"आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता "-डॉ .वागीश मेहता ,डी .लिट .,1218 ,शब्दालोक ,अर्बन एस्टेट ,गुडगाँव -122-001
आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता
राजनीतिक लफ्फाज़ फैला रहें हैं भ्रम ,
कि आतंकवादी का नहीं होता कोई धर्म ,
अभिप्राय : है यही और यही है संकेत ,
कि आतंकवादी होता है धर्मनिरपेक्ष .
धन्य है सरकार ,क्या खूब बहका रही है ,
आतंकवाद का क्या ,धर्मनिरपेक्षता तो बढ़ा रही है .
प्रस्तुति :वीरुभाई ,43,309 ,सिल्वरवुड ड्राइव ,कैंटन ,मिशिगन ,यू . एस. ए .48 188 -डॉ .वागीश मेहता ,1218 ,शब्दालोक ,सेक्टर -4 ,अर्बन एस्टेट ,गुडगाँव -122-001
(2) संवेदनशील मामला
साहब से आकर पुलिस मैंन ने कहा ,
अजब सांसत में हूँ आज फंसा ।
सर ,चोर को रंगे हाथों पकड़ा है ,
तिस पर भी वह बेहद अकडा है ।
कहता है पहले तुम बहस करो ,
जो दर्ज़ करना है बाद में करो ।
मैं रोज़ देखता हूँ अपनी संसद ,
सिर्फ बहस का जहां निमंत्रण ।
फिर वोट भी तो लिया है बनवा ,
अब बताओ तुम्हारी क्या है रजा
सब सुनकर साहब सकपकाया ,
फिर धीरे से यूं फुसफुसाया -
संवेदनशील मामला है ,
चाय पिलवाओ और जाकर ड्यूटी पर खड़े हो जाओ ।
सन्दर्भ :संसद में करोड़ों रूपये खाने वाल़े ,खाके पकडे जाने वाले कहतें हैं पकड़ा गया हूँ तो क्या ,पहले बहस तो कराओ .अब भाई साहब चोर जब रंगे हाथों चोरी करते पकड़ा जाए ,उस पर बहस क्या करनी है .कल को वह भी कह सकता है ,पहले यह तो सिद्ध करो ,मैं चोर हूँ ,पकड़ा गया हूँ तो क्या ,सबूत तो जुटाओ .
प्रस्तुति :वीरुभाई ,43,309 ,सिल्वरवुड ड्राइव ,कैंटन ,मिशिगन (यू .एस .ए .) 48 188
आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता
राजनीतिक लफ्फाज़ फैला रहें हैं भ्रम ,
कि आतंकवादी का नहीं होता कोई धर्म ,
अभिप्राय : है यही और यही है संकेत ,
कि आतंकवादी होता है धर्मनिरपेक्ष .
धन्य है सरकार ,क्या खूब बहका रही है ,
आतंकवाद का क्या ,धर्मनिरपेक्षता तो बढ़ा रही है .
प्रस्तुति :वीरुभाई ,43,309 ,सिल्वरवुड ड्राइव ,कैंटन ,मिशिगन ,यू . एस. ए .48 188 -डॉ .वागीश मेहता ,1218 ,शब्दालोक ,सेक्टर -4 ,अर्बन एस्टेट ,गुडगाँव -122-001
(2) संवेदनशील मामला
साहब से आकर पुलिस मैंन ने कहा ,
अजब सांसत में हूँ आज फंसा ।
सर ,चोर को रंगे हाथों पकड़ा है ,
तिस पर भी वह बेहद अकडा है ।
कहता है पहले तुम बहस करो ,
जो दर्ज़ करना है बाद में करो ।
मैं रोज़ देखता हूँ अपनी संसद ,
सिर्फ बहस का जहां निमंत्रण ।
फिर वोट भी तो लिया है बनवा ,
अब बताओ तुम्हारी क्या है रजा
सब सुनकर साहब सकपकाया ,
फिर धीरे से यूं फुसफुसाया -
संवेदनशील मामला है ,
चाय पिलवाओ और जाकर ड्यूटी पर खड़े हो जाओ ।
सन्दर्भ :संसद में करोड़ों रूपये खाने वाल़े ,खाके पकडे जाने वाले कहतें हैं पकड़ा गया हूँ तो क्या ,पहले बहस तो कराओ .अब भाई साहब चोर जब रंगे हाथों चोरी करते पकड़ा जाए ,उस पर बहस क्या करनी है .कल को वह भी कह सकता है ,पहले यह तो सिद्ध करो ,मैं चोर हूँ ,पकड़ा गया हूँ तो क्या ,सबूत तो जुटाओ .
प्रस्तुति :वीरुभाई ,43,309 ,सिल्वरवुड ड्राइव ,कैंटन ,मिशिगन (यू .एस .ए .) 48 188
5 टिप्पणियां:
वीरु जी राजनीतिक हमाम में सब नंगे है जिस कारण देश का बंटाधार हो रहा है। यही वोट की राजनीति ऐसी ही चलती रही तो कई टुकडे हो जायेंगे इस देश के।
सच कहा आपने, आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है, उससे निर्ममता से निपटना चाहिये।
बेहतरीन ब्लॉग और प्रवीण जी ने सही कहा है की आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है उनका एक ही धर्म और एक ही मकसद होता है और वो है दहेशत फैलाना
Chori aur seenajouri isi ko kahte hain ....
Aaj laathi mere paas hai to bhainse to saari meri hi hongi na ... Kahe ki hai touba .... Jai ho sarkar ki ....
सुन्दर कवितायेँ .
तो आजकल आप यु एस में हैं !
एक टिप्पणी भेजें