बुधवार, 17 नवंबर 2010

गर्भावस्था में औरतों द्वारा धूम्रपान का मतलब आपराधिक प्रवृत्ति की संतानों के पैदा होने की संभावना को बढाता है ..

स्मोकिंग इन प्रेगनेंसी मे मेक किड्स क्रिमिनल्स (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर १७ ,२०१० )./टाइम्स ट्रेंड्स ।
एक सद्य प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जो महिलायें गर्भावस्था के दौरान रोजाना एक पैकिट या उससे भी ज्यादा सिगरेट फूंक देती हैं उनकी संतानों के बड़ा होने पर मुजरिम बन जाने का जोखिम अन्यों की बनिस्पत ३०%बढ़ जाता है .आपराधिक प्रवृत्ति ,आपराधिक व्यवहार से जुड़े अन्य स्तेतिस्तिकल घटकों यथा मनो -रुग्णता ,पारिवारिक समस्याओं ,गरीबी आदि को अल्हेदा रखने पर भी यह सम्बन्ध स्मोकिंग और संतानों केआगे चलकर क्रिमिनल ओफेंदर्सहो जाने का बना रहता है ।
हारवर्ड स्कूल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ के रिसर्च -दानों ने ४०००ऐसे अमरीकियों का स्वास्थ्य संबंधी तथा पूरा अपराधिक रिकार्ड खंगाला है जिनकी उम्र ३३-४० तक थी .उनकी माताओं के धूम्रपान करने के बारे में भी पूरा ब्योरा जुटाया गया जिन्हें इस अध्ययन में १९५९ और १९९६ के बीच एनरोल किया गया था ।
पता चला इनमे से जिनकी माताओं ने गर्भावस्था में कमसे कम एक पैकिटसिगरेट्स का धूम्रपान किया था उनके आपराधिक प्रवृत्ति का क़ानून तोड़ने वाले मुजरिम होने का ख़तरा ३० %बढ़ गया था .इनमे बार -बार क़ानून तोड़ने की प्रवृत्ति भी दिखलाई दी.ये तो वही बात हो गई करे कोई भरे कोई .करे जुम्मा पिटे मुल्ला .

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