बुधवार, 22 अगस्त 2012

रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल रोबोट नहीं .

What Puts The Ache In Headache?

The ache in headache does not come from your brain -your brain cannot feel pain .During brain surgery a patient is often wide awake feeling nothing , even talking to the surgeons and nurses while his /her brain operated on (a local anesthetic numbs scalp).So what puts the" ache" in headache ?

It's the  non -brain structures :blood vessels ,membranes and cranial nerves in the brain and skull .When these structures are streched ,compressed ,irritated ,inflamed or infected ,headaches often result .

देख तो दिल के जाँ से उठता है ,ये धुआं सा कहाँ से उठता है ,
बैठने कौन दे है फिर उसको ,जो तेरे आस्तां से उठता है .

तो ज़नाब !"जाग दर्द इश्क जाग दिल को न बे -करार कर "का कुछ अता पता शायरों को भी नहीं हैं .ये दर्द -ए -सिर दिमाग से नहीं उठता है अलबत्ता कपाली नसों (खोपड़ी के तंतुओं /स्नायुओं )की ,रक्त वाहिकाओं की ,शिराओं की ,हमारे शरीर के अंगों को ढकने वाली महीन त्वचा या मेम्ब्रेन तथा खोपड़ी की खाल (शिरोवल्क ),खुद खोपड़ी से ये दर्द तब उठता है जब इनमें  से किस्सी हिस्से में कोई खिंचाव ,जलन या संक्रमण हो जाता है ,या फिर सोजिश (सूजन ) आ जाती है .गौर तलब है दिमागी संरचना का अंग नहीं हैं ये हिस्से .

शिकार होता है इस दर्द की लहर का हमारा माथा (भाल या मस्तक ,मस्तिष्क नहीं जनाब ).यदि दर्द दिमाग से उठता तो दिमागी शल्य के दौरान पीड़ा होती जबकि इस दौरान एक स्थानीय पदार्थ शिरोवल्क को सुन्न भर कर देता है .इसे लोकल एनसथेटिक  कहा जाता है .चेतना हारी नहीं है यह पदार्थ .

The Chiropractic Approach

Why do millions of headache sufferers turn to the natural ,drug -free chiropractic approach to health?

That's because chiropractic has a unique healing approach -chiropractors are the only health professionals trained to analyse your body for a serious often ignored condition that can damage your nerves , cause tissue inflammation ,cause muscles to tighten and knot ,weaken your body ,cause fatigue and set the stage for sickness and disease .This condition is called the vertebral subluxation complex(VSC).

आखिर काइरोप्रेक्टर चिकित्सा के माहिरों के पास सर दर्द से आजिज़ आ चुके लाखों लाख लोग जाते रहें हैं तो उसकी कोई तो ख़ास वजह रही होगी .

चिकित्सा की निगरानी करने वाले  ये ही वह व्यवसाई हैं जो दवाओं का इस्तेमाल न करके स्वास्थ्य लाभ के प्रति  एक विशेष नजरिया लेके चलते हैं .यह हमारी काया का विश्लेषण और जांच अकसर एक ऐसी चिकित्सा स्थिति की शिनाख्त के लिए करतें हैं जिससे हम बा -खबर नहीं रहते ,अकसर हमें पता ही नहीं होता इस स्थिति का ,जो भीतर घात लगाए अंदर अंदर हमारी तंत्रिकाओं (नसों ,स्नायुओं ,नर्व्ज़) को क्षति ग्रस्त किए रहती है ,ऊतकों की सूजन की वजह बन सकती है ,पेशियों के सख्त पड़ने उनमें  गठाने पड़ने ,शरीर में कमजोरी और बे -दमी  की ,थकान की ,बीमारी की और अनेक रोगों की कालांतरण  में वजह बनती है .

यह प्रावस्था कहलाती है "VERTEBRAL SUBLUXATION COMPLEX(VSC).

यह  वैसे  ही  है जैसे आपका दांत अन्दर से खोखला हो चुका है और आपको खबर नहीं है इस केविटी की न इल्म है कि यह मुक्तावली का खोखलापन अंदर- अंदर क्या नुकसान करता होगा . कई मर्तबा सालों साल इस गंभीर स्थिति vsc का पता ही नहीं चलता .

आखिर क्या वजह बनती है इस स्थिति की जिसे VSC कहा  जाता  है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा शब्दावली में ?

यह बस एक नामालूम  सा विरूपण ,रीढ़ की हड्डियों के परस्पर संरेखन में थोड़ा सा खिसकाव ,मिसएलाइनमेंट   होता है जो हमारे स्नायुविक तंत्र की कार्य प्रणाली को दवाब में ले आता है .किसी भी किस्म  की संवेगात्मक भावात्मक खलबली ,इमोशनल डिसटरबेंस  ,कायिक (भौतिक ,फिजिकल )या फिर रागात्मक दवाब जिसका आप प्रबंधन नहीं कर पातें हैं ,मुकाबला नहीं कर पातें हैं आपकी रीढ़ को झेलना पड़ता है .रीढ़ कहती है चल में इस दवाब को लेती हूँ तू एश कर चलता चल प्राणी अपनी ढाल ज़िन्दगी की . 

काइरोप्रेक्टिक जांच 

काइरोप्रेक्टर का काम VSC के होने या फिर न होने का पता लगाना है इस एवज वह अपने हाथों का तो इस्तेमाल करता ही है एक्स -रे और अन्य इमेजिंग तकनीकों ,उपकरणों का भी सहारा ले सकता है .VSC के मिलने पर काइरोप्रेक्टर का काम नर्व प्रेशर (नसों का तनाव ,दाब )तथा रीढ़ के विरूपण को हटाना है .इस एवज वह हौले से नरमी के साथ आपकी रीढ़ का समायोजन करता है .

इस चिकित्सा प्रणाली के इतने अच्छे नतीजे क्यों निकलते हैं ?

Why Does Chiropractic Work So Well?

आखिर लाखों लाख लोगों के लिए जो सिर दर्द से बेतहाशा परेशां रहे आये थे क्यों यह चिकित्सा एक वरदान साबित हुई है .वजह इनमें ज्यादातर की सेहत को VSC का घुन लग रहा था ,सर दर्द इसी का परिणाम था .

एक अध्ययन में ६,००० ऐसे मरीजों को शामिल किया गया था जिन्हें पिछले २-२५ सालों से सर दर्द की शिकायत चली आरही थी .पता चला इस दर्द की वजह इनके गर्दन की चोट (नेक इंजरी )बनी थी . जोर का आकस्मिक झटका लगा था गर्दन को .जिस भी सर दर्द की वजह का सुराग हाथ न लगे पहला शक इसी नेक इंजरी पे जाना चाहिए .

रीढ़ के समायोजन का जादुई लाभ मिलता है ऐसे लोगों को .

SUBLUXATION CORRECTION HAD POWERFUL EFFECTS.

डेनमार्क की ODENSE UNIVERSITY में  एक  बेतरतीब वार नियंत्रित (RANDOMISED CONTROLLED TRAIL) अध्ययन आज़माइश  में जिन लोगों को काइरोप्रेक्टिक निगरानी के तहत रखा गया इनकी दर्द नाशियों  पर निर्भरता और इनका सेवन ३६%कम हो गया ,प्रति -दिन  रहने वाले सर दर्द के घंटों में ६९%कमी आई .

सर दर्द से बच्चे भी तंग रहतें हैं .

एक दस साला लड़की दीर्घावधि मीग्रेन की गिरिफ्त में तीन सालों से चली आरही थी .हफ्ते में छ :बार उसे मीग्रेन की असह पीड़ा झेलनी पड़ती .दर्द की उग्रता के चलते उसका स्कूल जाना भी मुल्तवी रहा आया .न्यूरोलोजिस्ट उसे कोई ख़ास फायदा नहीं दिलवा सके .

काइरोप्रेक्टिक जांच के बाद उसकी गर्दन की ऊपरी भाग में VSC मिला  .तीन बार उसकी रीढ़ का समायोजन किया गया .तीसरे हफ्ते में उसे दर्द से भी रहत मिली दर्द नाशियों से भी पिंड छूटा .वह न सिर्फ दोबारा स्कूल जाने लगी दोबारा उसने नृत्य की कक्षाओं में भी जाना शुरू कर दिया .पांचवीं काइरोप्रेक्टिक विजिट के बाद ही  उसकी मुस्कान फिर लौट आई .जीवन में खुशियाँ भी ...

एक तेरह साला लड़का फ़ुटबाल खेलते हुए चोटिल हुआ .चोट के बाद न उसे आवाज़ बर्दाश्त होती थी न रोशनियाँ .आँखों पर काले चश्मे तथा कानों में ईयर प्लग्स लगाने पड़ते थे .फोटो  सेंस्तिविती(प्रकाश संवेद्यता )और PHONOFOBIA की  गिरिफ्त  में चला आया था यह लडका चोटिल होने के बाद से ही .बेहद की पीड़ा झेल रहा था .इसे न दर्द नाशी राहत  दिला पाए न ट्रेक्शन जो दो सप्ताह तक दिया गया .

पहले ही काइरोप्रेक्टिक एडजस्टमेंट के बाद वह अपने  घर न सिर्फ बिना सन ग्लासिज़ के गया .उसने घर जाकर खाना भी खाया .खाने पीने में उसकी दोबारा रूचि जागी .वरना भूख प्यास सब ले उड़ा था चोट से पैदा दर्द और  कराह .

एक और अध्ययन में जिन मरीजों को सिर्फ काइरोप्रेक्टिक केयर मुहैया करवाई गई उनकी हालत में गौर तलब सुधार साफ़ दिखलाई  दिया .यह सुधार उस राहत  से कम न था जो शक्तिशाली प्रेस्क्रिप्शन ड्रग्स लेने वालों को मिल रही थी .लेकिन यहाँ एक फायदा साफ़  था ,काइरोप्रेक्टिक समूह को किसी अवांछित प्रभाव का सामना भी  नहीं करना पडा . 

सभी मरीजों की हेडेक डायरी से हेडेक इंडेक्स देखने के बाद पता चला -काइरोप्रेक्टिक समूह की दर्द की तेज़ी और आवृत्ति /बारंबारता में भी कमी आई है .बरक्स उनके जो कम -बाइंड थिरेपी ले रहे थे या फिर सिर्फ ड्रग थिरेपी .काइरोप्रेक्टिक समूह में कैसे भी पार्श्व प्रभाव सामने नहीं आए .

How Does Chiropractic Affect  Headaches  ?

For many years it has been said that the DC after a Doctor of Chiropractic's name also stands for a "Doctor of Cause"-chiropractors correct the cause of a patient's health problems , rather than give painkillers and other drugs which only treat the symptoms .A team of surgeons may have found one of the answers as to why chiropractic works so well .They discovered a small neck muscle that connects to brain membranes .When the neck is out of alignment ,this muscle can actually pull on the brain !

As the lead surgeons writes : "An increasing body of literature relates headaches to pathology affecting the cervical spine and a number of clinical trials have demonstrated that chiropractic .....is valuable for managing headaches."

कैसे असरकारी सिद्ध होती है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली सिर दर्द के मामलों में ?

बरसों तक यह कहा जाता रहा है कि काइरोप्रेक्टर चिकित्सक के नाम के बाद लिखा जाने वाला DC न सिर्फ डॉक्टर आफ काइरो -प्रेक्टिक  का बोधक है ,डॉक्टर आफ काज ("Doctor of Cause" वजूहातों का डॉक्टर )का भी संक्षिप रूप है . क्योंकि यह चिकित्सक सेहत से जुडी समस्याओं का समाधान करता है सिर्फ दर्द नाशी ,अन्य दवाएं देकर मर्ज़ के लक्षणों का शमन नहीं करता है .
शल्य कर्मियों की एक टीम को हो सकता है इस सवाल का एक संभावित ज़वाब मिला हो कि क्यों काइरोप्रेक्टिक सिर दर्द में भी अपना असर दिखाती है .
इस टीम  ने एक छोटी सी ग्रीवा पेशी (गर्दन की पेशी ,नेक मसल )का पता लगा लिया था जो दिमाग को ढके रखने वाली त्वचा (ब्रेन मेम्ब्रेंस )से जाके जुडती है .

जरा सा भी गर्दन का संरेखण बिगड़ने पर ,गर्दन का मिसएलाइन -मेंट होने पर यही पेशी हो सकता है दिमाग पे दवाब डालती हो एक खिंचाव पैदा करती हो .

ऐसा चिकित्सा साहित्य भरपूर है जो सिर दर्द का सम्बन्ध उस रोग विज्ञान से जोड़ता है जो रीढ़ ग्रीवा 
को असर ग्रस्त करता है .ऐसे नैदानिक परीक्षण भी बहुविध हुएँ हैं जिनसे यह आभास मिला है कि काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा व्यवस्था सिर दर्द के प्रबंधन में भी कामयाब आई है .  

Not A Headache Therapy 

Anyone suffering from headaches (or any other condition ) should make sure their spine is free from the vertebral subluxation complex (vsc)-for the health of their whole body ,not just certain parts.

ज़ाहिर  है हमारे शरीर सम्पूर्ण काया की सेहत की नव्ज़ हमारी रीढ़ के स्वास्थ्य से ही जुडी है .इसका तनिक भी विरूपण हमारी बीमारी और दुनिया जहां के तमाम रोगों की वजह बनता है . रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का रोबोट नहीं .    

 रीढ़ वाला आदमी कहलाइए बिना रीढ़ का नेशनल  रोबोट नहीं .   

3 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ये तो जैसे राम बाण है ... ये कैरोप्रेक्टिक जांच कहा कहा होती है ... इसके डाक्टरों को क्या कहा जाता है ... ये जरूर बताएं ... राम राम जी ...

Anita ने कहा…

रीढ़ की हड्डी यदि स्वस्थ है तो आदमी स्वस्थ है..उपयोगी पोस्ट !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

रीढ़ बनी रहे, बिना रीढ़ का क्या काम?