क्या अब इनकी याद को ताज़ा बनाए रखने के लिए एक और तीन मूर्ती भवन बनाया जाए ?
पहला सवाल देश जिसे गृह मंत्री समझता है उन ज़नाब चिदम्बरम से -काग भगोड़े ने एक बार और सिर्फ एक बार पुलिस का हवाला हवा दिया था अन्ना जी के अनशन के सन्दर्भ में लगता है गृह मंत्री ने वही लाइन पकड़ ली है .हर सवाल का एक ही ज़वाब देतें हैं दिल्ली पुलिस से पूछिए ये सवाल वह बतलायेगी .भाई साहब संस्कृत में "गृह "का एक अर्थ "घर "भी होता है ,कहीं गृह मंत्री अपने घर के और घर में ही तो मंत्री नहीं है ?क्या पुलिस महकमा तमाम एस पी साहेबान गृह मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आता .आप श्रीमान भारत सरकार के गृह मंत्री हैं ?आपकी ही पुलिस ने अन्ना को लिफ्ट में जाकर गिरिफ्तार किया था .अन्ना जी ने जब पूछा मेरा कुसूर क्या है ,आपकी पुलिस ने बतलाया "ऊपर का आदेश है "ये घरू मंत्री "ऊपर का आदेश "क्या चीज़ है ?ऊपर कौन है ?
अम्बिका सोनी जी आप सूचना प्रकाशन मंत्रालय संभाल रहीं हैं क्या आप बतला सकतीं हैं आप कौन से गांधी की बात करती हैं ?सोनिया गाँधी ?
यदि आप महात्मा गांधी की बात करतीं हैं तो कृपया यह बात जनता को बतलाएं इस महात्मा ने दिल्ली में कहाँ कहाँ ब्रितानी शासन के खिलाफ अनशन किया था .यदि अन्ना अन्न ग्रहण नहीं करतें हैं "अनशन "करतें हैं ,तो यकीन मानिए आप तीन मूर्तियों का वजन कम नहीं होगा .आपकी सरकार का भी वजन कम नहीं होगा ..बड़ी ख़ुशी हुई यह जानकार यह त्रि -मूर्ती भ्रष्टाचार के खिलाफ है ।
और कपिल साहब "जे पी पार्क ,मथुरा रोड "का ज़िक्र किसने शुरु किया था ,आपकी सरकार ने ही किया था ना ?तब इल्म नहीं था इस छोटी सी जगह के अनशन स्थल में बदलने पर जनता की आवाजाही बाधित होगी ?क्यों आप सुदर्शन कुमारजी एकके बाद दूसरी मूर्खता कर रहें हैं .सीधे सीधे क्यों नहीं कह देते हम से गलती हो गई अब सफाई क्यों दे रहें हैं ?.
सोमवार, १५ अगस्त २०११
संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है (दूसरी किश्त ).
अब जिन्होनें पढ़ लिया है ,उन्होंने ही "थामस साहब "को चीफ विजिलेंस कमिश्नर बना दिया था .किरण बेदी को कमिश्नर पुलिस बनने से रोक दिया था .कपिल सिब्बल जी इस देश की जनता को पूरी मासूमियत से बरगलाते ,बहकाते हैं ,"अनशन स्थल कमिश्नर ,दिल्ली पुलिस "तय करतें हैं .क्या पुलिस को वाकई इस देश में इतनी स्वायत्तता प्राप्त है ?सारा अमला तो "वी वी आई पी "सुरक्षा में लगा है ."एन एस जी "है शेष भारत ,आवाम के लिए क्या है ?
इन्हीं थामस साहब के कंधे और पीठ पर हाथ रखे रहे प्रधान मंत्री जी कहते हुए हमने जो कुछ किया देश हित में किया ,ठीक किया ,वे ऐसा ही बारहा कहते रहे जब तक के सुप्रीम कोर्ट ने फटकारा नहीं ,लताड़ा नहीं इस बिजूके को ,काग भगोड़े को .
संविधान जिन्होनें पढ़ लिया है उन्हीं लोगों ने राम लीला मैदान में बच्चों औरतों पर पुलिस से लाठी चार्ज करवाया ,अश्रु गैस के गोले दागे ,संतों को सलवार पहन कर भागने पर विवश किया .
पुणे में शान्ति पूर्ण प्रदर्शन करते किसानों पर गोली चलवाई .जमीन हड़प कर उनकी मुआवज़े के रूप में गोली खिलाई .
जिन्होनें संविधान पढ़ लिया है उस बे -जुबान बिजूके ने,काग भगोड़े ने अपने मुंह में कपिल सिब्बल की जुबान फिट करवाली है . .
ये लोग जो अपने को संविधान का माहिर बतलातें हैं ,अन्ना जी के लिए कहतें हैं उन्होंने संविधान नहीं पढ़ा है खुद संसद का सम्मान नहीं करते इसीलिए इनके चार सांसद जेल में है जिन्हें इन्होनें नहीं सुप्रीम कोर्ट ने तिहाड़ भेजा है .और १५० अपराधी हैं संसद में हैं .अन्नाजी संसद का सम्मान करतें हैं इसीलिए उन्होंने साफ़ कहा है संसद के समक्ष विमर्श के लिए दोनों लोक पाल प्रारूप रखे जाएँ उनके गुणधर्मों पर बहस हो ,जिसे सांसद मंजूरी दें वह भारत के आवाम के सर माथे के ,मेरे तुम्हारे .
10 टिप्पणियां:
वीरू भाई राम-राम !
संविधान पढ़ने ,समझने लायक तो में हूँ नही ...
पर त्रि-मूर्ति से तीन सवाल का ज़वाब तो मुझे भी सुनना है ...? क्या बात है ...जिंदाबाद ...
शुभकामनायें !
अब इस देश का बंटाधार होने में ज्यादा समय नहीं है।
आज सुबह मैंने देखा था पुराना लोहे का पुल पार करने के बाद नई दिल्ली तक पूरी छावनी बना रखी थी, आखिर डरपोक किससे डरे बैठे थे?
अले तोई मुझे ये तो बताओ कि इस हस्तिनापुर राज्य को चला तौन रहा है? अंधे ताऊ महालाज धॄतराष्ट्र....तानून मंत्री लामप्याले...या मिस समीला टेढी...? इस राज्य का तोई मालिक भी है या सब अपने अपने तलीके से जनता का खून चूसते लहोगे?
रामराम.
Great writing!.....very impressive thoughts.
राम राम भाई जी,
खैंच खैंच के लगा दी आपणे तो. मजा-सा आ गया. पर बेशर्मों को समझ आवे तब तो न.
yes very well written,they should accept it was a mistake.
आज तो मुंह पर कालिख पोतो मार्च होना चाहिए
देश सुदृढ़ हो।
सार्थक पोस्ट...
अन्ना देख रहे खिड़की से
दुबक रहे राजा व कलमाड़ी
धक्का मार रहे सब नेता
कीचड़ में फंसी सता की गाड़ी
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