वायु मंडल में तकरीबन तीस किलोमीटर ऊपर एक ओजोन की परत बनी रहती है .ओजोन की यह छतरी सौर विकिरण के खतरनाक परा -बैंगनी अंश को ऊपर ही रोक कर हमारे जैव मंडल की हिफाज़त करती है ।
सवाल यह है कैसे बनता है यह ओजोन मंडल ?
सौर विकिरण का परा बैंगनी अंश जब वायुमंडल में मौजूद ओक्सिजन अणुओं से टकराता है तब यह ओक्सिजन अनु वायु से एक और नवजात हाइड्रोजन परमाणु लेकर ओक्सिजन के तीन अणुओं का एक गठबंधन तैयार कर लेता है .ऐसा परा -बैंगनी विकिरण की मौजूदगी में ही हो पाता है जो ओक्सिजन के दो एटमी गठबंधन से तैयार अनु (ओ -२ )को तोड़कर नवजात ओक्सिजन (ओ )पैदा कर देता है .यही नवजात ओक्सिजन अनु (ओ)ओ-२ से गठबंधन कर ओ ३यानि ओजोन तैयार कर लेता है .यहाँ परा -बैंगनी विकिरण एक उत्प्रेरक का काम करता है .इस प्रकार तैयार ओजोन मंडल परा बैंगनी विकिरण को ओजोन मंडल में ही रोक लेता है .
रविवार, 6 दिसंबर 2009
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