राजनीतिक ठहरे हुए सरोवर में उपवास का कंकड़ फैंककर गुजरात के मोदी ने हलचल मचा दी है .तरंगें वहां इतनी ज्यादा उठ रहीं हैं कि वाघेला और अनुकर्ता पार्टी कोंग्रेस की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है ।
कोंग्रेस अन्दर से घबराई हुई है कि अनशन तो हम भी कर रहें हैं पर चर्चा हमारी नहीं हो रही है .कोंग्रेस को सोचना चाहिए कि नक़ल करने वालों की बहुत इज्ज़त नहीं होती है ।
हर स्थिति को इन दिनों तोता पंडित वीरू भाई व्यंग्य की तरह चला कर व्यंग्य -बाण कोंग्रेस की तरफ छोड़ देतें हैं ।
हमारे पास वैश्या के तोतों की तरह वही फटी पुरानी जूती नहीं है .हम कोंग्रेस की इतनी इज्ज़त करतें हैं उसके लिए रोज़ एक नै जूती तैयार करतें हैं ,चाहें तो पानी की धार भी छोड़ सकतें हैं जो ज्यादा मार करती है ।
हमारे पास न्यू -मीडिया का उत्कर्ष है -ब्लॉग ,यानी न्यू -मीडिया की नित नै चिठ्ठी .क्वांटम ऑफ़ न्यू -मीडिया .जिसने लेखन के लिए एक उर्वरा भूमि तैयार की है .लेखन को सम्पादक की वीड से खर -पतवार से मुक्त किया है .
रविवार, 18 सितंबर 2011
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12 टिप्पणियां:
राजनीति पर करारा व्यंग.. सार्थक रचना....आभार...
जबरदस्त व्यंग्य आज के हालात पर , राम राम जी
lath gaad diya aapne
well written everyday one shoe
but they have became shameless
क्या ब्लॉग पर उपवास का कोई तरीका हो सकता है। कम से कम कुछ टीआरपी तो इसी बहाने मिलेगी।
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कभी देखा है ऐसा साँप?
उन्मुक्त चला जाता है ज्ञान पथिक कोई..
सबको ही सपने देखने का अधिकार है।
गुरुदेव ! टिप्पणी की क्या बिसात ..?
आप का लिखा पढ़ कर निहाल हो जातें हैं .:-))
हर स्थिति को इन दिनों तोता पंडित वीरू भाई व्यंग्य की तरह चला कर व्यंग्य -बाण कोंग्रेस की तरफ छोड़ देतें हैं ।
शुभकामनाएँ!
जबरदस्त ||
जबरदस्त ||
बहुत-बहुत बधाई ||
वाह,ज़बरदस्त व्यंग पढ़कर मज़ा आ गया.
इस बार तो एकदम निशाने पर लगा है ......धारदार व्यंग्य
इस बार तो एकदम निशाने पर लगा है ......धारदार व्यंग्य
सर जी.... राम राम!
आपने तीखा कटाक्ष किया है! आपकी बात पसंद आई!
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