बुधवार, 4 अप्रैल 2012

बचपन में पी जा रही सोफ्ट ड्रिंक्स के तार जुड़े हैं दिल की बीमारियों से

बचपन में पी जा रही सोफ्ट ड्रिंक्स के तार जुड़े हैं दिल की बीमारियों से .
Fizzy drinks in childhood tied to heart ailments/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA,BANGALORE/APRIL 4,2012,P15
कह  सकतें  है  आप बचपन में ही पड़ जाती है नींव हृद रोगों की ? एक नै शोध से पता चला है जो नौनिहाल ज्यादा कोला पेय (सोफ्ट ड्रिंक्स ,फिजी ड्रिंक्स ,सी सी की आवाज़ के साथ गैस और गैस के बुलबुले छोड़ने वाली ड्रिंक )पीतें हैं उनके भावी जीवन में,आने वाले कल के लिए , हृद रोगों के  पनपने के खतरे का वजन बढ़ जाता है .
सिडनी विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने अपने एक अध्ययन में १२ साला कोई २००० बालकों को शरीक किया .ये लोग रोजाना एक या फिर कमसे कम दो सोफ्ट ड्रिंक्स ज़रूर अपने गले के नीचे उतार लेते थे .
पता चला इनकी आँख के पीछे की धमनियां संकरी हो गईं हैं .यह एक ज्ञात रिस्क फेक्टर है ,जोखिम है दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर का .
विश्वविद्यालय के वेस्ट मीड मिलेनियम इंस्टिट्यूट फॉर मेडिकल रिसर्च के जांच कर्ताओं ने इन बालकों की जांच की .नतीजे स्वास्थ्यकर खुराक लेते रहने की ज़रुरत पर अपनी मोहर लगाते हैं .पुनर्बलीकरण करतें हैं हेल्दी डाईट  का .
हमारे नौनिहालों के लिए कोला पेयों का सेवन स्वास्थ्यकर नहीं है यही कहना बूझना है संस्थान के माहिरों का .कुछ और अध्ययन ऐसी ही पुष्टि कर दें तब बच्चों को लक्षित खाद्यों और पेयों की मार्केटिंग पर नए सिरे से नीति गत विचार करना संभव हो सकेगा .इन खाद्यों (पेयो )के विज्ञापनों की नजर नौनिहालों पर ही  टिकी रहती है .
यह अध्ययन एक और रिसर्च प्रोजेक्ट का ही विस्तार है जिसने बालकों में ऐसे ही नुक्सानात की पुष्टि की थी खासकर उन  बालकों  में जो ज्यादा टेलिविज़न देखते थे .
पांच अप्रैल  २०१२ .


पेट खराब हो सकता है फेसबुकियों का .

ईटिंग डिसऑर्डअर्स बढ़ा सकती है फेसबुक की सनक .
FACEBOOK USE COULD UP EATING DISORDERS/Bangalore Mirror ,April 3,2012/p20.
फेस बुक से चिपके रहना आपकी सेहत के लिए भारी पड़ सकता है .यारदोस्तों की फेस बुक पर खूबसूरत तस्वीरें देखने के बाद  कुछ फेसबुकिये फेसबुकियाएं हीन भावना से ग्रस्त हो जातीं हैं /जातें हैं .एक अध्ययन के मुताबिक़ ५१ फीसद फेसबुकिया अपने लुक्स बॉडी इमेज के प्रति अतिरिक्त रूप से सचेत हो जातें हैं .
बकौल The centre for Eating Disorders at Sheppard Pratt फेसबुक  ने लोगों के लिए खुद को कोसना आसान बना दिया है .'हम उन जैसे क्यों नहीं दिखे रूपवान सुदर्शन सुदार्श्नाओं से '.
यही कहना इस केंद्र के निदेशक Dr Harry Brandt का  . 
स्मार्ट फ़ोनों और इंटर नेट की सहज सुलभता ने इस दौर में लोगों के लिए प्रभावशाली सु -स्थापित छवियों के हमले से बचना आत्महीनता हीनभावना से बचना नामुमकिन सा कर दिया .खुद की स्व :निर्मित निगेटिव इमेज उन्हें दवाब ग्रस्त बनाए रहती है नतीजा होता है -ईटिंग डिसऑर्डस .अपच और पोषण सम्बन्धी विकार ,कब्ज़.

सर्वे में  शामिल ८० फीसद लोगों ने बतलाया दिन में एक मर्तबा फेसबुक के दर्शन करना हमारी विवशता है आदत में ,चैन में ,शुमार है .
ऐसे में खुद के और दोस्तों की छवियों से आकर्षक तस्वीरों से कैसे बचा जाए .वह भी तब जब -बीस अरब नै तस्वीरें हर दिन फेसबुक पे छा रहीं हैं .
६० अरब तस्वीरें हर रोज़ इंटर नेट पे आरही हैं .
यु ट्यूब पर हर रोज़ ६० घंटे का वीडियो अप लोड होता है .किस किस से बचियेगा .
यही अतिरिक्त एक्सपोज़र तस्वीरों की मारक मिसायल कईयों के लिए घातक साबित हो रही है .
४४ फीसद कहतें हैं वह अपने दोस्त जैसे क्यों नहीं हैं यदि मैं ऐसा हूँ (इतना गया बीता हूँ तो क्यों हूँ )तो ऐसा क्यों हूँ वैसा क्यों नहीं हूँ ,तेरे जैसा ?
३२ फीसद ने माना वह अपने दोस्तों के साथ अपनी छवि निहारने के बाद दुःख से विक्षोभ से भर जातें हैं .ऐसे में पेट खराब न हो तो क्या हो ?
अध्ययन में १६-४० साला ६०० फेसबुकियों  को शामिल किया गया .खुलकर इनसे पूछ ताछ की गई.
लेबल :पेट खराब ,फेसबुकिये ,ईटिंग डिसऑर्डस .
पेट खराब हो सकता है फेसबुकियों का . 
राम  राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !

नुश्खे सेहत के :
सुर्ख लाल टमाटर क्रोमियम से भरपूर है . ब्लड  शुगर को काबू में रखने के लिए मधुमेह के रोगियों के लिए इसका सेवन लाभादायक रहता है .
Tomatoes are rich in chromium which helps diabetics keep blood sugar levels under control.

पके हुए मीठे चित्तिवाले केले विटामिन बी ६ ,बी १२ ,खनिज लवण पोटाशियम ,मैग्नीशियम का खज़ाना है .इनका सेवन सिगरेट छोड़ देने के बाद होने वाली बे -चैनी(विड्रावल सिंड्रोम ,निकोटिन विड्रावल )से बचाता है .आखिर निकोटिन की लत और चस्का अफीम से भी ज्यादा भयंकर होता है .
Bananas contain vitamin B 6 ,B 12,Potassium.,Magnesium ,which help the body recover from the effects of nicotine withdrawal.
राम राम भाई !  राम राम भाई !  राम राम भाई !

11 टिप्‍पणियां:

Coral ने कहा…

बहुत उम्दा पोस्ट .... अब तक यही जान पाई थी की सोफ्ट ड्रिंक मोटापा बढाता है और दात खराब करता है ... इस नयी जानकारी के लिए शुक्रिया !
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Facebook - रामराम भाई ...सच में ये रोग युवा पीढ़ी की सेहत को खा जायेगा वैसे बुजुर्ग लोग भी इसकी चपेट में है.

Liked your tips regarding tomato and banana. Thank you.

DR. ANWER JAMAL ने कहा…

Tasweer sachmuch problems karti hain.
बोल्डनेस छोड़िए हो जाइए कूल...खुशदीप​ के सन्दर्भ में

ख़ुशदीप सहगल किसी ब्लॉग पर अपनी मां का काल्पनिक नंगा फ़ोटो देखें तो उन्हें दुख होगा इसमें ज़रा भी शक नहीं है लेकिन उनकी मां का नंगा फ़ोटो ब्लॉग पर लगा हुआ है और उन्हें दुख का कोई अहसास ही नहीं है।

...और यह फ़ोटो उनके ही ब्लॉग पर है और ख़ुद उन्होंने ही लगाया है।

उन्होंने चुटकुलों भरी एक पोस्ट तैयार की। जिसका शीर्षक है ‘बोल्डनेस छोड़िए और हो जाइये कूल‘

इस पोस्ट का पहला चुटकुला ही हज़रत आदम अलैहिस्सलाम और अम्मा हव्वा अलैहिस्सलाम पर है। इस लिहाज़ से उन्होंने एक फ़ोटो भी उनका ही लगा दिया है। फ़ोटो में उन्हें नंगा दिखाया गया है।

दुनिया की तीन बड़ी क़ौमें यहूदी, ईसाई और मुसलमान आदम और हव्वा को मानव जाति का आदि पिता और आदि माता मानते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं। ये तीनों मिलकर आधी दुनिया की आबादी के बराबर हैं। अरबों लोग जिनका सम्मान करते हैं, उनके नंगे फ़ोटो लगाकर ब्लॉग पर हा हा ही ही की जा रही है।

यह कैसी बेहिसी है भाई साहब ?

आदम हव्वा का फ़ोटो इसलिए लगा दिया कि ये हमारे कुछ थोड़े ही लगते हैं, ये अब्राहमिक रिलीजन वालों के मां बाप लगते हैं।


अरे भाई ! आप किस की संतान हो ?

कहेंगे कि हम तो मनु की संतान हैं।

और पूछा जाए कि मनु कौन हैं, तो ...?

कुछ पता नहीं है कि मनु कौन हैं !


अथर्ववेद 11,8 बताता है कि मनु कौन हैं ?

इस सूक्त के रचनाकार ऋषि कोरूपथिः हैं -

यन्मन्युर्जायामावहत संकल्पस्य गृहादधिन।

क आसं जन्याः क वराः क उ ज्येष्ठवरोऽभवत्। 1 ।

तप चैवास्तां कर्भ चतर्महत्यर्णवे।

त आसं जन्यास्ते वरा ब्रह्म ज्येष्ठवरोऽभवत् । 2 ।


अर्थात मन्यु ने जाया को संकल्प के घर से विवाहा। उससे पहले सृष्टि न होने से वर पक्ष कौन हुआ और कन्या पक्ष कौन हुआ ? कन्या के चरण कराने वाले बराती कौन थे और उद्वाहक कौन था ? ।1। तप और कर्म ही वर पक्ष और कन्या पक्ष वाले थे, यही बराती थे और उद्वाहक स्वयं ब्रह्म था।2।

यहां स्वयंभू मनु के विवाह को सृष्टि का सबसे पहला विवाह बताया गया है और उनकी पत्नी को जाया और आद्या कहा गया है। ‘आद्या‘ का अर्थ ही पहली होता है और ‘आद्य‘ का अर्थ होता है पहला। ‘आद्य‘ धातु से ही ‘आदिम्‘ शब्द बना जो कि अरबी और हिब्रू भाषा में जाकर ‘आदम‘ हो गया।

स्वयंभू मनु का ही एक नाम आदम है। अब यह बिल्कुल स्पष्ट है। अब इसमें किसी को कोई शक न होना चाहिए कि मनु और जाया को ही आदम और हव्वा कहा जाता है और सारी मानव जाति के माता पिता यही हैं।

ख़ुशदीप सहगल के माता पिता भी यही हैं।

अपने मां बाप के नंगे फ़ोटो ब्लॉग पर लगाकर सहगल साहब ख़ुश हो रहे हैं कि देखो मैंने कितनी अच्छी पोस्ट लिखी है।

अपनी मां की नंगी फ़ोटो लगा नहीं सकते और जो उनकी मां की भी मां है और सबकी मां है उसका नंगा फ़ोटो लगाकर बैठ गए हैं और किसी ने उन्हें टोका तक नहीं ?

ये है हिंदी ब्लॉग जगत !

कहते हैं कि हम पढ़े लिखे और सभ्य हैं।

हम इंसान के जज़्बात को आदर देते हैं।

अपने मां बाप आदम और हव्वा अलैहिस्सलाम पर मनघड़न्त चुटकुले बनाना और उनका काल्पनिक व नंगा फ़ोटो लगाना क्या उन सबकी इंसानियत पर ही सवालिया निशान नहीं लगा रहा है जो कि यह सब देख रहे हैं और फिर भी मुस्कुरा रहे हैं ?

सम्पूर्ण मानव जाति की माँ का नंगा चित्र प्रकाशित करना कितना उचित है ?

रात हमने 'ब्लॉग की ख़बरें' पर पोस्ट पब्लिश करने के साथ ही उनकी पोस्ट पर टिप्पणी भी की और इस पोस्ट की सूचना देने के लिए अपना लिंक भी छोड़ा लेकिन उन्होंने गलती को मिटने के बजाय हमारी टिप्पणी ही मिटा डाली.

उनकी गलती दिलबाग जी ने भी दोहरा डाली. उनकी पोस्ट से फोटो लेकर उन्होंने भी चर्चा मंच की पोस्ट (चर्चा - 840 ) में लगा दिया है.

एक टिप्पणी हमने चर्चा मंच की पोस्ट पर भी कर दी है.

यह मुद्दा तो सबके माता पिता की इज्ज़त से जुडा है. सभी को इसपर अपना ऐतराज़ दर्ज कराना चाहिए.
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/04/manu-means-adam.html

रविकर ने कहा…

साफ्ट ड्रिंक मीठा जहर, घुटे घोंटते घूट ।

लगता अमृत तुल्य यह, पी लो खुल्ली छूट ।

पी लो खुल्ली छूट , लूटता जा बंजारे ।

दुग्धपान के बाद, मिले ये नए सहारे ।

अगला लौकिक पान, मगर ना कर पायेगा ।

होता दिल बीमार, दाब ना सह पायेगा ।।

Arvind Mishra ने कहा…

साफ्ट ड्रिंक वाला पढ़ा जीवनोपयोगी जानकारी

virendra sharma ने कहा…

डॉ .अनवर ज़माल साहब !अभिव्यक्ति के नाम पर हम किसी भी प्रकार की नंगई दैहिक या मानसिक के हामी नहीं है .एम् ऍफ़ हुसैन साहब ने भी यही गलती की थी .बाद में निर्वासन भोगा ,बेशक उनके पक्ष में लेफ्टिए खड़े हुए थे कला के नाम पर वह कला कला के लिए पोश रहे थे .लेकिन इनकी तो आस्था के केंद्र ही देश से बाहर रहें हैं .आदम हो या हव्वा , ईव हो या वह अफ़्रीकी महिला हमारी 'आदि माँ' हैं और उस नाते स्तुत्य हैं .हमें नहीं मालूम किस सन्दर्भ में खुशदीप जी ने क्या किया है हम देखतें हैं 'चर्चा 'पर जा कर .शुक्रिया ज़नाब का इस सूचना के लिए .

अशोक सलूजा ने कहा…

वीरू भाई राम राम ....
मुझे तो सख्त परहेज़ है ...सोफ्ट ड्रिंक से !
बचपन से ही फिर भी .....
संभल के ..?

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

बहुत ही सुंदर प्रस्तुति
आप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया,"राजपुरोहित समाज" आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ
,एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से सभी को भगवन महावीर जयंती, भगवन हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ॥
आपका

सवाई सिंह{आगरा }

दिगम्बर नासवा ने कहा…

शुक्र है हमारे बच्पन के समय में सोफ्ट ड्रिंक इतना प्रचलन में नहीं था ...
और ये भी शुक्र है की मैंने अभी तक फेसबुक अकाउंट नहीं बनाया ..

हा हा आज तो अपनी बन गई ... राम राम जी ..

रविकर ने कहा…

यह उत्कृष्ट प्रस्तुति
चर्चा-मंच भी है |
आइये कुछ अन्य लिंकों पर भी नजर डालिए |
अग्रिम आभार |

charchamanch.blogspot.com

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सॉफ्ट ड्रिंक तो बहुत हार्ड निकली।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सॉफ्ट ड्रिंक्स से नुकसान और फेस बूक से नुकसान अच्छी तरह समझ आ गए ... टमाटर वाला नुस्खा लाजवाब है ..... आभार