रविवार, 28 नवंबर 2010

यात्री विमान में बाएं से ही चढ़ते -उतारते हैं .क्यों ?

व्हाई डू पेसिंजर्स बोर्ड ,एलाईट एन एयर -क्राफ्ट ओनली फ्रॉम दी लेफ्ट(ओपन स्पेस ,सन्डे -टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर २८ ,२०१० ,पृष्ठ २६ )।
विमान में होल्ड डोर्स दायें हिस्से में ही रहतें हैं .सामान भी यही से चढ़ाया उतारा जाता है अलावा इसके ईंधन की आपूर्ति भी विमान में इसी हिस्से से होती है .ऐसे में यदि यात्रियों को भी इसी हिस्से से चढ़ाया उतारा जाए तो एक तरफ भीड़ दूसरी तरफ अफरा -तफरी का आलम बरपा हो जाएगा ।
आल्सो ऑन ओल्डर एयर -क्राफ्ट ,दी फोरवर्ड राईट हेंड डोर्स वर एक्च्युँली देज़िग्नेतिद सर्विस डोर्स एंड इमरजेंसी एग्ज़िट्स ओनली .यानी ये आपातकालीन सेवाओं के लिए भी थे ,सर्विस डोर्स भी थे .दोनों ही राईट हेंड डोर्स थे ।
अलावा इसके विमान के बाएं हिस्से में ही मुख्य पायलट बैठता है .को -पायलट की सीट मुख्य पायलट के दायें को रखीजाती है ।
बड़े और अधुनातन विमानों में पायलट को दाई ओरकुछ भी दिखलाई नहीं देता है .दी पायलट हेज़ नो विजिबिलिटी ऑन दी राईट ।
टेक्सिंग टू ए गेटवे वाया दी राईट साइड एलाउज़ दी पायलट टू सी विद मोर एक्यूरेसी एग्ज़ेक्त्ली व्हेयर टू स्टॉप .,दो दी गेंग -वेज़ कैन बी मूव्ड ।
व्हाट इज टेक्सिंग ऑफ़ ए प्लेन ?
टू
मूव दी प्लेन स्लोली एलोंग दी ग्राउंड बिफोर टेकिंग ऑफ़ ऑर आफ्टर लेंडिंग .सोफ्ट टेक ऑफ़ ऑर लेंडिंग के लिए यह ज़रूरी भी है .

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