शनिवार, 17 सितंबर 2011

भई ,वो क्यों अनासन (अन +असन )कर रहें है .

अन्ना ने अनसन क्या किया अनसन को एक विश्वसनीयता मिल गई .गांधीजी ने उसे एक परम -आदरणीय स्थान दिलवाया था .दुश्शासन के खिलाफ एक अहिंसक अश्त्र बनाया था ।
मोदी अपने दस बरसों के शासन को तौल रहें हैं .आत्म मंथन कर रहें हैं प्रण ले रहें हैं सब के प्रति उनके प्रति भी जो गुजिस्ता दिनों में उनके कटु आलोचक रहें हैं उनके दिल में समान भाव रहे लेकिन ये वाघेला भी उसी समय उसी अवधि के लिए क्यों अनसन कर रहें हैं .कहीं यह अनशन का अर्थ -अन्न -शन तो नहीं समझ रहें हैं .जहां अन्न हिंदी का है और शन यानी छोड़ना अंग्रेजी का है .अन्न तो ये कोंग्रेसी गोदामों में भी नहीं छोड़ते फिर अब कैसे छोड़ रहें हैं ?.कहीं हाई कमान का आदेश न आजाये सारे कोंग्रेसी अन्न छोडो और अनसन बदनाम हो जाए ।
हमारा विचार है इस विषय में दिग्विजय सिंह जी से भी पूछ लिया जाए जिन्हें महारत हासिल है सभी चीज़ों की .

5 टिप्‍पणियां:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

हा हा हा ! दिलचस्प !
वैसे राजनीति भी क्या चीज़ है ।

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अनशन अस्त्र, शर्तिया है।

रविकर ने कहा…

बहुत बढ़िया प्रस्तुति ||

आपको हमारी ओर से

सादर बधाई ||

संघ-नाव पर बैठकर, मोदी और बघेल |
सालों शाखा में गए, खेले संघी खेल |

खेले संघी खेल, 'कुरसिया' लगे खेलने |
कांगरेस - पापड़ा , बघेला बड़े बेलने |

करत नजर-अंदाज, 'माम' नाराज दाँव-पर |
सी एम् पद की दाल, गले न संघ नाव पर ||

ZEAL ने कहा…

let's see what future has in store.

Rakesh Kumar ने कहा…

अनासन(अन+असन) से प्रसन्न कर दिया वीरूभाई.
सिपाही सिपाही चचेरे भाई.