बुधवार, 22 सितंबर 2010

डि -टोक्स फूड्स का मिथ (ज़ारी )

योर फ़ोर स्टेप गाइड टू डि -टोक्सिफिकेशन(इन दी कन्क्ल्युडिंग पार्ट ऑफ़ आवर सीरीज ,रुजुता दिवेकर एक्स्प्लैंस दी रूट टू ए क्लीनर सिस्टम )।
(गत पोस्ट से आगे ....,ज़ारी.... )
नींद ,खाना ,मन की स्थिति ,व्यायाम चार बुनियादी बातें हैं एक ऐसी जीवन शैली से जुडी हुई जिस पर कायम रहकर ना सिर्फ हम अपने सिस्टम (शरीर तंत्र )की साफ़ सफाई कर सकतें हैं ,नुक्सान की भरपाई भी जो सिस्टम को तोक्सिफाई करने के क्रम में हम करते आयें हैं .
सिस्टम की दुरुस्ती का सबसे कारगर उपाय है नींद .चैन की नींद (चिंता चिता समान,याद रहे ,चिंता से भरी नींद भी कोई नींद है ).दिन भर में हुई नुक्सानात की भरपाई करती है एक रेस्ट्फुल स्लीप .साफ़ सफाई तो करती ही है शरीर तंत्र की ,एक पूरी नींद .सबसे ज़रूरी काम नींद का हारमोन संतुलन को कायम करना रहता है ताकि अगले दिन के लिए हमारा सिस्टम पूरी तरह कमर कसके तैयार रहे .रोग -प्रति -रोधी तंत्र की चुस्ती - दुरुस्ती के लिए भी ज़रूरी है आराम से ,बे -फिकरी के संग सोना ,उठना .एपेटाईट को भी खबरदार रखती है अच्छी नींद ,ताकि अगली प्रभात हम खाने पर टूट ना पड़े ,बिंज ईटिंग से परहेजी रखें ।
हमारा खाना :हर दो घंटा बाद खाना उतना मुश्किल नहीं है जितना आप समझते आयें हैं .ओवर -ईटिंग से बचने का कारगर उपाय है किस्तों में खाना -पीना .सोकर उठकर तैयार होने के १५ मिनिट के अन्दर फल और मेवों का घर में तैयार साफ़ सुथरे नाश्ते का लेना हमें पर्याप्त पोषक तत्व मुहैया करवा देता है .ऐसे में हम चाय कोफी ,सोशल ड्रिंकिंग से सहज ही बचे रहतें हैं .वेळ नरिश -ड सिस्टम अंड- बंड कुछ मांगनेखाने से परहेज़ रखने लगता है .भूख के स्वास्थ्य कर संकेतों को जान समझकर हम सेहत को चौपट करने वाली फास्टिंग और फीसटिंग दुश्चक्र से भी बचे रहतें हैं .रफ्ता रफ्ता ही बढतें हैं हम मोटापे की ओर .यकीन मानिए पांच साल में दस किलो वजन बढाने के सिंड्रोम से भी बचे रह सकतें हैं .(ज़ारी ....)

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