इन दिनों कुछ लोग ये सवाल उठा रहें हैं अन्ना इलाज़ कराने "कोर्पोरेट अस्पताल मेदान्ता सिटी गुडगाँव "क्यों गये ?यह भी कि उनकी कोर कमेटी में अल्पसंख्यक नहीं थे पहले सवाल का ज़वाब यह है -अन्ना के प्राणों की रक्षा के लिए लोक ने उन्हें अच्छे से अच्छा अस्पताल मुहैया करवाया है ,वे किसी अन्य भारतीय की तरह अमरीका इलाज़ कराने नहीं गए हैं .कैंसर के इलाज़ के लिए "राजीव गांधी कैंसर अस्पताल "की अनदेखी करके वे न्यूयोर्क के एक कैंसर अस्पताल में नहीं पहुंचे हैं .
रहा सवाल अल्पसंख्यकों का यदि वह अपने गुसल खाने से ही पेट खराब होने की वजह से बाहर नहीं आते इसमें अन्ना का क्या कुसूर है देश के ८०-८५ %लोग उनके साथ खड़े थे ,खड़े हैं.
रही बात सरकारी अस्पतालों की जैसी सरकार वैसे ही उसके अस्पताल हैं ।
कुछ पंचांगी तत्व (असंवैधानिक तत्व ) जो विदेशों से पुरूस्कार लेकर यहाँ चैनलों पर पसरे रहतें हैं ,वे कोर्पोरेट -सरकारी दुरभिसंधि के किले को अन्ना द्वारा न बींध पाने की बात कर रहें हैं .सवाल ये है ये अरुंधती रॉय जैसे लोग जिनका शारीरिक कद भी उतना ही कम है जितना मानसिक ये खुद क्या कर रहें हैं ?
इन्हेंजन -आधार विहीन अलोकतांत्रिक हुर्रियत की गोद में बैठ कर भारत में कब्रों के सुधार की बात उठानी चाहिए ।
अन्ना जी ने चुनाव सुधार ,राईट टू रिकाल ,राईट टू रिजेक्ट की बात उठाई है .केवल बाहुबल ,झूठ्बल ,जाति बल से चुनाव जीत कर संसद में चले आना लोकतांत्रिक होना नहीं है ?यदि ये यूं ही चलता रहा तो चोर उच्चक्के ,डाकू लुटेरे अपराध तत्वों की संख्या वर्तमान १७० के बहुत आगे चली जायेगी ।
अकेले अन्ना से आप क्या क्या उम्मीद करतें हैं ,कब्रों की दुर्दशा ,पाकिस्तान के हालात ,कायनात में जहां भी गड़बड़ है वह अन्ना सुधारें?
यह पंचान्गियों द्वाराअन्ना आन्दोलन को मुद्दों से भटकाने की ना -कामयाब कोशिश है .मुदा अस्पताल नहीं है .
कोलेस्ट्रोल कम करने के लिए सोया:-
हो सकता है जो कुछ आप खून में घुली चर्बी को कम करने के लिए खा रहें हैं वह ज्यादा महत्वपूर्ण हो बनिस्पत उसके जो आप खा ही नहीं रहें हैं .
एक नए अध्ययन के अनुसार कोलेस्ट्रोल कम करने वाले खाद्यों में मेवे (खासकर अखरोट ,छिलका सहित बादाम )और सोया प्रोटीन का महत्व कोलेस्ट्रोल कम करने वाली स्टेटीन्स से ,ऐसी खुराख से जिसमे में संतृप्त वसाएं कमतर कर दी गईं हैं किसी भी तरह कम नहीं है ।
अमरीकन मेडिकल अशोशियेशन के ऑन लाइन जर्नल में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है ।
बतलाया गया है खुराख में से दूध और मांसाहार को निकाल के यदि इनके स्थान पर सोया और टोफू ,बादाम और अखरोट के लिए जगह बनाई जाए तब खून में घुलित चर्बी (कोलेस्ट्रोल )ज्यादा असरकारी तरीके से कम होता है ,लो सेच्युरेटिद फेट डाईट(संतृप्त कमरे के ताप पर ज़म जाने वाली वसाओं से सनी खुराख ) के बरक्स .
स्टिकी फाइबर जैसे कि आपको ओट मील्स ,बार्ले आदि से सहज सुलभ हो जातें हैं भी कोलेस्ट्रोल को प्रभावी तरीके से कम करतें हैं .जौ का आटा मिलाइए गेंहू के आटे में ,सोया का मिलाइए फिर चपाती पकाइए .
गुरुवार, 1 सितंबर 2011
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11 टिप्पणियां:
देश ऐसा हो कि सबको अच्छे अस्पतालों में स्वास्थ्यलाभ।
वीरू भाई राम-राम !
गल्ती सुधरवाने का यहाँ भी शुक्रिया |
आप के लेख पर टिप्पणी करने नही ,कुछ सीखने कुछ पढ़ने और बहुत कुछ समझने के लिए आता हूँ
आभार और शुभकामनायें !
अन्ना की देख रेख शुरू से मेदान्ता की डॉक्टर्स की टीम कर रही थी , डॉ त्रेहन के निर्देशन में । इनसे बेहतर मेडिकल टीम और कहाँ मिल सकती थी । क्या उन्होंने इलाज के पैसे लिए होंगे ?
कोलेस्ट्रोल लोवरिंग पदार्थों के बारे में अच्छी जानकारी दी है ।
लेकिन क्या आप जानते हैं:
जई की जो फसल गाँव में पशुओं को खिलाई जाती है ,
वही शहर में ओट मील बनके, ऑस्ट्रेलिया से मंगाई जाती है ।
बस यूँ ही ।
गलती में 'गल्ती'
नज़र आती है क्या
मेरी दाल गलती...???
आभार,शुक्रिया ...
remarkable ...touchy...
जई की जो फसल गाँव में पशुओं को खिलाई जाती है ,वही शहर में ओट मील बनके, ऑस्ट्रेलिया से मंगाई जाती है ।
दराल साहब की बात सही है ...
ऐसी ही अनगिनत चीज़ें और हैं जिन्हें हम उतना महत्व नहीं दे पा रहे जितना दिया जाना चाहिए .....अच्छी जानकारी और प्रासंगिक विचारों के साथ
हमारे यहाँ एक कहावत है कि खिसियानी बिल्ली खम्बा नोंचे। यही हाल अरूंधति जैसे लोगों का है। रही बात अल्पसंख्यक और दलितों की तो यह प्रश्न तो आज देश पूछ रहा है कि ये लोग राष्ट्रीय आंदोलन के साथ क्यों नहीं होते हैं?
कुछ जानने और सीखने को मिला यहाँ आ कर ... आभार
सर जी राम राम!
क्यों भिगो -भिगो के मरते हो!गज़ब!
आप को श्रीगणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
http://dcgpthravikar.blogspot.com/
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