दांतों के संक्रमण और सूज़न(शौजिश ) से निजात पाने के लिए अक्सर आपका डेंटिस्ट माउथ वाश का स्तेमाल आनुषांगिक चिकित्सा के तौर परतजवीज़ कर देता है .हवाई -जहाज़ की नियमित उडानों में भी यह वाश रूम /रेस्ट रूम्स /तोइलिट्स में दिखलाई दे जाता है .कुछ लोग यूँ ही दुर्गंध नाशी ,मुख प्रक्षालक के बतौर इसका स्तेमाल करने लगतें हैं .गरज यह ,इसका चलन बहु विध हो रहा है ,जबकि इनमे से कई मुख -शोधक एल्कोहल से लदे होतें हैं ,२६ फीसद तक एल्कोहल इनमे देखा गया है ।
कितना निरापद है इनका चलन ?शोध की खिड़की से देखतें हैं .ऑस्ट्रेलियाई साइंस दानों की मानें तो इनमे से बहुलांश में एल्कोहल मौजूद रहता है जो मुख कैंसर (कैंसर ऑफ़ ओरल केविटी )के खतरे को नौ गुना तक बढ़ा सकता है .क्युइंस -लेंड और और मेल -बोर्न विश्व -विद्यालय के अनुसार बेशक डेंटल प्लाक हठाने और जिन्जिवैतिस में राहत देते हैं यह माउथ वाश ,इनका स्तेमाल बिल्कुल कम अवधि और ब्रशिंग एंड डेंटल फ्लासिंग के अलावा गौण रूप में ही किया जाना चाहिए ,दीर्घावधि तक नहीं .बेशक ओरल हाई जीन मुख स्वास्थ्य एक बड़ी चीज़ है ,लेकिन किस कीमत पर हासिल कीजिएगा ?यह भी आपको ही देखना है ।
धूम्र पान सेवी यदि माउथ वाश का नियमित स्तेमाल करतें हैं ,दुर्गन्ध को छिपाने में तब ओरल कैंसर का ख़तरा ९ गुना तथा सुरा पान करने वालों के लिए (पियक्कड़ों )के लिए यदि वह भी इसके गुलाम हैं ,पाँच गुना बढ़ जाता है ।
जो लोग शाराब का सेवन नहीं करते उनके लिए यह ख़तरा पाँच गुने से कमतर ही रहता है ।
जो माउथ वाश २० फीसद से ज्यादा एल्कोहल से लदे होतें हैं उनसे मसूड़ों की बीमारी जिन्जिवा -इतिस के अलावा फ्लेट रेड स्पोट्स (पेतेचिए)मुख अस्तर से कोशिकाओं के छिटक कर अलग हो जाने (दितेच मेंट ऑफ़ दी सेल्स ला -इन -इंग दी माउथ )का जोखिम खासा बढ़ जाता है ।
सन्दर्भ सामिग्री :-माउथ वाश कैन राइज़ ओरल कैंसर रिस्क ना -इन फोल्ड (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,दिसंबर ५ ,२००९ ,पृष्ठ १७ ।)
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )
शनिवार, 5 दिसंबर 2009
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