इन दिनों चीन की सेना (ना )पाकी सेना के साथ मिलकर राजस्थान राज्य के जैसलमेर जिले से सिर्फ २५-३० मील की दूरी पर सैन्य अभ्यास कर रही है .क्योंकि हमें मार खाने की बाहरी ताकतों से आदत पड़ चुकी है और चीन तो हमारी काफी ज़मीन भी दबाये हुए है इसीलिए सरकार इस सब से जरा भी चिंतित नहीं है .सोफ्ट स्टेट होने को हम बारहा सिद्ध करते रहतें हैं .कोई भी आतंकी यहाँ पटाखे फोड़ के चला जाता है (सरकारी भाषा में बम विस्फोट को पटाखा ही कहतें हैं ) इसीलिए हमें इस सबकी भी आदत हो गई है .सरकार की चिंता "अन्ना है ",बकौल अन्ना के वह एक मंदिर के दस बाई दस फुटे कमरे में रहतें हैं .सरकार ने पैमाइश करवाई है .पता चला है लम्बाई भी सवा दस फुट है चौड़ाई भी .सरकार कहती है अन्ना झूठ बोल रहें हैं .और कोई आपके जैसा पैर छूकर एक कुर्ता दे जाता है तो सरकार तुनक कर कहती है पांच फुट दो इंच का आदमी इतना लंबा कुर्ता पहनता है .यह राष्ट्रीय संपत्ति का अपमान है .इसकी जांच होनी चाहिए .देशी आदमी होकर सरकार को धमकी देता है .विदेशी होता तो और बात थी .हम इसके घाव भी खाएं .अपनी औकात भूल गया ये आदमी .सेना का ट्रक चलाता था .गोली लगी तो जीवन से मोह भंग हुआ .कुंवारा रह गया इसमें सरकार की क्या गलती है .साला आगे नाथ न पीछे पगा .पेंशन पर ज़िंदा आदमी सरकार से पंगा लेने चला .
बुधवार, 10 अगस्त 2011
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13 टिप्पणियां:
सरकार की चिंता (ना) ज़ायज़ है ।
लेकिन चीन का इतने पास होना अवश्य चिंता का विषय है ।
बिलकुल चिंता ( ना ) करें !
आसानी से कोई हम पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं कर पायेगा !! शुभकामनायें आपको अन्ना !
प्रथमिकताओं की प्रायिकता बहुत कम हो गयी है।
*प्राथमिकताओं
चीन-पाक का सैन्य अभ्यास तो सीमा से 25-30 मील दूरी पर हैं लेकिन चीनी सामान तो देश में घुस चुका है. न खरीदें तो भारत का पैसा चीन नहीं जाएगा. फिर वह कंगला पाक के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास नहीं कर पाएगा.
The article appealed to the mind ...
blog pr is trh ki post ka swagt hona hi chahiye .
aabhar.
Chinta jayaj hai.
Behtreen article.
आपने, आज इंसानी बीमारी से हटकर, कुछ नया बताया है।
नहीं-नहीं आज आपने देश की असली बीमारी के बारे में बताया है।
ये देश के गद्धार नेता, क्या जाने देशभक्ति क्या होती है,
इनका डर देखो इन्होंने लाल किले के चारों ओर एक किलोमीटर के क्षेत्र को, एक तारीख से छावनी बना रखा है।
हजारों सैनिक जिसमें बम निरोधक दस्ता भी है, अभी से क्या काम है? क्या ये नेता छ्तीसगढ नक्सली गढ में जाने की हिम्मत रखते है।
संदीप भाई लठ्ठ गाड़ दिए आपने टिपियाने में यही तो राष्ट्र प्रेम को समर्पित निरपेक्ष दृष्टि है .शुक्रिया आपका बहुत बहुत .
Thursday, August 11, 2011
Music soothes anxiety, pain in cancer "पेशेंट्स "
.http://veerubhai1947.blogspot.com/ ( सरकारी चिंता राम राम भाई पर )
http://sb.samwaad.com/
ऑटिज्म और वातावरणीय प्रभाव। Environment plays a larger role in autism.
Posted by veerubhai on Wednesday, August 10
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Otizm, आटिज्म, स्वास्थ्य चेतना
ram ram bhai
बुधवार, १० अगस्त २०११
सरकारी चिंता .
हमेशा तभी जागते हैं जब बहुत देर जाती है..... यही तो अफ़सोस है
sarkar ki chinta ka karan bilkul sahi hai ek aaam admi hamse takkar lega kahin kuchh aur to nahin ?
शर्म आती है इस सरकार पे ...
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