अभिनव प्रोद्योगिकी का एक और हासिल .:नेचुरल ओरिफिस सर्जरी .
Now , a scar -free op that removes your appendix via mouth/THE TIMES OF INDIA ,BANGALORE ,APRIL 11,2012,P17.
हो सकता है आप यकीन न करें ,अविश्वाश से भरे रहें लेकिन साइंसदानों ने कहा है अब किसी मरीज़ की अपेंडिक्स को मुख ,गुदा (मलाशय ,)या फिर योनी मार्ग से भी निकाल बाहर किया जा सकेगा .इसे' नेचुरल ओरिफिस सर्जरी' कहा जा रहा है ,साफ़ सुथरी बे -दाग सर्जरी कहा जा रहा है जिसमें उत्तर या पूर्व शल्य कर्म पीड़ा भी कम रहती है ,कमतर और एक दम से छोटा चीरा लगाना पड़ता है ,संक्रमण का ख़तरा भी कमतर रहता है .योरोप और अमरीका भर में अब तक कोई हज़ार मरीज़ इसका फायदा ले चुकें हैं .
इस नायाब शल्य कर्म में कहीं से चमड़ी को चीरा लगाने के बजाय शरीर के ईश्वर प्रदत्त देह मार्गों का स्तेमाल किया जाता है .यह नेचुरल ओरिफिस मूत्र मार्ग भी हो सकता है ,योनी या मलाशय भी .यही देह के आंतरिक राज मार्ग हैं हाई वेज़ हैं जिनका स्तेमाल खराब हो चुके या दुखदाई अंगों को काट कूट कर टुकडा टुकडा निकाल बाहर करने में ,या फिर दुरुस्ती के लिए किया जाता है .
नतीजे परम्परा गत सर्जरी से बेहतर ही कहे जा सकतें हैं कई मायनों में क्योंकि यहाँ संक्रमण के मौके बहुत कम रह जातें हैं , चीरे भी आकार में बहुत छोटे और संख्या में कम लगाने पडतें हैं यही कहना है आमाशय और आंत्रक्षेत्र (उदर और आँतों की माहिरा गैस्ट्रो -एंटेरो -लोजिस्ट )डॉ .जुलियन टारे का .आप इम्पीरियक कोलिज लन्दन में काम कर रहीं हैं .
आप इसे इंट्रा - एब्डोमिनल सर्जरी का एक और शिखर बतलातीं हैं की होल सर्जरी के बाद .
सर्जन के साधनों में इस सर्जरी में मात्र एक एंडोस्कोप होता है जिसके दूसरे छोर पर एक नन्ना कैमरा लगा होता है ,कुछ और नन्ने औज़ार भी होतें हैं ,इन्हें समुचित ओरिफिस( देह द्वार) से प्रवेश दिलवाया जाता है .
गाल -ब्लेडर (पित्ताशय )को निकालने के लिए सर्जन एक एंडोस्कोप (केथीटर सी महीन ट्यूब,जिसके आखिर में एक कैमरा लगा होता है ) मुख द्वार से प्रवेश दिलवाता है .एक नन्ने से ब्लेड का स्तेमाल अमाशय में चीरा लगाने के लिए करता है .अब उसकी पहुँच पित्ताशय तक हो जाती है .एक नन्ने गुबारे को फुलाके इस चीरे का आकार बढाया जाता है .पित्ताशय के ऐसे छोटे छोटे टुकड़े कर दिए जातें हैं जो इंडो -स्कोप में फिट आ जाएँ और निकाल बाहर कर दिए जाएँ .
लेबल :अभिनव प्रोद्योगिकी का एक और शिखर :नेचुरल ओरिफिस सर्जरी ..एंडोस्कोप ,इन्सिजन ,इन्फेक्शन .
राम राम भाई ! राम राम भाई ! राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के :
राम राम भाई ! राम राम भाई ! राम राम भाई !
नुश्खे सेहत के :
रुई की फाये से ताज़ा तराशे काटे गए नीम्बू का रस कील -मुंहासों से पैदा दाग धब्बों पर लागाइये .चमड़ी ली लुनाई बढ़ने के साथ दाग धब्बे भी जाते रहेंगे .
तैलीय बालों की स्वामिनी महिलायें बारहा अपनी केश क्यारी को न सँवारे .बार बार कंघी करने से खोपड़ी ,सिर की खाल और ज्यादा तेल छोडती है .
4 टिप्पणियां:
पता होता तो पेट क्यों चिरवाते हम।
बहुत बढ़िया खबर लाये हैं भाई जी . यह तो अभी तक हमने भी नहीं पढ़ी .
हालाँकि वेजाइनल हिसटेरेकटमी भी इसी का एक उदहारण है जो बरसों से किया जा रहा है .( बिना बाहरी चीर फाड़ के गर्भाशय को निकालना ).
ज्ञानवर्द्धक आलेख...शुक्रिया
nice tips
yes lemon helps.
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