किसकिस का मुंह बंद करेगी सरकार ?संसद वाणी पर तो पाबंदी लगा सकती है भाव पर नहीं .संसद एक भाव सत्ता है .बिला शक वह आज निर्भाव है ।
अब तलक सिर्फ निर्विरोध सांसदों के भत्ते बढाने का अभूतपूर्व काम किया है संसद ने .संसद की अस्मिता को बरकरार रखने वाला कौन सा काम किया है ?
अमर सिंह जैसों के धतकर्म पर दो मिनिट का मौन रखके संसद को शर्मिन्दगी ज़ाहिर करनी चाहिए थी ।
लालू जी ने बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों जैसा बनाने की बात कही थी .क्या उससे संसद की गरिमा बढ़ी थी ?
क्या संसद ने इस पर कभी अफ़सोस ज़ाहिर किया ?
शरद यादव जी ने अभी हाल ही जो कहा था क्या उससे संसदीय बहस का मान बढ़ा है ?
पहले संसद जनता को यह बतलाये संसद का काम क्या है .खासकर इस दौर में जब सब कुछ अब कैमरे के सामने घटित होता है .बौखलाहट किस बात की है ?
क्या कोई सार्थक विमर्श होता है संसद में ?
क्या आज तक सेक्युलर ,राष्ट्रद्रोह ,आतंक वाद जैसे शब्द परिभाषित हुए ?कौन है सेक्युलर इस देश में ?राष्ट्र द्रोह क्या है इसका अर्थ जनता को पता चला है ?यहाँ तक कि आतंकवाद भी मज़हब के खानों में तकसीम कर दिया गया है ।
क्या अयोध्या का मसला सुलझा ?ईसा के कफन सा यह आज तक अनिर्णीत है ?एक बुजुर्ग जो मंदिर के दस बाई दस फुट के कमरे में रहता था सरकार को अदालत की तरह चलाने वाले लोगों के बहकावे में आके सरकार ने उस कमरे की पैमाइश की यह कहते हुए यह कोर्पोरेट सत्ता का एजेंट हैं .आज वही सरकार एक सांस में उसे जेड श्रेणी की सुरक्षा देने की बाद कह रही है दूसरे सांस में उसके आधिकारिक प्रवक्ता आज भी यही विष वमन कर रहें हैं .उन्हें आर एस एस का मुखौटा बतला रहें हैं .आर एस एस को बदनाम करने के लिए ये सरकारी तोते यम लोक तक जाने को तैयार हैं ।
सांसदों को पहले अपने कर्म और आचरण की शुचिता निर्धारित परिभाषित करनी चाहिए फिर अपने ऊंचे कद ऊंचे आसन ,महत्व कांक्षा और विशेषाधिकार की बात करें ।
विशेषाधिकार का मतलब सिर्फ इतना होता है कोई बाहरी ताकत हमारे सांसदों को अपना काम काज ,विधाई काम करने से न रोके ।
बेशक विशेषाधिकार हाउस ऑफ़ कोमंस से लेकर ,ऑस्ट्रेलिया क्या ,कोमन वेल्थ के बकाया हिस्से तक भी पहुँच गया है .लेकिन इस विशेषाधिकार का मतलब न तो संसदीय एंठ हैं न अति -महत्वकांक्षी ऊंचा सिंह-आसन .राजपाट के काम को बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप से बचाना भर है जिसका स्वरूप निर्धारित हो चुका है ।
सरकार को चाहिए रोज़ सुबह उठकर आइना देखे !सोचे सरकार उसकी आज यह विश्वसनीयता कहाँ बिला गई ?क्यों पूरी तरह खत्म हो गई ।
सरकार शर्म शारी महसूस करे उस सब पर जो अब तक हुआ है .सरकारी तोतों को सरकारी पिंजरे के हवाले करे .छुट्टा न छोड़े ।
किरण बेदी जी और अन्यों ने सिर्फ आक्रोश व्यक्त किया है सरकार को उसका स्वागत करना चाहिए .मैं कुछ नहीं कहता लोग कह रहें हैं -सरकार की विश्वसनीयता और साख को लेकर आज तरह तरह के चुटकले चल चुकें हैं .लोग पूछ्तें हैं कहाँ है सरकार ?कैसी है सरकार ?
"विकिलीक्स आर एस एस और माया "
विकिलीक्स खुलासे के बाद मायावती को कहना चाहिए "ये विकीलीक्स वालों को मेरे पीछे आर एस एस ने छोड़ा है ।".
बसपा और मुझे बदनाम करने की आर एस एस साज़िश है यह ।
मायावती जी को हम बतलादें इस वक्त कोंग्रेस के पास ऐसे दो महारथी हैं जिन्हें अपने अलावा बाकी सबके बारे में सब कुछ मालूम है ।
ये दोनों आदमी आर एस एस के खिलाफ यमपुरी तक भी जा सकतें हैं ,अपनी जान भी दे सकतें हैं माया बहिन जी !
इन नामवरों में हैं :
(१)नामवर श्री मनीष तिवारी जी अन्ना फेम के ।दूसरे हैं
(२)नामचीन दिग्विजय सिंह जी ।
ये आपको बतलायेंगें ये विकिलीक्स फिकिलीक्स क्या होता है .यह सब आर एस एस का ही छद्म रूप है .मायाजी यकीन मानिए आपके मंसूबे पूरे होंगें .विकिलीक्स वाले निश्चय ही आपके यहाँ पानी भरेंगें .आपके खानसामे बन जायेंगें ।
सुप्रीम कोर्ट में भी सिर्फ दो ही प्रामाणिक गवाह चाहियें .इस दौर में दिग्विजय सिंह और मनीष तिवारी से ज्यादा विश्वसनीय प्राणि इस पृथ्वी नामक क्षुद्र ग्रह पर और कोई नहीं है .
हम आपके साथ हैं आपके पुराने फैन हैं .तभी से जबसे आप हेयर डू करवा रहीं हैं .रेशमी दुपट्टा लेतीं हैं ।
What can I do to help control fibroids ?
Try Herbs: Certain medical herbs may help control fibroids .
"Agnus castus " seems to work by regulating the production of female hormones.It increases production of the hormone progesterone ,which tends to balance the effects of oestrogen in the body .
ज़ाहिर है औषधीय पादप और दवा देने वाली जड़ी बूंटी तन्तुनुमा गांठों(फ़िब्रोइद्स ) के समाधान के लिए आनुषांगिक चिकित्सा का काम तो कर ही सकतीं हैं .सहायक चिकित्सा औग्ज़िलारी मेडिसन बन सकतीं हैं एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति के संग साथ .
काम करने का ढंग एक दम से सीधा सपाट - स्त्री हारमोनों का विनियमन करतीं हैं जड़ी बूंटीयां .
"एग्नस कास्ट्स "नामक बूंटी प्रोजेस्ट्रोन के उत्पादन में वृद्धि करवाती है जो शरीर तन्त्र में इस्ट्रोजन के असर को संतुलित रखने में विधाई भूमिका निभाता है .
अशोक वृक्ष की छाल को बेहद गुणकारी माना गया है .इसमें क्षमता है स्त्री हारमोनों के स्तर को सामन्य करने की कमीबेशी से निजात दिलवाने की .
गंगा राम अस्पताल की आयुर्वेद चिकित्सा की माहिर प्रीती छाबरा के अनुसार अशोक की छाल इस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिरोंन के बिगड़े हुए स्तरों को दुरुस्त करने की क्षमता से लैस है .
अधिक जानकारी और देखरेख के लिए हर्बल थिरेपिस्ट से परामर्श ज़रूर करें .
YOGA MIGHT HELP:
सेहतमंद खुराक के साथ साथ नियमित व्यायाम का अपना महत्व है .
फ़िब्रोइद्स से निजात के लिए योग को असरकारी माना गया है .अलबत्ता मासिक चक्र के हफ्ते में इससे परहेज़ ही रखा जाए ताकि लक्ष्ण उग्र रूप न ले सकें .
दो आसनों को विशेष जगह दी गई है Fibroids के समाधान के लिए -
(१)भारद्वाज आसन
(२)सुप्त विरासना
CUT BACK ON FATTY FOODS :
If your liver is sluggish ,oestrogen is more likely to exert its action in the body ,which in turn increases the likelyhood of fibroids .
ज़ाहिर है यदि यकृत कमज़ोर है तब फ़िब्रोइद्स के आसार बढ़ जातें हैं .
ऐसे में खुराक की ओर विशेष ध्यान देना ज़रूरी हो जाता है .लीवर का काम बढाने वाले तमाम पेय और खाद्यों से बचा जाए .(शराब तमाम लीवर में से ही होकर जाती है ,एल्कोहल युक्त तमाम पेय भी ).फेटी फूड्स लीवर पर भारी पडतें हैं .तमाम किस्म के संशाधित खाद्य इसी वर्ग में आयेंगें .
रेड मीट ,कॉफ़ी,केफीन युक्त अन्य पेय इसी श्रेणी में रखे जायेंगें .एल्कोहल का ज़िक्र हम पहले ही कर चुकें हैं .
क्या खाएं ?
खुराक में बहुलता रखें -मोटे अनाजों की ,होल अन -रिफाइंड फूड्स ,ताज़े फल ,तरकारियों की और ढेर सारा पानी पीजिये ।
वगरना हर सू यही आवाज़ आयेगी ....
उन्हें (दिग्विजय सिंह जी )को कुछ अपना हित भी सोचना चाहिए .मैं उनका हितेषी हूँ इसलिए चेता रहा हूँ .अन्ना उन्हें दो बार पागल भिजवाने की सलाह दे चुकें हैं .अन्ना की वाणी में दैवीय वास है जो कह रहें हैं सच हो रहा है अगर उन्होंने तीसरी बार और कह दिया कि दिग्विजय पागल है तो लोग हर सू बैनर पोस्टर प्ले कार्ड लिए आजायेंगें -जिसपे लिखा होगा -दिग्विजय पागल है .वह प्रामाणिक पागल मान लिए जायेंगें .फिर कोई मानसिक आरोग्य केंद्र ,इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिहेवियरल हेल्थ एंड एलाइड साइंसिज़ ,निमहांस(नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड एलाइड साइंसिज़ ) या फिर विमहांस(विद्यासागर इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसिज़ ) भी उन्हें लेने से इनकार कर देंगें .आगे उनकी मर्जी.
6 टिप्पणियां:
बहुत बढ़िया विश्लेषण ||
बधाई |
वीरू भाई ||
शुक्रिया रविकर भाई !हम तो वागीश जी के तोते हैं .प्राधिकृत प्रवक्ता हैं .बस !तेरा तुझको अर्पण ...
बहुत बढ़िया ट्रेंड किया है ...
वागीश जी ने अपने तोते को ...
तेरा तुझ को अर्पण ...
वागीश जी को सादर प्रणाम !
वीरुभाई आप को शुभकामनायें !
लोकतन्त्र की संस्थाओं की गरिमा बनी रहे।
दिग्विजयजीको आपकी सलाह पर अमल करनी ही चाहिए .......
Mast likha hai sir ji.......
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