससे तरल और वायु रिस सके यानी पोरस )सीमेंट जैसा ही पदार्थ बनाने की पहल की है जो भविष्य का बिल्डिंग मेटीरियल हो सकता है .ग्रीन इमारतों की नींव रख सकता है ।
आम के आम गुठलियों के दाम .हमारे पारि -तंत्रों ,पर्यावरण के लिए लगातार सिर दर्द बने रहे प्लास्टिक कचरे से राहत मिलेगी सो अलग ।
इसे प्लास्टी -सोइल कहा जा रहा है .३०,००० अच्छे दर्जे की प्लास्टिक बोतलों से जिनका दोबारा स्तेमाल हो सकता हो एक मीटरी टन पौरस प्लास्टी -सोइल "मिल सकता है .जुदा किस्म के प्लास्टिक से भी इसे भविष्य में तैयार किया जा सकेगा बा -शर्ते प्लास्टिक दोबारा स्तेमाल योग्य हो ।
अलावा इसके एनर्जी इकोनोमिक्स भी इसके पक्ष में है .एक टन प्लास्टी -सोइल तैयार करने में एक टन परम्परा गत सीमेंट या एस्फाल्ट(डामर ,एक काला गाढा पदार्थ जिसे सड़कों की सतह बनाने में प्रयुक्त किया जाता है ,तार- कून ) तैयार करने में खर्च ऊर्जा से कम ऊर्जा खर्च होती है ।
अमरीका के टेम्पले यूनिवर्सिटी के नागर और पर्यावरण इंजीनीयरिंग विभाग में सहायक प्रोफ़ेसर के पद पर कार्य -रत नाजी खौरी ने इसका ट्रेड -मार्क प्राप्त किया है ।
प्लास्टी -सोइल का स्तेमाल साइड वाल्क्स ,बाईक और जोगिंग पाथ्स,ड्राइव वेज़ तथा पार्किंग बनाने में किया जा सकेगा .सड़कों पर बिखरे रिश्ते मोटर आयल को अपनी छिद्रिल बनावट के चलते प्लास्टी -सोइल अलग कर सकती है या नहीं इसकी आज़माइश की जा रहीं हैं ।
उम्मीद यह भी है इसकी छिद्रिल संरचना स्टोर्म वाटर रन -ऑफ्स से भी राहत दिलवाएगी .ज़मीन में रिस सकता है यह स्टोर्म -वाटर ,ज़मीन जिसकी ऊपरी सतह प्लास्टी -सोइल होगी .इस प्रकार यह पदार्थ कई तरह की पर्यावरण समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करने की संभावना लिए हुए है .

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