गुरुवार, 15 सितंबर 2011

कांग्रेस की मौलिकता आतंकवादियों के लिए परोक्ष रूप से सहानुभूति का माहौल पैदा करना है .

कोंग्रेस के पूर्व -मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला का नरेन्द्र मोदी की नक़ल पर तीन ही दिन का समानांतर अनशन करने का कोई औचित्य नहीं है .यह या तो बचकाना हरकत है या बे -वकूफाना .वाघेला साहब की उम्र देखते हुए बचकाना तो नहीं मानी जा सकती बे -वकूफाना ज़रूर है ।
सवाल उठता है मौलिकता के मामले में कोंग्रेस का काफिया (हाथ) इतना तंग क्यों है ?
हालाकि भ्रष्टाचार करने कराने और परोक्ष रूप से आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति का माहौल पैदा करने में वे बड़े माहिर और मौलिक हैं ।इनके लिए सामान्य फांसी याफ्ता कैदी और संसद पर हमला करने वाले आतंकवादी एक ही श्रेणी के अपराधी हैं और दोनों समान रूप से राष्ट्र पति की क्षमा याचना के अधिकारी और सुपात्र हैं .
नरेंद्र मोदी के अनशन के मामले में भी कोंग्रेसी अपनी कुछ मौलिकता दिखलाते.अनशन के बदले सभी कोंग्रेसी और खासकर शंकर सिंह जी वाघेला तीन दिन तक डबल भोजन करने का फैसला करते तो लोगों को कुछ तो तसल्ली होती .चलो कोंग्रेसी नरेंद्र मोदी के अनशन का ज़वाब देने के मामले में कुछ तो मौलिक हैं ।


सही समय और मंच यही तो है .

यह ठीक है कि अमर सिंह जी के दोनों गुर्दे खराब हैं और उनका स्वास्थ्य भी निरंतर गिरता जा रहा है .बकौल जया -प्रदा जी वह सही समय और सही मंच पर पोल खोल देंगें कि पैसे किसने दिए थे .लेकिन जब प्राण ही संकट में हों तब इस से बड़ा समय और मंच क्या हो सकता है ।आज चैनल ही sabse बड़ा मंच हैं जो उनसे बारहा संवाद बना रहें हैं .
भारतीय परम्परा रही है मरने से पहले सच बोलने की जयाप्रदा जी ,अपने प्राणों और देश और संसद की इज्ज़त बचाने के लिए अमर सिंह जी को उन बड़े लोगों के नाम बता देने चाहिए जिन्होनें दुष्कर्म के लिए उन्हें मोहरा बनाया था ।
जितनी जल्दी वह सच कहेंगें उतनी जल्दी ही उनका स्वास्थ्य सुधरेगा और यही पूरे देश की कामना है .


काम शिखर "इव" का रहस्य के आवरण से आया बाहर .

यौन शिखरों पर पहुंचे आदम के ख़ास प्रतिभागी दिमागी हिस्सों के रोशन और मुखरित होने का खुलासा यौन -विज्ञानियों को बरसों से रहा है लेकिन इव के बारे में अभी कल तक भी यही बात अबूझ बनी हुई थी .फिमेल ओर्गेज्म धुंध में ही लिपटी हुई थी
रुटगर्स यूनिवर्सिटी के साइंसदानों ने इस दिशा में पहली मर्तबा जानकारी जुटाई है "मुग्धा प्रेम विह्वल नायिका "के दिमाग की मेपिंग द्वारा .फंक्शनल मेग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग द्वारा
पता चला अलग अलग यौन संवेदी हिस्से स्पर्श का सुख पाकर दिमाग के अलग अलग हिस्सों को रोशन कर रहें थे .काम देव पर रीझ रहे थे .इनमें शामिल थे -
()भगनासा (क्लैटोरिस ).
()गर्भाशय ग्रीवा (बच्चेदानी की गर्दन )यानी सर्विक्स .
()योनी (वेजिनल ट्यूब )
()चूचुक (निपिल्स ).
से सम्बद्ध दिमागी हिस्से जो एक क्लस्टर एक झुण्ड बनाए हुए थे छोटे छोटे हिस्सों का .इनका सामूहिक प्रभाव ,परिणामी असर था -ओर्गेज्म ,कामानंद ,यौन -परमानंद सम्भोगानंद
यही हिस्से पुरुष जेनेटिक अप्रेटास के उत्तेजन से रोशन होते देखे गए थे
Researchers led by Barry R Komisaruk, B.S., Ph.D., of Rutgers University, used functional magnetic resonance imaging (fMRI) to map sensory cortical responses to clitoral, vaginal, cervical, and nipple self-stimulation in 11 healthy women, ages 23-56.
रिसर्चरों ने ११ सेहत दुरुस्त महिलाओं के मामलें में आत्म रति द्वारा इन्हीं संदर्भित उल्लेखित हिस्सों को सेहलवाया.उत्तेजन प्रदान करवाया .
थम्ब और "ग्रेट टो"
के उत्तेजन से रोशन हिस्सों को भी दर्ज़ किया गया
नतीजा चौंकाने वाला था .इन अलग अलग स्पर्श संवेदी हिस्सों ने खासा उत्तेजना से भर दिया दिमाग के कुछ संगत ख़ास हिस्सों को .हर बार ऐसा ही हुआ .आत्म रति की पुनरावृत्ति पर
धीरे धीरे सुलगती है यह कामाग्नी ,देह की आंच जिसकी अंतिम परिणति बनती है काम -चोटी
सेक्सुअल मेडिसन के विज्ञान प्रपत्र में इस अधययन के नतीजे प्रकाशित हुएँ हैं
अलबत्ता अन -टेप्ड ,अन दोहे पड़े रह जातें हैं ये हिस्से .इरोटिक जोंस .


The female orgasm explained
hile the male erotic brain has been mapped for decades, the female orgasm has remained a mystery, until now. Researchers at Rutgers University have mapped the female sexual brain for the first time.

The study located the brain regions that respond to stimulation of the clitoris, cervix,
vagina and nipples. It found that each erogenous zone was linked to a separate part of the brain, clustered in one region of the skull.

The same region is associated with genital stimulation in men.

Researchers led by Barry R. Komisaruk, B.S., Ph.D., of Rutgers University, used functional magnetic resonance imaging (fMRI) to map sensory cortical responses to clitoral, vaginal, cervical, and nipple self-stimulation in 11 healthy women, ages 23-56.

Researchers also mapped responses to stimulation of the thumb and great toe.

Results found that stimulation of each of these genital regions in fact produces a significant and strong activation of specific and different sites in the sensory cortex.

Scientists found that nipple self-stimulation activated the same area of the brain associated with the genitals.

“This lays the groundwork for an understanding of how genital stimulation spreads sequentially through the brain from initial activation of the sensory cortex to eventually activate the brain regions that produce orgasm,” Komisaruk concluded.

The study has been published in The Journal of Sexual Medicine.

4 टिप्‍पणियां:

G.N.SHAW ने कहा…

कल दूध ,अज तेल और कल कर्ज की कीमत में बढ़ोतरी आम सरकार ही कर सकती है ! बुरे दिन गरीबो के और लूट लो खजाने के दिन चल रहे है !

मनोज कुमार ने कहा…

हमें तो एक कहावत याद आ रहा है
कौ चला हंस की चाल ...

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

सही कह रहे हैं आप

Sunil Kumar ने कहा…

aapse sahmat hai ji