रक्त तांत्रिक गांधिक आकर्षण है यह ,मामूली नशा नहीं
जैसे रूप का आकर्षण आँखों के ज़रिये दिमाग में चला जाता है वैसे ही रक्त तांत्रिक गांधिक आकर्षण शराब का माँ बाप से पीढ़ी दर पीढ़ी होता हुआ बच्चे की रग रग में शायद चला आता है .यही वजह मालूम पड़ती है इस नशे की ,शराब के प्रति आकर्षण की जिसकी बिक्री वर्जित है अमरीका जैसे विकसित देशों में किशोर किशोरियों के लिए अठारह साला होने तक .और यह वर्जना भी उत्प्रेरक बनके आती है किशोर मन के लिए की वह इसका विकल्प ढूंढें .और उसने ढूंढा Hand sanitizer में .जिसके चंद Swigs लेने के बाद ये किशोर किशोरी टल्ली हो जातें हैं सुरूर में आ जातें हैं .
वर्जनाएं शायद बनती ही टूटने के लिए हैं ,शिक्षण ,जन शिक्षण समाधान हो सकता है इस विचलन से बचने का .
Teens drinking hand sanitizers for a quick high/TIMES TRENDS/THE TIMES OF INDIA ,MUMBAI ,APRIL 26,2012,P १७
कफ सीरप और अमृतसुरा संजीवनी आजमाने के बाद अब युवा भीड़ किशोर किशोरियां नशे पत्ते के लिए हेंड सैनिताइज़र से मुखातिब है .चंद फुहारें मुंह में ली और हो गए टल्ली नशा हो गया जल्दी से ली गई हार्ड ड्रिंक का .अल्प -नौज़वानों की इस नासमझी ने अमरीकी स्वास्थ्य कर्मियों और तमाम किस्म के माहिरों को चिंता में डाल दिया है क्योंकि यह नशा एक राष्ट्रीय तलब (सनक )बनता जा रहा है .
गत माह छ : किशोरों को एल्कोहल विषाक्तता (एल्कोहल पोइजनिंग )के इलाज़ के लिए अस्पताल में भर्ती होना पडा .ये सभी केलिफोर्निया निवासी थे .जबकी गए हफ्ते ही दो और किशोरों को इसी मर्ज़ के समाधान के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया .
बकौल Cyrus Rangan जो पेशे से Medical toxicology consultant हैं और वर्तमान में चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल लोस एन्जीलीज़ में कार्यरत हैं ,अब यह एक चलन सा ,एक फेशन स्टेटमेंट जैसे एक ट्रेंड ही बन चला है .खुले बाज़ार में शराब न मिल पाने की वजह से किशोर किशोरी घर दुआरे ,क्लिनिक ,स्कूल आदि में सहज सुलभ हेंड सैनिताइज़र्स की और मुड गएँ हैं . मुंह खोलके चंद फुहारें ली इसकी और हो गया काम टकीला (मेक्सिकन शराब जो एक ख़ास पेड़ के पत्तों से तैयार की जाती है )शाट सा .
2010 से अब तक अकेले केलिफोर्निया में इस मर्ज़(लत) के २६०० मामले दर्ज़ हो चुकें हैं .और यह समस्या सिर्फ केलिफोर्निया राज्य तक महदूद (सीमित ) नहीं है . यह कहना है Helen Arbogast साहब का .आप चिल्ड्रन अस्पताल लोसेंजिलीज़ में ट्रोमा प्रोग्रेम के तहत इंजरी प्रिवेंशन समन्वयक हैं .को-ऑर्डिनेटर हैं इस प्रोग्रेम के .
Y -tube साक्षी है २००९ से ही यह अमरीका के तमाम राज्यों में एक क्रेज़ बन चला है .ऐसी क्रेज़ जो आसानी से पकड़ में नहीं आती .जब आती है बाज़ी हाथ से निकलने को होती है .
कितना एल्कोहल लिए है लिक्विड सैनीताइज़र ?
मालूम हो यह (६२-६५)% इथाइल एल्कोहल या इथेनोल है .जो वाइन ,बीयर और स्पिरिट्स आदि का मुख्य घटक है .(अमरीका में भारतीय व्हिस्की को भी इंडियन स्पिरिट ही कहा जाता है).इस प्रकार यह १२० -प्रूफ हो जाता है .तुलना के लिए देखिये वोदका ८०-प्रूफ कहाता है .इसकी कुछ फुहारें मुखारबिंद को बारहा तर करती हैं और बस चार पांच हार्ड ड्रिंक्स का नशा हो जाता है .इसके पार एल्कोहल पोइजनिंग जिसकी वजह बनती है कम समय में ज्यादा मादक पदार्थ का सेवन .
इसके पार्श्व प्रभाव भी वही हैं जो बेहिसाब शराब पीने से ताल्लुक रखतें हैं .गफलती अस्पष्ट संभाषण (स्लर्ड स्पीच ,प्राय शराब के नशे में ऐसा होता है ).
अन -रेस्पोंसिव -नेस ,कान न दे पाना किसी बात को .
कोमा में भी संभवतया असरग्रस्त व्यक्ति जा सकता है .
इसका दीर्घावधि इस्तेमाल क्या गुल नहीं खिला सकता ?
ब्रेन ,लीवर ,किडनी डेमेज हो सकता है .इसके अवांछित असर से .
मजेदार बात यह है किशोर भीड़ इसे नमक के साथ लेती है ताकि इसमें मौजूद एल्कोहल जल्दी से टूट के अलग हो जाए इस सोल्यूशन से .
अब और भी ज्यादा किक मिलती है .नशा पत्ता तेज़ हो जाता है .
इंटरनेट पर इसके इसी आसवन से ताल्लुक रखने वाले अनुदेश (निर्देश )ट्युटोरियल वीडियोज में सहज उपलब्ध हैं .ये एब्यूज है प्रोद्योगिकी का .रोकिये इसे रोक सको तो .
6 टिप्पणियां:
यह तो बड़ी ही खतरनाक स्थिति है।
इन दिनों इपीजेनेटिक्स की एक शाखा इस पहलू की खोज खबर ले रही है -ज्ञानवर्धक आलेख !
उफ़...कहाँ जा रही है आज की पीढ़ी?
बड़ी भयंकर परिस्थितयां हैं ये .
बच्चों को नशे की आदत बड़ों को देख कर ही लगती है .
पेरेंटल कंट्रोल हटने से यह समस्या ज्यादा पनप रही है वेस्ट में .
बिल्कुल ही नई जानकारी. यदि इसे समय रहते रोका नहीं गया तो आने वाला कल बहुत ही भयानक होगा.
घातक स्थिति ...
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