मंगलवार, 27 सितंबर 2011

FEW HEART TERMS


ON WORLD Heart Day TESTS FOR YOUR HEART

Sunday, September 27, 2011

ON WORLD Heart Day TESTS FOR YOUR HEART

ON WORLD Heart Day TESTS FOR YOUR heart
(१)अपना पारिवारिक चिकित्सा वृत्तांत जुटाइए जानिये किस को कब कौन सी दिल की बीमारी रही है ।
(२)अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाइए ।
(३)लिपिड प्रोफाइल जानिये ।
(४)खून में शक्कर की पड़ताल करवाइए ।
(५)ई सी जी ,
(६) 2D Echo
(७)स्ट्रेस टेस्ट
(८)ब्लोकेड(खून की नालियों में रुकावट ,धमनी अवरोध ) का पता लगाने के लिए एन्जियोग्रेफ़ी .
ब्लड प्रेशर नम्बर्स :
नोर्मल ब्लड प्रेशर १२०/८० मिलीमीटर ऑफ़ मरकरी .
(120/80mmHg)कहलाता है .इसे बनाए रखने के लिए स्वस्थ जीवन शैली ज़रूरी है .
ऊपरी पाठ या अंक यहाँ सिस्टोलिक दाब कहलाता है .यह वह दाब है जो तब बनता है जब हमारा दिल रक्त पम्प करता उलीचता हुआ धडकता है ।
जब दो धडकनों के बीच दिल विश्राम करता है तब बनने वाला डायस्तोलिक दाब निचला अंक या पाठ कहलाता है ।

What is Pre-hypertension?
उत्तर है (१२०-१३९)/(८०-८९)mmHg

यानी जब ऊपरी पाठ १२० से लेकर १३९ तक हो और निचला पाठ ८०-८९ तक हो तब यह उच्च रक्त चाप से पूर्व की स्थिति है जो दिल के लिए रेड अलर्ट है .सावधानी न बरतने पर ,जीवन शैली न सुधारने पर दिल के लिए खतरे का वजन बढेगा और नतीजा होगा हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्त चाप .हाइपर का मतलब सामान्य से ऊपर रक्त चाप (इसका विलोम हाइपोटेंशन है यानी सामन्य से नीचे के स्तरों का रक्त दाब .)।
Hypertension has many stages
Stage 1 hypertension ?
(140-159)/(90-99)
इस स्थिति में यदि आपका ब्लड प्रेशर नियंत्रित नहीं रहता है तब आपको एंटीहाइपरतेंसिव दवाओं की ज़रुरत पेश आयेगी .किसी माहिर से मिलना पड़ेगा ।
Stage 1 hypertension ?
(140-159)/(90-99)
Stage 2 Hypertension?
160 or even higher /100
यह एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है.डॉ के पास जाना ही पड़ेगा ,आगे क्या करना है वही फैसला करेगा ।
२४ घंटे में ब्लड प्रेशर ऊपर नीचे होता है सोते जागते विश्राम की स्थिति में यकसां नहीं रहता है .बच्चों के लिए इसका मान अलग होता है ।
Isolated systolic hypertension ?
५० साल से ज्यादा उम्र के लोगों में यह आम है उनका निचला पाठ सामान्य रह सकता है ऊपर वाला अंक बढा हुआ मिलता है .यानी सिस्टोलिक दाब ज्यादा रहता है लेकिन डायसिस्टोलिक अमूमन नोर्मल स्तर पर रहता है .
डॉ की मेज पर और डॉ को देखकर कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर थोड़ा बढ़ जाता है इसे इसीलिए Whitecoat hypertension
कहतें हैं ।
PROFILING लिपिड
खून में घुली तमाम तरह की चर्बी (लिपिड )का लेखा जोखा एक पूर्व संकेत है एक संभावना की ओर इशारा है आप कहीं हार्ट अटेक या ब्रेन अटेक की जद में तो नहीं आजायेंगें .जीवन शैली दुरुस्त की जा सकती है इसे जानकार
यदि दिल की बीमारियों की विरासत परिवार में चली आई है तब यह वांछित है कि २७ -२८ साल की उम्र के होते ही साल में कमसे कम एक बार या स्थिति के अनुरूप दो बार भी लिपिड प्रोफाइल जांच करवानी चाहिए
लिपिड प्रोफाइल में शामिल रहतें हैं -
खून में घुली कुल चर्बी() टोटल कोलेस्ट्रोल ,()मित्रवत दिल के लिए अच्छी समझी जाने वाली हाईडेंसिटी लिपो -प्रोटीन यानी HDL- ()दिल का बेरी समझे जाने वाला 'लो डेंसिटी प्रोटीन कोलेस्ट्रोल' LDL - तथा ()ट्राई -ग्लिस्राइद्स
कई मर्तबा एच डी एल :कोलेस्ट्रोल अनुपात भी लिपिड प्रोफाइल में शामिल किया जाता है
कितना जोखिम है उम्र ,लिपिड प्रोफाइल के नतीजों के हिसाब से वह भी बतलाया जाता है .
एच डी एल का स्तर सामान्य से ऊपर तथा एल डी एल का कम स्तर अच्छा माना जाता है .घूमने फिरने कसरत करते रहने से एल डी एल ही एच डी एल में तबदील होने लगता है .सेहतमंद खुराक दिल के लिए जोखिम कम करती है
ब्लड सुगर लेविल्स :
जिन परिवारों में मधुमेह रोग चलता आया है ,मोटापा शाश्वत बना रहा है पीढ़ी दर पीढ़ी उनके लिए लाजिमी है :
(१)फास्टिंग (२)नास्ते के दो घंटा बाद पोस्ट पेरेंदियल ब्लड सुगर जांच जल्दी से जल्दी करवाई जाए ।
ज़रुरत के मुताबिक़ मधुमेह का माहिर डायबेतेलोजिस्त (१)ग्लूकोज़ टोलरेंस टेस्ट तथा GTT(२)Glycosylated haemoglobin लेवल भी करवा सकता है ।
सामान्य से ऊपर फास्टिंग और 'पी पी' लेवल डायबिटीज़ के पहले से चले आये होने की ओर इशारा है .
'जी टी टी 'का स्तर सामन्य से ऊपर आना भविष्य में डायबिटीज़ होने की संभावना की ओर इशारा है ।
HgA1C यानी ग्लाईकोसाइलेतिद हिमोग्लोबिन जांच पिछले तीन महीने के ब्लड ग्लूकोस स्तर का औसत देती है बतलाती है कैसा चल रहा है ब्लड ग्लूकोज़ स्तर ओर नियंत्रण .इसका मान छ :से ऊपर नहीं होना अच्छा माना जाता है .
FEW HEART टर्म्स
()एंजाइना :
दिल के दौरे की शुरुआत एक मामूली सीने से उठते दर्द से ही होती है जिसे अकसर गलती से गैस का बनना या अम्ल शूल (एसिडिटी )कह के दरकिनार कर दिया जाता है खासकर औरतों के मामले में
अकसर यह आवर्ती दर्द होता है जो दिल के किसी हिस्से को पूरे खून की आपूर्ति हो पाने की वजह से उठता है .ऐसा तब होता है जब हृदय को रक्त ले जाने वाली कोई धमनी संकरी ,अन्दर से खुरदरी और कठोर पड़के अवरुद्ध हो जाती है .
इस अवरोध की वजह बनती है- अथेरोस्कलेरोसिस
आम लक्षण है यह परिहृदयधमनी रोग (कोरोनरी आर्टरी डिजीज )का
सीने की हड्डी के नीचे होने वाला दर्द है एंजाइना है .कई मर्तबा यहाँ से उठके यह कन्धों कलाई ,जबड़े गर्दन या फिर कमर तक भी पहुच जाता है .ऊपरी अमाशय तक भी आजाता है .सीने के नीचे दवाब ,धुयें में फंसे होने का बोध भी कई मरीजों को इस स्थिति में होता है
एंजाइना फील्स लाइक प्रेसिंग ऑर स्क्विज़िंग पैन युज़ुअली इन दी चेस्ट अंडर दी ब्रेस्ट बोन ,बट सम टाइम्स इन दी शोल्डर्स ,आर्म्स ,नेक ,जोज़ ,बेक ऑर अपर एब्डोमन
मेहनत मशक्कत इसे हवा देती है .एग्ज़र्शन बिकम्स ट्रिगर .आराम करने ,जीभ के नीचे तजवीज़ किये गए फाइव ,डाई या फिर मोनोनाइट्रेट्स की गोली रखने से तुरता आराम भी जाता है जो बाज़ार में सोर्ब्रित्रेट ,आइसोर्दिल ,आइसोसोर्बाइड आदि नामों से उपलब्ध हैं .
What is the purpose of an angiography?
एंजाइना की वजह जानने के लिए यह प्रोसीज़र अपनाया जाता है .परिह्रिद्य धमनी /धमनियों में कहाँ कितना अवरोध है इसकी पूरी खबर देता है यह तरीका जिसे कैथ लैब (केथितराइज़ेशन लैब )में किया जाता है
बाएं निलय (लेफ्ट वेंत्रिकल्स )कैसे काम कर रहें हैं इसकी इत्तला भी इस प्राविधि से पता चलती है अवरोध की गंभीरता भी जिसे पर्सेंटेज(%)में अभिव्यक्त किया जाता है पता चल जाती है
एंजियोप्लास्टी करने करने का फैसला नतीजे आने पर ही लिया जाता है
इस प्रोसीज़र में एक अति महीन ट्यूब (केथितर )जघन प्रदेश (ग्रोइन )से या फिर बाजू से डालकर इसमें एक एक्स रे कंट्रास्ट डाईइंजेक्ट की जाती है .यह तमाम काम लोकल एनास्थिज़िया के तहत ही किया जाता है अलबत्ता जब डाई प्रवेश करती है तब सिर से पैर तक (नख शिख )बेहद गर्मी महसूस होती है कोई ३० सेकिंड तक
यही कंट्रास्ट डाई दिल और तमाम धमनियों का बढ़िया अंदरूनी एक्स रे हाज़िर करवाती है .
What is the procedure involved in an angioplasty?
जब धमनी अवरोध एक क्रांतिक सीमा को छूने लगता है तभी एनजीओप्लास्टी करने का फैसला मरीज़ की लिखित अनुमति लेकर किया जाता है .अलबत्ता एक से ज्यादा धमनियां बंद होने पर 'कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग की जाती है .मसलन ब्लोगिया वीरुभाई के मामले में एक धमनी १००%बंद थी ,दूसरी ९०%,जबकी तीसरी ७० %(बतला दें ७० फीसद यदि एक ही धमनी बंद हो तो दवाओं से गुज़ारा हो जाता है .एनजीओप्लास्टी की कोई ज़रुरत नहीं पडती है ।).
एनजीओप्लास्टी में मिकेनिकल तरीके से आंशिक या पूर्ण अवरुद्ध धमनी को खोल दिया जाता है
बस इस प्रोसीज़र में एक बाल पेन के रिफिल के आगे लगे एक स्प्रिंग सा अतिमहीन तार केथितर से सम्बद्ध कर दिया जाता है और इसे अवरोध तक पहुंचाया जाता है
इसी तार से बेलून केथितर को नत्थी करके अवरोध जहां से शुरु होता है वहां तक पहुंचा कर फुलाया जाता है और अवरोध हटाने के बाद इसे डीफ्लेट कर दिया जाता है इसका फुलाव संपन्न हो जाता है .
फुलाव और सिक्डाव.(दिफ्लेशन)की यह प्रक्रिया ही धमनी को खोलती है .बस प्लाक (चिकनाई रुपी अवरोध )के हट जाने पर रक्त प्रवाह सामान्य हो जाता है .

FEW HEART TERMS


What are stents ?
स्टेंट धातु की बनी एक ख़ास किस्म की जाली है बाल पेन के रिफिल के आगे लगी स्प्रिंग सी जिसे अवरुद्ध आर्टरी को एंजियोप्लास्टी से खोल देने के बाद वहीँ छोड़ दिया जाता है .
एक लाख रूपये तक कीमत होती है मामूली से मामूली स्टेंट की जो आजकल दवा से संसिक्त भी आरहें हैं
इसे अकसर एक बेलून पर माउंट किया जाता है ,जिसे फिर चुनिन्दा तौर पर दाबित किया जाता है प्रेस किया जाता है
इसका डिजाइन इस प्रकार तैयार किया जाता है कि यह बेलून को फुलाने पर खुल जाता है .तथा दिफ्लेट करने के बाद यह धमनी को फिर खुला ही रखता है .यह स्थाई तौर पर आर्टरी में ही पड़ा रहता है
दवा सने स्टेंट दोबारा धमनी को बंद होने से रोके रखने का भरोसा पैदा कर रहें हैं .बेशक इनकी कीमत थोड़ा सा ज्यादा है .अमूमन धमनी के दोबारा बंद होने की प्रवृत्ति रहती है इसलिए परम्परा गत स्टेंट कुछ अरसे बाद बंद हो जातें हैं
धमनी का अवरुद्ध होना स्टेनोसिस तथा दोबारा बंद होना कोशिकाओं की अवांछित वृद्धि के फलस्वरूप री-स्टेनोसिस कहलाता है
The intention of this time consuming process is to slow down the unwanted growth of cells (restenosis) which cause reblokages and allow the artery to heal.

7 टिप्‍पणियां:

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

बहुत उपयोगी जानकारी....

Vivek Jain ने कहा…

सुन्दर जानकारी, सर,धन्यवाद,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

बढ़िया जानकारी !

रेखा ने कहा…

वाह ...आपने तो विस्तारपूर्वक इतनी उपयोगी जानकारी दे दी....आभार आपका

मनोज कुमार ने कहा…

इस उम्र में पदार्पण के बाद इस तरह की जानकारी बहुत ही ज़रूरी हो जाती है।

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

बहुत सुन्दर और उपयोगी प्रस्तुति वाह!

अशोक सलूजा ने कहा…

वीरुभाई राम-राम ,
टूटे दिल वालों की भीड़ लगा रहे हो क्या ..हा हा हा .. मैं तो दवाई से काम चला रहा हूँ |
बढ़िया जानकारी ...
इ-मेल का उतर नही देते क्या ..कल करी थी |

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