नारी शक्ति :भर लो झोली सम्पूरण से
आधी दुनिया के लिए सम्पूरण -पूरी तरह स्वस्थ रहे आधी दुनिया इसके लिए ज़रूरी है देहयष्टि की बस थोड़ी ज्यादा निगरानी ,रखरखाव की ओर थोड़ा सा ध्यान और .बस पुष्टिकर तत्वों को नजर अंदाज़ न करें .सुखी स्वस्थ परिवार के लिए इन खुराकी सम्पूरकों पर थोड़ा गौर कर लें:
रविकर फैजाबादी
चुस्त धुरी परिवार की, पर सब कुछ मत वार |
देहयष्टि का ध्यान कर, सेहत घर-संसार |
सेहत घर-संसार, स्वस्थ जब खुद न होगी |
सन्तति पति घरबार, भला हों कहाँ निरोगी ?
संरचना मजबूत, हाजमा ठीक राखिये |
सक्रिय रहे दिमाग, पदारथ सकल चाखिये ||
देहयष्टि का ध्यान कर, सेहत घर-संसार |
सेहत घर-संसार, स्वस्थ जब खुद न होगी |
सन्तति पति घरबार, भला हों कहाँ निरोगी ?
संरचना मजबूत, हाजमा ठीक राखिये |
सक्रिय रहे दिमाग, पदारथ सकल चाखिये ||
रक्त नालियों (ब्लड वेसिल्स )और दिल की सेहत के लिए
उच्च रक्त चाप होने पर खून ज्यादा बल डालने लगता है खून की नालियों पर ,नालियों की दीवारों पर ,जबकि दिल तो वैसे ही रक्त उलीच रहा है जैसे उलीचता है ,बस ज्यादा फ़ोर्स से दौड़ रहा है खून रक्त वाहिनियों में .दिन में कम ज्यादा होता है अमूमन ब्लड प्रेशर ,किसी पहर में कम किसी में ज्यादा लेकिन यदि यह उच्चतर बना रहता है तब निश्चय ही धमनियों ,गुर्दों ,यहाँ तक के हमारी आँखों को ,शरीर के दूसरे हिस्सों को भी नुकसानी उठानी पड़ सकती है .क्षतिग्रस्त हो सकतें हैं शरीरांग .हाइपरटेंशन से .ऐसी बला है हाइपरटेंशन .
इससे बचाव के लिए आप ले सकतीं हैं पुष्टिकर खनिज मैग्नीशियम
यह खनिज दूसरे अन्य खनिजों का भी विनियमन कर सकता है ,उन्हें निश्चय ही रेग्युलेट कर सकता है .पोटाशियम ,सोडियम ,केल्शियम तीनों को संभाल सकता है .
अध्ययनों से पुष्ट हुआ पुष्टिकर तत्व मैग्नीशियम लेते रहने से रक्त दाब के दोनों ऊपर तथा नीचे वाले पाठ (सिस्टोलिक और डाय -स्टोलिक )कम हो जातें हैं .बढा हुआ रहने वाला रक्त चाप कमतर हो जाता है .
बेहतर संचरण को बनाए रखने के लिए अब कितने ही कायाचिकित्सक(फिजीशियन ) मैग्नीशियम की महिमा को मानने लगें हैं .
For Healthy Cholesterol Levels
परिहृदय धमनी रोग औरतों की जान का दुश्मन बना हुआ है .अमरीका में इसे औरतों के लिए नम्बर वन किलर घोषित किया जा चुका है .
जब खून की नालियां मुटियाने लगती हैं ,समय के साथ अन्दर से खुरदरी होकर अपनी लोच भी खोने लगती हैं तब औरत के दिल तक न पूरी रक्तापूर्ति हो पाती है न पूरे पुष्टिकर तत्व ही मयस्सर हो पातें हैं .यही स्थिति हार्ट फेलियोर या फिर दिल के दौरे की वजह बन सकती है .
NUTRIENT Coenzyme Q10
CoQ10 हृद पेशी में पाए जाने वाला एक कुदरती यौगिक (कम्पाउंड )है .उच्च सांद्रता में मौजूद रहता है यह यहाँ .अध्ययनों से पुष्ट हुआ है इस यौगिक को अन्य पुष्टिकर तत्व के साथ साथ लेने से या फिर पुष्टिकर तत्वों का संग साथ CoQ10 के साथ मौजू हो जाता है .दोनों का असर बढ़ जाता है .खून में घुली चर्बी को अच्छे स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के अनुरूप बनाए रखने में मदद मिलती है .
Bone Health
अस्थि परिसरण(अस्थि क्षय )यानी ओस्टियोपोरोसिस एक अपविकासी रोग है जिसमे अस्थियाँ एक दम से नाज़ुक और भंगुर हो जाती हैं उठने बैठने में भी कई बार टूट जातीं हैं .ऐसे में अस्थि भंग का ख़तरा तो बढ़ ही जाता है ,रीढ़ सम्बन्धी विरूपण और रीढ़ सम्बन्धी विकृति का भी ख़तरा बढ़ जाता है .सिर और कंधे आगे की और मुड़ और झुक कर ठवन को बिगाड़ सकतें हैं .स्टूप्द पोश्चर हो सकता है.
अस्थि परिसरण के अडसठ फीसद मामलों में महिलाएं ही इस रोग से ग्रस्त होतीं हैं .रजोनिवृत्ति के बाद इस रोग के लक्षण ज्यादा सिर उठाते हैं .
NUTRIENT
Calcium and Vitamin D.
जब महिला को पूरा न तो खुराकी केल्सियम ही मिल पाता और न ही वह केल्सियम सम्पूरण लेती है तब शरीर गुज़ारे के लिए अपनी तमाम दूसरी ज़रूरीयात के लिए आवश्यक केल्सियम अस्थियों से उधारी ले लेता है .(भारतीय किसान की तरह यह ऋण चुकता नहीं हो पाता है .)
समय के साथ अस्थि घनत्व छीजने लगता है .नतीजा होता है ओस्टियोपोरोसिस .
संतुलित खुराक के संग संग पुष्टिकर तत्वों की फेहरिस्त में केल्सियम सम्पूरण को भी जगह देने पर शरीर के लिए आवश्यक केल्सियम की आपूर्ति पुन : होने लगती है .
अलावा इसके महिलाओं को विटामिन डी भी लेते रहना चाहिए जिसकी मौजूदगी में केल्सियम की ज़ज्बी भी शरीर अच्छे से करलेता है .
दिमागी सेहत की दुरुस्ती के लिए
बढती उम्र का मतलब ज़रूरी तौर पर मष्तिष्क रोग या आघात से उत्पन्न एक गंभीर मानसिक विकार जो व्यक्ति की सोचने याद रखने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है "डिमेंन - शा "नहीं होता है .ज़रूरी होता है याददाश्त को बढती उम्र के साथ बनाए रहना ,बोध सम्बन्धी (प्रग्यानात्मक /संज्ञानात्मक )क्षमता को बरकरार रखना .
इस स्थिति के लिए पढ़ना लिखना निरंतर नया सीखना तो है ही पुष्टिकर तत्व ओमेगा थ्री फिश आयल भी है .दिमाग को चुस्त दुरुस्त तंदरुस्त बनाए रखने में मददगार साबित होता है ओमेगा थ्री फिश आयल .मानसिक क्षमता और मानसिक प्रदर्शन दोनों को निखारने में भी यह मददगार रहता है ,याददाश्त को भी खनकदार बनाए रखने में सहायक है .
पाचन सम्बन्धी स्वास्थ्य
पाचन स्वास्थ्य के तहत आता है उदर शूल बोले तो पेट /पेडू का दर्द ,सोजिश ,ऐंठन ,अतिसार (उलटी दस्त या डायरिया )और कब्जी(कोंस्तिपेशन ).
संभवतया कुदरती हारमोनों की औरतों में होने वाली खलबली और ओस्सिलेशन(उतार ,चढाव) पाचन स्वास्थ्य को असर ग्रस्त करतें हैं .पूअर दाइजेस्तिव हेल्थ इसी हारमोन घट बढ़ का नतीजा होतें हैं .
इसके लिए पुष्टिकर तत्व हैं प्रोबायोटिक्स
बेशक ये पुष्टिकर तत्व तकनीकी तौर पर तो नहीं कहे जा सकतें लेकिन इनमें लाखों लाख सेहतकारी ,उपकारी जीवाणुओं का डेरा रहता है (मिलियंस ऑफ़ गुड बेक्टीरिया आर देयर )जो आम तौर पर आंत्र क्षेत्र में बने रहतें हैंवहां पहले से मौजूद जीवाणुओं के संग . .
प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से एक संतुलन स्थापित होता है जिससे दाहक उदर आंत्र क्षेत्र शांत हो जाता है .An agitated gastrointestinal tract calms down.कब्जी की संभावना कमतर रहती है ,उदर शूल और अफारा भी कम हो जाता है
मूत्राशय मार्ग की सेहत (युअरिनरी ट्रेक्ट हेल्थ )
मूत्राशय मार्ग संक्रमण की चपेट में पचास फीसद से भी ज्यादा महिलायें कभी न कभी जीवन के किसी मोड़ पे आ ही जाती हैं . इसके लक्षणों में सामान्य से ज्यादा और बार बार पेशाब की हाज़त ,मूत्र त्याग में जलन ,ज्वर ,कंप और मिचली आदि आम हैं .
बचावी पुष्टिकर तत्व है क्रैनबेरी सार
क्रैनबेरी बोले तो लाल बेरी गए ज़माने से लोक चिकित्सा के बतौर यूरिनरीट्रेक्ट इन्फेक्संस (UTIs) का कारगर समाधान प्रस्तुत करती आई है .लेकिन २००२ में एक कनाडीय (कनाडा में किये गए )अध्ययन से यह भी पुष्ट हुआ ,यूरिनरी ट्रेक्ट हेल्थ को बनाए रखने में भी क्रैनबेरी असरकारी है .क्रैनबेरी ज्यूस के बरक्स क्रैनबेरी पुष्टिकर तत्वों (क्रैनबेरी सार )का सेवन सस्ता और ज्यादा कारगर उपाय साबित हुआ है .
जोड़ों की सेहत (Joint Health)
जानतें हैं आप हड्डियों के जोड़ों पर एक सुदृढ़ पदार्थ होता जो एक गद्दे का काम करता है उपास्थि (उप -अस्थि )कहतें हैं इसे .इस कशन (गद्दे ) के टूटके बिखर जाने पर ,जोड़ों में जलन और सोजिश आती है .उम्र के साथ यह दशा बद से बदतर होती जाती है .
मर्दों के बरक्स औरतें ज्यादा जोड़ों की परेशानियों से तंग रहतीं हैं .जोड़ों की सेहत अमूमन ठीक नहीं रहती है .६४ फीसद मामलों में महिलायें ही डॉक्टर के पास जोड़ों की शिकायतें लेकर पहुंचतीं हैं .
जोड़ों के लिए पुष्टिकर तत्व मौजूद है
Glucosamine और Chondroitin
ये दोनों यौगिक कुदरती तौर पर जोड़ों में भी रहतें हैं .उपास्थियों के निर्माण और टूट फूट की मुरम्मत इनका ही जिम्मा रहता है जोड़ों में .
क्लिनिकल रिसर्च से इल्म हुआ है ,इन दोनों का साथ -साथ सेवन जोड़ों को आराम भी पहुंचाता है गत्यात्मकता भी बनाए रहता है जोड़ों की .
एक अमरीकी अध्ययन से यह भी पता चला है ,जो अमेरिकन कोलिज ऑफ़ र्युमेतोलोजी में संपन्न हुआ है ,हाथों के जोड़ों को अकेले Chondroitin भी यही राहत पहुंचाता है .
सन्दर्भ -सामिग्री :-Family Wellness Supplements for Women /Woman Power / A guide to keeping your body in top form/by Dr.Andrew Myers/Sam'sClub September/October2012/p46
Dr.A NDREW Myers is an expert in nutrition and preventive medicine
Consult your physician before starting or changing any medication or nutrient.Follow all dosing instructions.
विशेष :ब्लॉग राम राम भाई का मकसद महज़ सेहत से जुडी जानकारी सांझा करना है .लोक शिक्षण है इससे आगे कुछ नहीं .
6 टिप्पणियां:
चुस्त धुरी परिवार की, पर सब कुछ मत वार |
देहयष्टि का ध्यान कर, सेहत घर-संसार |
सेहत घर-संसार, स्वस्थ जब खुद न होगी |
सन्तति पति घरबार, भला हों कहाँ निरोगी ?
संरचना मजबूत, हाजमा ठीक राखिये |
सक्रिय रहे दिमाग, पदारथ सकल चाखिये ||
सचेत करती पोस्ट......
केल्शियम, पोटेशियम विटामिन डी ... खास कर के ओस्टोपैरेसी में ध्यान रखने वाले बातें ...
सचेत कर रही है आपकी पोस्ट ... राम राम जी ..
बहुत ही उपयोगी जानकारी देती प्रस्तुति.. आभार
लाजवाब रहती है :
वीरू भाई की दवाई
अगर आपने खाई
झोला भर शक्ति बनाई
आदमी की फिर तो
हो सकती है पिटाई !
आधी दुनिया आधी शक्ति..
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