बचके भैया डब्लू मैं मिनरल वाटर हूँ (स्वास्थ्य दिवस पर विशेष) :बोतल बंद खनिज युक्त जल बालकों के दांतों को खोखला बना सकता है .कोई फायदा नहीं है इस जल का जब तक की इसमें फ्लोराइड की वांछित निर्धारित मात्रा न हो .मुक्तावली के गिरते हुए स्वास्थ्य की वजह बन रहा हो सकता है यह खनिज युक्त जल .
बेशक यह जल सौ फीसद शुद्ध भले हो लेकिन लेकिन इसमें निर्धारित मात्रा फ्लोराइड की भी मिलाई गई है इसका कोई निश्चय नहीं .न ही इसकी पुष्टि करने का कोई स्पष्ट ज़रिया है .
क्या है फ्लोराइड ?
यह एक लवण (साल्ट ) है . एक संयोजन है फ्लोरिन का ,सोइल (मृदा )का ,चट्टानी खनिजों (rock minerals) का .
जल निगमों ,म्युनिसिपल बोर्डों द्वारा तकरीबन सभी राज्यों में लोगों को घरों तक मुहैया करवाई गई जल आपूर्ति में यह स्वेच्छया(स्वेच्छा से ) मिलाया जाता है .
क्या फायदा है इसका ?
दांतों के खोखला होते जाने के जोखिम को कमतर रखता है फ्लोराइड युक्त पेय जल .
मजेदार बात यह है बोतल बंद पेय जल में फ्लोराइड मिलाया जाए या नहीं यह फैसला निर्माता निगम का अपना होता है .कभी कभार ही कोई निर्माता कम्पनी यह जेहमत उठाती है .
8.4 अरब गैलन बोतल बंद पानी अमरीकी हर साल गटक जातें हैं .एक अमरीकी गैलन 3.8 लिटर के बराबर होता है .ब्रितानी गेलंन 4.5 लिटर के तुल्य होता है .
घर के नलके का टैप वाटर छोड़ कर मिनरल वाटर की तरफ जाना मुक्तावली की सेहत को चौपट कर सकता है .खोखला बना सकता है ऐसा कुछ माहिर मानतें हैं .और पानी ऐसी चीज़ है जो दिन में बार -बार पीया जाता है .
ज्यादा नुकसानी बालकों को भुगतनी पड़ेगी ,पड़ रही है .
इस तस्वीर पे गौर करिए
आज प्रत्येक दस दो साला बालकों में से एक ,तीन साला के मामलों में प्रत्येक पांच में से एक ,चार साला नौनिहालों में प्रत्येक तीन में से एक ,पांच साला बालकों का तकरीबन आधा हिस्सा टूथ डिके के अनुभवों से घिरा हुआ है .
भुगत रहा है दांतों का खोखला होते जाना .इसके साफ़ साफ़ नतीजे दंत शूल ,संक्रमण और डिसफंक्शन के रूप में सामने आ रहें हैं .कुछ को इलाज़ भी मयस्सर नहीं है .सबसे महंगा डॉ होता है दंत चिकित्सक .
आखिर क्या प्रासंगिकता और उपयुक्त -ता है ,ज़रुरत है बोतल बंद पेय जल की ?
पता चला बोतल का उठाऊ होना ले जाने की सहूलियत ,स्वाद और इस जल की गंध ही इसके चलन की वजह बनी हुई है .यह टैप वाटर के साथ -साथ बराबर दिया जा रहा है.स्कूल बैग के साथ . 2009 में सम्पन्न एक सर्वे में 70 फीसद अभिभावकों ने ऐसा ही माना है .
बेशक टैप वाटर के संदूषित होने का फोबिया भी कुछेक के लिए इसकी वजह रहा है जबकि यहाँ जल आपूर्ति संदेह से परे रही आई है .(रोग भ्रमी ,हाइपर -कोंड -रियाक का आप क्या करिएगा ,अमरीकी होतें ज़रूर है कई वहमी ).
बेशक यह बात इनके संज्ञान से परे है इन्हें नहीं पता है कि इस बोतल बंद पेय में फ्लोराइड है भी या नहीं .और अगर है भी तो क्या वह निर्धारित मात्रा में है या नहीं इसका भी कोई इल्म किसी आम माँ बाप को नहीं है .
क्या कहतें हैं अध्ययन और माहिर ?
"Available studies show that most bottled waters have less than 0.3 ppm [parts per million] of fluoride, well below the accepted level for optimally fluoridated drinking water," he said. "There are no [U.S.] Food and Drug Administration requirements that the amount of fluoride be labeled on bottled water unless it has been added during processing. This leaves consumers in the dark about the fluoride content of the bottled water they consume."
बेशक इसकी पुष्टि आदिनांक किसी अध्ययन से नहीं हुई है कि खनिज युक्त पेय जल दांतों की सेहत को खा रहा है लेकिन इसका खंडन भी कहीं से नहीं आया है .वैज्ञानिक पुष्टि किसी भी दिशा में बे शक नहीं हुई है लेकिन -
दूसरी तरफ माहिरों ने माना है कि फ्लोराइड युक्त टैप वाटर मुक्तावली के खोखले पन के खतरे के वजन को 25 % कम कर देता है .
and that no research has effectively discounted the possible connection between non-fluoridated bottled water consumption and a rise in tooth decay risk.
इसके बरक्स -
Indeed, Shenkin offered a "reminder that the U.S. Centers for Disease Control [and Prevention] listed water fluoridation as one of the 10 great public health achievements of the 20th century."
यानी जल को फ्लोरिन से युक्त करना बीसवीं शती का एक महत्वपूर्ण अन्वेषण बूझा गया है .
बात साफ़ है दंत क्षय को रोकने का एक कारगर ज़रिया समझा गया है फ्लोराइड को .सबसे बड़ी बात यह जीवाणु की शक्कर से तेज़ाब बनाने की कूवत को थाम लेता है. फ्लोराइड आज दसियों ज़रिये से दांतों तक पहुँच सकता है टूथ पेस्ट ,जेल ,रिंस ,वार्निशिज़ .कैसे भी पहुंचे असर कारी है दांतों की सेहत के लिए अच्छा है .(बा-शर्ते किसी ख़ास जगह की मिटटी और भू -जल में इसका बेहद बाहुल्य न रहा हो ).
इसीलिए फ्लोराइड युक्त टूथ पेस्ट से दांतों की सफाई कमसे कम दो मर्तबा करने को कहा जाता है .पानी तो आप पीते ही रहतें हैं फ्लोराइड युक्त हो तो बेहतर.
टैप वाटर तो बिना कीमत के मिलता है यहाँ (बात हिन्दुस्तान की या मुंबई की नहीं हो रही है ,आप जानतें हैं वहां क्या हालत है पेय जल की ),सहूलियत भी सब जगह है , नलका खोलो और ओंठ गीले करके पीलो .
लेकिन जब इस मुफ्त की पौशाला की जगह मिनरल वाटर ले लेता है वह भी बिना फ्लोराइड युक्त बोतल बंद पेय के रूप में तब यह लाभ जो अब तक दांतों को मिलता रहा था मुल्तवी हो जाता है .बस दांतों की सतह पर केविटी बनने के मौके आबाल्वृद्धों के लिए बढ़ते जातें हैं .अब बचाव के लिए फ्लोराइड का कवच नहीं है दांत आपका निहत्था है .
बेशक यह जल सौ फीसद शुद्ध भले हो लेकिन लेकिन इसमें निर्धारित मात्रा फ्लोराइड की भी मिलाई गई है इसका कोई निश्चय नहीं .न ही इसकी पुष्टि करने का कोई स्पष्ट ज़रिया है .
क्या है फ्लोराइड ?
यह एक लवण (साल्ट ) है . एक संयोजन है फ्लोरिन का ,सोइल (मृदा )का ,चट्टानी खनिजों (rock minerals) का .
जल निगमों ,म्युनिसिपल बोर्डों द्वारा तकरीबन सभी राज्यों में लोगों को घरों तक मुहैया करवाई गई जल आपूर्ति में यह स्वेच्छया(स्वेच्छा से ) मिलाया जाता है .
क्या फायदा है इसका ?
दांतों के खोखला होते जाने के जोखिम को कमतर रखता है फ्लोराइड युक्त पेय जल .
मजेदार बात यह है बोतल बंद पेय जल में फ्लोराइड मिलाया जाए या नहीं यह फैसला निर्माता निगम का अपना होता है .कभी कभार ही कोई निर्माता कम्पनी यह जेहमत उठाती है .
8.4 अरब गैलन बोतल बंद पानी अमरीकी हर साल गटक जातें हैं .एक अमरीकी गैलन 3.8 लिटर के बराबर होता है .ब्रितानी गेलंन 4.5 लिटर के तुल्य होता है .
घर के नलके का टैप वाटर छोड़ कर मिनरल वाटर की तरफ जाना मुक्तावली की सेहत को चौपट कर सकता है .खोखला बना सकता है ऐसा कुछ माहिर मानतें हैं .और पानी ऐसी चीज़ है जो दिन में बार -बार पीया जाता है .
ज्यादा नुकसानी बालकों को भुगतनी पड़ेगी ,पड़ रही है .
इस तस्वीर पे गौर करिए
आज प्रत्येक दस दो साला बालकों में से एक ,तीन साला के मामलों में प्रत्येक पांच में से एक ,चार साला नौनिहालों में प्रत्येक तीन में से एक ,पांच साला बालकों का तकरीबन आधा हिस्सा टूथ डिके के अनुभवों से घिरा हुआ है .
भुगत रहा है दांतों का खोखला होते जाना .इसके साफ़ साफ़ नतीजे दंत शूल ,संक्रमण और डिसफंक्शन के रूप में सामने आ रहें हैं .कुछ को इलाज़ भी मयस्सर नहीं है .सबसे महंगा डॉ होता है दंत चिकित्सक .
आखिर क्या प्रासंगिकता और उपयुक्त -ता है ,ज़रुरत है बोतल बंद पेय जल की ?
पता चला बोतल का उठाऊ होना ले जाने की सहूलियत ,स्वाद और इस जल की गंध ही इसके चलन की वजह बनी हुई है .यह टैप वाटर के साथ -साथ बराबर दिया जा रहा है.स्कूल बैग के साथ . 2009 में सम्पन्न एक सर्वे में 70 फीसद अभिभावकों ने ऐसा ही माना है .
बेशक टैप वाटर के संदूषित होने का फोबिया भी कुछेक के लिए इसकी वजह रहा है जबकि यहाँ जल आपूर्ति संदेह से परे रही आई है .(रोग भ्रमी ,हाइपर -कोंड -रियाक का आप क्या करिएगा ,अमरीकी होतें ज़रूर है कई वहमी ).
बेशक यह बात इनके संज्ञान से परे है इन्हें नहीं पता है कि इस बोतल बंद पेय में फ्लोराइड है भी या नहीं .और अगर है भी तो क्या वह निर्धारित मात्रा में है या नहीं इसका भी कोई इल्म किसी आम माँ बाप को नहीं है .
क्या कहतें हैं अध्ययन और माहिर ?
"Available studies show that most bottled waters have less than 0.3 ppm [parts per million] of fluoride, well below the accepted level for optimally fluoridated drinking water," he said. "There are no [U.S.] Food and Drug Administration requirements that the amount of fluoride be labeled on bottled water unless it has been added during processing. This leaves consumers in the dark about the fluoride content of the bottled water they consume."
बेशक इसकी पुष्टि आदिनांक किसी अध्ययन से नहीं हुई है कि खनिज युक्त पेय जल दांतों की सेहत को खा रहा है लेकिन इसका खंडन भी कहीं से नहीं आया है .वैज्ञानिक पुष्टि किसी भी दिशा में बे शक नहीं हुई है लेकिन -
दूसरी तरफ माहिरों ने माना है कि फ्लोराइड युक्त टैप वाटर मुक्तावली के खोखले पन के खतरे के वजन को 25 % कम कर देता है .
and that no research has effectively discounted the possible connection between non-fluoridated bottled water consumption and a rise in tooth decay risk.
इसके बरक्स -
Indeed, Shenkin offered a "reminder that the U.S. Centers for Disease Control [and Prevention] listed water fluoridation as one of the 10 great public health achievements of the 20th century."
यानी जल को फ्लोरिन से युक्त करना बीसवीं शती का एक महत्वपूर्ण अन्वेषण बूझा गया है .
बात साफ़ है दंत क्षय को रोकने का एक कारगर ज़रिया समझा गया है फ्लोराइड को .सबसे बड़ी बात यह जीवाणु की शक्कर से तेज़ाब बनाने की कूवत को थाम लेता है. फ्लोराइड आज दसियों ज़रिये से दांतों तक पहुँच सकता है टूथ पेस्ट ,जेल ,रिंस ,वार्निशिज़ .कैसे भी पहुंचे असर कारी है दांतों की सेहत के लिए अच्छा है .(बा-शर्ते किसी ख़ास जगह की मिटटी और भू -जल में इसका बेहद बाहुल्य न रहा हो ).
इसीलिए फ्लोराइड युक्त टूथ पेस्ट से दांतों की सफाई कमसे कम दो मर्तबा करने को कहा जाता है .पानी तो आप पीते ही रहतें हैं फ्लोराइड युक्त हो तो बेहतर.
टैप वाटर तो बिना कीमत के मिलता है यहाँ (बात हिन्दुस्तान की या मुंबई की नहीं हो रही है ,आप जानतें हैं वहां क्या हालत है पेय जल की ),सहूलियत भी सब जगह है , नलका खोलो और ओंठ गीले करके पीलो .
लेकिन जब इस मुफ्त की पौशाला की जगह मिनरल वाटर ले लेता है वह भी बिना फ्लोराइड युक्त बोतल बंद पेय के रूप में तब यह लाभ जो अब तक दांतों को मिलता रहा था मुल्तवी हो जाता है .बस दांतों की सतह पर केविटी बनने के मौके आबाल्वृद्धों के लिए बढ़ते जातें हैं .अब बचाव के लिए फ्लोराइड का कवच नहीं है दांत आपका निहत्था है .
WEDNESDAY, AUG. 1 (HealthDay News) -- On grocery store shelves and kitchen counters alike, bottled water has become a staple of the American dietary landscape.
But, some experts say it may contribute to diminished dental health.
While most bottled water manufacturers declare that their products are 100 percent "pure," "clean" or "natural," few brands contain one ingredient that most Americans take for granted: fluoride.
A salt formed from the combination of fluorine and soil and rock minerals, fluoride is voluntarily added by the vast majority of states and/or local municipalities (rather than the U.S. Environmental Protection Agency), to public water supplies across the United States.
The goal: to help reduce the risk for dental cavities.
When it comes to bottled water, the decision to add or not to add fluoride is left entirely up to individual manufacturers. Most do not.
And with Americans now consuming about 8.4 billion gallons of bottled water each year, according to the Beverage Marketing Corp., some experts say that turning away from tap water means more cavities and worse dental hygiene.
Concern are most acute when it comes to children.
Dr. Burton Edelstein, president of the Children's Dental Health Project in Washington, D.C., and a professor of dentistry and of health policy and management at Columbia University in New York City, describes the increasing prevalence of tooth decay among young children as "alarming."
"[Today] one in 10 2-year olds, one in five 3-year olds, one in three 4-year olds and approaching half of 5-year-olds have visually evident tooth decay experience," he said, adding that "the consequences in terms of pain, infection, dysfunction and unmet treatment need are significant."
But where does bottled water fit in, if at all?
In 2009, an Eastern Virginia Medical School study published in the journal Pediatric Dentistryfound that nearly 70 percent of parents surveyed said that they gave their children bottled water to drink, either exclusively or alongside tap water.
Parents cited bottle waters' convenience; a preference for its taste and smell; and a fear of tap water contamination.
Nearly two-thirds of parents said that they had no idea whether or not the bottled water they gave their children contained any amount of fluoride.
Dr. Jonathan Shenkin, an American Dental Association spokesman and Augusta, Maine-based pediatric dentist, said that consumers would have a hard time finding out if a product contained fluoride, and even if it did, whether the amount was significant.
"Available studies show that most bottled waters have less than 0.3 ppm [parts per million] of fluoride, well below the accepted level for optimally fluoridated drinking water," he said. "There are no [U.S.] Food and Drug Administration requirements that the amount of fluoride be labeled on bottled water unless it has been added during processing. This leaves consumers in the dark about the fluoride content of the bottled water they consume."
But the connection between bottled water and dental health is just a suspicion, with no scientific proof.
Shenkin acknowledged that "there has been no research to show using bottled water causes tooth decay." At the same time, he cautioned that fluoridated tap water is now believed by experts to reduce the risk of tooth decay by about 25 percent, and that no research has effectively discounted the possible connection between non-fluoridated bottled water consumption and a rise in tooth decay risk.
Indeed, Shenkin offered a "reminder that the U.S. Centers for Disease Control [and Prevention] listed water fluoridation as one of the 10 great public health achievements of the 20th century."
Edelstein seconded the notion that fluoride is an important tool in the fight against tooth decay.
"Fluoride -- no matter how it gets to the tooth surfaces -- toothpaste, water, rinses, varnishes, gels, is effective in a multitude of ways," he said. "It strengthens the tooth structure while also inhibiting the bacteria's capacity to produce acids from sugars. It is most effective when delivered multiple times throughout the day, by using fluoridated toothpastes twice daily and by drinking fluoridated water."
Edelstein noted that "the advantage of water is that it is consumed multiple times a day," adding that tap water is both convenient and free.
"[But] when bottled water without fluoride is substituted for fluoridated tap water, the advantage of regular, small amounts of healing fluoride is lost and children and adults will be more prone to cavity activity on the surfaces of their teeth," he warned.
That said, Edelstein -- like Shenkin -- also noted that no studies have as yet directly linked a higher risk for cavities to the consumption of bottled water in place of tap water.
"Some have attributed this increase and prevalence to bottled water substitution," he said. "But that remains conjecture as other factors -- increased sugar in diets, changes in demography, dental intervention -- may account for the change."
In a news release issued in March, the International Bottled Water Association (IBWA) denied that bottled-water consumption is associated with an increased risk for tooth decay.
"There is absolutely no correlation between consumption of bottled water and an increase in cavities," the IBWA stated. "In fact, bottled water does not contain ingredients that cause cavities, such as sugar." The organization also noted that about 20 of its member manufacturers actually produce "clearly labeled" fluoridated bottled water.
"Consumers," the IBWA added, "should therefore look at how much fluoride they are receiving as part of an overall diet and should contact their health-care provider or dental-care provider for their recommendation."
More information
For more on fluoride and tap water, visit the U.S. Environmental Protection Agency.
SOURCES: Jonathan Shenkin, D.D.S., M.P.H., spokesman, American Dental Association, and pediatric dentist, Augusta, Maine; Burton Edelstein, D.D.S., M.P.H., professor of dentistry and health policy and management, Columbia University, New York City, and president, Children's Dental Health Project, Washington, D.C.; March 7, 2012, press release, International Bottled Water Association
9 टिप्पणियां:
अधिक प्लास्टिक नुकसानदेह है..
Jankariparak Post
जानकारी के लिए आभार,,,,
रक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
फ्लोराइड दोधारी तलवार है भाई जी .
न हो तो डेंटल केरिज -- ज्यादा हो जाये तो फ्लोरोसिस नाम की बीमारी .
इसलिए संतुलन बहुत ज़रूरी है .
.हाँ हमारे भारत में अनेक स्थानों पर भू -जल में फ्लोराइड का आधिक्य रहा है और नतीजा रहा है फ्लोरोसिस ................शुक्रिया ."फ्लोरोसिस "
अच्छा ?बड़े काम की जानकारी
regarding India even water of Ganga is not safe few reports say this
nice post
बहुत ही अच्छी जानकारी...:-)
मिनरल वाटर भी दांतों की सेहत खराब करता है ... अच्छी जानकारी युक्त पोस्ट
एक टिप्पणी भेजें