बुधवार, 29 सितंबर 2010

री -कनेक्तिव हीलिंग (ज़ारी )

(गत पोस्ट से आगे ....री -कनेक्तिव हीलिंग क्या है ?)
री -कनेक्तिव हीलिंग में सारा खेल तमाशा हीलिंग फ्रीक्युवेंसीज़(सेहत प्रदायक आवृत्तियाँ ) और एनर्जीज़(ऊर्जाओं के जोड़ ) का है .पदार्थ और चेतना का समन्वित रूप हमारा शरीर तमाम तरह की आवृत्तियों से लगातार इन्टेरेक्त करता रहता है .हमारा शरीर भी तो पदार्थ -ऊर्जा का एक दृश्य रूप ही तो है .(पदार्थ यानी मैटर और एनर्जी यानी ऊर्जा एक ही भौतिक राशि के दो रूप हैं .कभी यह पदार्थ -ऊर्जा एक बिन्दु पर घनीभूत होने पर पदार्थ के रूप में दिखलाई देती है तो कभी विरलिकृत हो , ऊर्जा के रूप में अदृशय बनी रहती है .
री -कनेक्तिव हीलिंग हमारे खुद के अस्तित्व को पहले अपनी पूरी संभावनाओं के साथ स्वयं से और फिर अखिल विश्व में मौजूद ,समूची सृष्टि के स्पंदनों (वाइब्स )से जोड़ना है .हर चीज़ में स्पंदन ,वाइब्रेशन मौजूद है जो उसका नैजिक है ।
री -कनेक्तिव हीलिंग कनेक्ट पीपल कम्प्लीटली टू दी यूनिवर्स एंड ड्रो अपोन इट्स वाइब्रेसंस.यहाँ आकर री -कनेक्तिव हीलिंग रेकी का भी अतिक्रमण कर उससे आगे निकल जाती है .यहाँ जुड़ने के लिए एक पूरी रेंज है फ्रीक्युवेंसीज़ की (ए बैंड -यहाँ पूराउपलब्ध है फ्रीक्युवेंसीज़का )।
यहाँ पूरा का पूरा एक बैंड उपलब्ध है फ्रीक्युवेंसीज़ का जानकारी हासिल करने के लिए .रिसर्चरों के अनुसार हम परस्पर लगातार विद्युत् चुम्बकीय प्रकाश और ऊर्जा बैंड पर एक दूसरे से, संकेतों के आदान प्रदान के ज़रिये जुड़े हुएँ हैं .हमारा शरीर एक बेहतरीन ट्रांसमीटर भी है रीसीवर भी .ऊर्जा चिकित्सा के तहत वी यूज़ ए बैंड ऑफ़ ऑफ़ लाईट एनर्जी .
ज़रुरत इस ऊर्जा तक पहुँच बना कर इसे ग्रहण करने की सीखने की है .कोई भी इस हुनर को सीख सकता है .हीलर और हीली के बीच भी परस्पर इसी एनर्जी फ्रीक्युवेंसी पर ऊर्जा का विनिमय होता है .ज़ाहिर है हीलर के पास एक रचनात्मक ऊर्जा है ,रचनात्मक शक्ति है ,स्वास्थ्य प्रदायक कुदरती ऊर्जा है ,जिसे वह आप तक अंतरित कर रहा है .ज़रुरत आपके विश्वाश और आश्था की है .आपके अपने ट्रांसमीटर और रीसीवर के दुरुस्त होने रहने की है .दाता तैयार है लेनहार भी तो कोई हो .हीलर तो बस एक माध्यम भर है एक चैनल एक रास्ता प्रदान कर रहा है ऊर्जा के प्रवाह के लिए .एक पाथ -वे से वाकिफ करवा रहा है .बाकी सब आपका है .तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा .

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