गुरुवार, 8 सितंबर 2011

किस्मत वालों को मिलती है "तिहाड़".

जिस प्रकार संविधान निर्माताओं ने यह नहीं सोचा था किसंविधान का पाला एक दिन दस नंबरियों से पड़ेगा वैसे ही तिहाड़ के निर्माताओं ने यह कहाँ सोचा था कि एक दिन तमाम "वीआईपीज़ "तिहाड़ के अहाते में आजायेंगें और तिहाड़ एक लघु संसद में तबदील हो जायेगी .एक लघु सचिवालय भी यहाँ बनाना पड़ेगा .और दिल्ली विधान -सभाई क्षेत्र भी ।
नए सिरे से एक री -ओरिएंटेशन प्रोग्रेम तिहाड़ कर्मियों को देना पड़ेगा ताकि वह संसद रत्न अमर सिंह जैसों फगन सिंह कुलस्ते ,तथा महावीर भगोरा ,संचार शिरो -मड़ी श्री .राजा साहब ,सचिव -स्तरीय सिद्धार्थ बेहुरा ,राजा के सहयोगी रहे आर.के .चंदोलिया साहब ,तथा महा -लक्षमी कनिमौंझी तथा कलाइग्नर टी वी सुदर्शन श्री शरद कुमार ,खेल पति कलमाड़ी साहब ,ललित भनोट साहब ,वी के वर्मा साहब ,एस वी प्रसाद ओरे तथा सुरजीत लाल जैसेअमूल्य रत्नों के साथ तालमेल बिठा सकेंकोर्पोरेट शहंशा स्वान टेलीकोम के शाहिद बलवा ,विनोद गोयनका तथा यूनिटेक वायरलैस के संजय चन्द्रा ,सिने युग फिल्म के करीम मोरानी साहब ,तथा कुसेगांव फ्रूट एंड वेजिटेबल प्रा .लि.के आसिफ बलवा तथा राजीव बी. अग्रवाल साहब के स्वाभावानुरूप अपने को ढाल सकें
अभी तो कई और महा -लक्ष्मियाँ पाइप लाइन में हैं
मालिक देता है जब तो छप्पड़ फाड़ के देता है .कहतें हैं एक दिन घूरे के भी दिन फिरतें हैं ."एवरी डॉग हेज़ हिज़ डे "।
बेऊर जेल के दिन लालू से बहुरे थे .तिहाड़ की तो लोटरी ही खुल गई है .संसद से ज्यादा रोशनी और सिक्युरिटी है आज तिहाड़ में
चंद दिनों पहले अन्ना जी को भी यहाँ लाकर उपकृत किया गया .अपने राम देव जी को इस वी आई पी स्टेटस से वंचित रहना पड़ा .क्या करें उनकी किस्मत में भगवा वस्त्र और लंगोट ही है .तिहाड़ किस्मत वालों को मिलता है .
नए सिरे से "फस्ट डिग्री मेथड" प्रशिक्षण देना पड़ेगा तिहाड़ियों को .
लिंक :तिहाड़ ,किस्मत और वीआईपीज़ .

9 टिप्‍पणियां:

कुमार राधारमण ने कहा…

राजन पिल्लै,हर्षद मेहता और तेलगी जैसे बिजनेसमैन को दिल की मज़बूती का राज इन्ही पत्थरों से सीखना चाहिए था।

वीरेंद्र सिंह ने कहा…

Sahi sir ji!

रविकर ने कहा…

जात - पांत न देखता, न ही रिश्तेदारी,
लिंक नए नित खोजता, लगी यही बीमारी |

लगी यही बीमारी, चर्चा - मंच सजाता,
सात-आठ टिप्पणी, आज भी नहिहै पाता |

पर अच्छे कुछ ब्लॉग, तरसते एक नजर को,
चलिए इन पर रोज, देखिये स्वयं असर को ||

आइये शुक्रवार को भी --
http://charchamanch.blogspot.com/

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

वाह!

अशोक सलूजा ने कहा…

वीरुभाई.. मिलने दो किस्मत वालों को "तिहाड़ "
अभी तो पीछे लाइन लगी है ..????
हम बदकिस्मत ही ठीक हैं ..:-):-)
राम-राम !

डॉ टी एस दराल ने कहा…

बढ़िया व्यंग hai veerubhai .

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

तिहाड़ का स्तर बढ़ रहा है।

रविकर ने कहा…

मनमोहन कर दंडवत, लौटा आज स्वदेश,
भू-खंड एकड़ चार सौ, भेंटा बांग्लादेश |

भेंटा बांग्लादेश, पाक को कितना हिस्सा,
काश्मीर का देत, बता दे पूरा किस्सा |

बड़ा गगोई धूर्त, किन्तु तू भारी अड़चन,
यहाँ करे यस-मैम, वहां क्यूँ यस-मनमोहन ??

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह ... एक से बढ़ कर एक सितारे अहिं तिहाड में आज ....