NYC'S fat ban paying off
न्यूयोर्क शहर में आयद किये गए उस पांच साल पुराने प्रतिबन्ध के सु -परिणाम अब खुलकर सामने आयें हैं जिसके तहत शहर के रेस्तराओं को ट्रांस फेट्स इस्तेमाल करने के लिए मना किया गया था .फास्ट फूड्स के प्रेमियों को इसका सीधा फायदा पहुंचा है .शहर के स्वास्थ्य अफसरान द्वारा संपन्न एक अध्ययन से पता चला है इन रेस्तराओं ने Hydrogenated oils का इस्तेमाल कमतर कर दिया है . ट्रांस फेट्स और स्प्रेड्स का मुख्य स्रोत यही हाड्रोजन से संयुक्त किया गया तेल था .हम जानतें हैं फास्ट फ़ूड बासा खाना ही होता है जिसकी भंडारण अवधि को बढाने के लिए ही ट्रांस फेट्स का इस्तेमाल किया जाता रहा है .ट्रांस फेट्स बोले तो डालडा .बोले तो हाइड्रोजन -ईकृत तेल .
ख़ुशी की बात यह है इस प्रतिबन्ध के वांछित परिणाम सामने आयें हैं .ट्रांस फेट्स की मात्रा तमाम खाद्यों में पहले के तीन ग्राम से घटके आधा ग्राम रह गई है .अलावा इसके जहां २००७ में ऐसे खाद्य जिनमे आधा मिलीग्राम या इससे भी कम ट्रांस फेट्स था ३०%ही थे २००९ में बढ़कर ५९% हो गए .इतना ट्रांस फेट्स न के बराबर ही या फिर निरापद ही समझा जाता है .
ज्यादातर उपभक्ताओं को इसका पता भी नहीं चला है कहीं से कोई खदबदाहट नहीं हुई है .मैकदोनाल्ड्स,बर्जर किंग्स ,पिजा हटआदि सभी खाद्य संशाधन ,तपाने ,बेकिंग ,तेल में पकाने तलने आदि के लिए ट्रांस फेट्स का ही इस्तेमाल करते आये थे.बेशक कुछ ट्रांस फेट्स मांस और दुग्ध उत्पादों में कुदरती तौर पर भी मौजूद रहता है लेकिन अब इन नतीजों से उत्साहित होकर न्यूयोर्क ही नहीं अमरीका के बाकी सभी राज्यों में भी इन ईट्रीज़ ने ट्रांस फेट्स को कमतर रखने का ही मन बना लिया है .
स्थानीय स्तर पर की गई एक छोटी सी पहल एक बड़ी पहल में तब्दील होने जा रही है .
क्या नुकसान है ट्रांस फेट्स का (Hydrogenated vegetable oils )का ?
ट्रांस फेट्स दिल को खतरे में डालने वाले बेड LDL Cholesterol के स्तर को हमारे खून में बढातें हैं जबकि दिल के लिए मुफीद समझे गए HDL Cholesterol के स्तर को कम कर देतें हैं .
ट्रांस फेट्स का कथित मोडरेट इस्तेमाल भी दिल के लिए ख़तरा -ए -जान बनके खड़ा हो जाता है.
२००६ से ही अमरीकी दवा एवं खाद्य संस्था ऍफ़.डी .ए .ने पैकिट में बंद खाद्यों को अपने लेबल पर ट्रांस फेट्स दर्शाने का अनुदेश ज़ारी किया था और अमरीका में अनुदेश का मतलब हुकुम ही होता है जिसकी तामील की जाती है लेकिन इसे अप्रयाप्त ही समझा बूझा गया तो इसकी वजह भी स्पष्ट है अमरीकी अपने भोजन का एक तिहाई अंश प्रति दिन इन फ़ूड सेंटर्स से ही जुटातें हैं .
पूर्व में न्यूयोर्क से ही पहल की गई थी सोडा(पेप्सी ,कोक ,आदि ) की बोतलों का आकार घटाने की .यहाँ बिग पोर्शन और बिग साइज़ हावी रहा है अमरीकी मानसिकता में इसीलिए दूरी भी मील में नापी जाती है न कि किलोमीटर में . यहाँ हर चीज़ का मेगा साइज़ है कार से लेकर मानुषों का .अमरीकियों के मुटियाने की वजह भी यह बिग पोर्शन ही बना है ,अनाप सनाप फास्ट फ़ूड और शराब भी .
एक छोटी सी सार्थक पहल ले जाती है एक बड़ी पहल की ओर
5 टिप्पणियां:
बहुत ही सार्थक पहल, उतनी ही सार्थक प्रस्तुति।
सच कहा आपने, स्वास्थ्य सर्वोपरि है..
काश कि हमारे यहाँ भी कोई समझे ।
एक छोटी सी सार्थक पहल ले जाती है एक बड़ी पहल की ओर,,,,
रक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
ट्रांस फेट ...
ऐसी सार्थक पहल अपने देश में भी होनी चाहियें ...
राम राम जी ...
एक टिप्पणी भेजें